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Jayesh gulati
Unsplash कैसे मिटाऊं। (read full in caption) ©Jayesh gulati मैं को, मैं की याद से कैसे मिटाऊं । तुझको अपनी याद से कैसे मिटाऊं ।। करता हूँ कोशिश, अब मैं, खुद से भी दूर रहने की । मैं इस जिस्म से, तेरी
मैं को, मैं की याद से कैसे मिटाऊं । तुझको अपनी याद से कैसे मिटाऊं ।। करता हूँ कोशिश, अब मैं, खुद से भी दूर रहने की । मैं इस जिस्म से, तेरी
read morePoet Kuldeep Singh Ruhela
Unsplash में मुर्शद तू मुर्शद ये सारा जहां मुर्शद हो गया प्यार के तराने लिखता लिखता में तो खुद बेगाना हो गया ©Poet Kuldeep Singh Ruhela #traveling में मुर्शद तू मुर्शद ये सारा जहां मुर्शद हो गया प्यार के तराने लिखता लिखता में तो खुद बेगाना हो गया
#traveling में मुर्शद तू मुर्शद ये सारा जहां मुर्शद हो गया प्यार के तराने लिखता लिखता में तो खुद बेगाना हो गया
read morePriyanka pilibanga
White मेरे पापा लिखते मेरा मुकद्दर, अगर मेरे पापा लिखते। ना दौलत, ना शोहरत, की कमी लिखते। जहां जहां गम लिखें है, वहां वहां वो सुख लिखते। मेरा मुकद्दर, अगर मेरे पापा लिखते। धुधली सी खुशियों को वह साफ़ साफ़ लिखते। मेरी ज़िन्दगी में दुःख नाम के, शब्द ही ना होते। मेरा मुक़द्दर, अगर मेरे पापा लिखते। ©Priyanka Poetry मेरे पापा लिखते
मेरे पापा लिखते
read moreN S Yadav GoldMine
White {Bolo Ji Radhey Radhey} याद रखना भगवान हमारा भाग्य नही लिखता, हमारी सोच-समझ, हमारे कर्म, हमारा आचरण, हमारे बोल, हमारे आध्यात्मिक चिंतन से हमारा भाग्य और भाग्य के फल का निर्माण होता है।। जय श्री राधेकृष्ण जी।। ©N S Yadav GoldMine #sad_quotes {Bolo Ji Radhey Radhey} याद रखना भगवान हमारा भाग्य नही लिखता, हमारी सोच-समझ, हमारे कर्म, हमारा आचरण, हमारे बोल, हमारे आध्यात्मिक
#sad_quotes {Bolo Ji Radhey Radhey} याद रखना भगवान हमारा भाग्य नही लिखता, हमारी सोच-समझ, हमारे कर्म, हमारा आचरण, हमारे बोल, हमारे आध्यात्मिक
read moreRiyanka Alok Madeshiya
White चलना है विश्राम नहीं है.... ------------------------------ चलना है विश्राम नहीं है। व्यर्थ में करना आराम नहीं है। अमूल्य समय गंवाने से, बनता कोई काम नहीं है। समय जो एक बार चला जाएगा। वापस वह लौट कर नहीं आएगा। चाहे तुम जितना जोर लगा लो, समय का चक्र तो ना घूम पाएगा। जीवन को ना समझो सुमन-पथ। यह तो है ;बिन पहियों का रथ। खींच कर तुमको ले जाना है, और पार करना है यह अग्निपथ। संकल्प और स्वाभिमान जीवन पथ पर संगी होंगे। तभी तो पूर्ण जीवन के हर एक सपने होंगे। अनवरत हो आगे ही आगे जब तुम बढ़ते जाओगे, तो कांटे भी इस पथ के फूलों से कोमल होंगे। स्वरचित और मौलिक रियंका आलोक मदेशिया ©Riyanka Alok Madeshiya #चलना है विश्राम नहीं है
#चलना है विश्राम नहीं है
read moreF M POETRY
White छिप भी जाता है नज़र आता है.. चाँद है हुश्न पे इतराता है.. यूसुफ आर खान... ©F M POETRY #चाँद है हुश्न पे इतराता है....
#चाँद है हुश्न पे इतराता है....
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