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Ghumnam Gautam
मक़ाम पाया है रोशनी ने तुम्हारे चेहरे पे आके आख़िर तुम्हारे कारण ही हो सका है हमारा परिचय भी रोशनी से ©Ghumnam Gautam #रोशनी #परिचय #ghumnamgautam #कारण
#रोशनी #परिचय #ghumnamgautam #कारण
read moreM.K Meet
मिटा सको तो मिटा दो मेरी हस्ती निकाल फेंको मुझे अपने घर से बाहर मगर कैसे जी सकोगे अपने दिल के बिना यार उसी घर में तो ,मै अपना घर बनाया हूं!!! . ©M.K Meet #घर
dr.rohit sarswati
White ( घर लौट चलूँ ) मन करता है छोड़ शहर की चका चौंद को घर अपने में लौट चलूँ ! मन करता है तोड़ नौकरी की जंजीरें इस शहर को तनहा छोड़ चलूँ । छोड़ चलूँ इस चँचल मन को इस शहर की भीड़ में रोता बिल्कता ! पीछे मुड़के ना देखूँ में चला जाउँ बस आगे बढ़ता । झुटी दिखावटी इस दुनिया से अब में नाता तोड़ चलूँ ! घर अपने मे लौट चलूँ घर अपने में लौट चलूँ । ©dr.rohit sarswati #घर लौट चलूँ
#घर लौट चलूँ
read moreTara Chandra
मात्र ईंट पत्थर आदि पदार्थ ही घर की बुनियाद नहीं होते, ... ... माता–पिता, दादा–दादी आदि के अनगिनत सपने, मेहनत तथा प्यार भी बुनियाद का हिस्सा होते हैं।। ©Tara Chandra #Home #घर
katha Darshan
Red sands and spectacular sandstone rock formations ख्वाबों की सजी थी महफिल पर हसरत नीलाम हो गई तूने क्या एक नजर देखा सांवरे मेरी रूह तक तेरी गुलाम हो गई ©katha Darshan #Nojoto रोशनी ! Katha Darshan
रोशनी ! Katha Darshan
read moreParasram Arora
White पहले थोड़ी कमाई से भी वृहद परिवार का भरन्न पोषणआराम हो जाता था लेकिन आज लूट खसोट वाली कमाई करने के बावजूद घर परिवार मुश्किल से चल पाता है ©Parasram Arora घर परिवार
घर परिवार
read morem kalvadiya
White कड़वा हे मगर सच है कूछ ओरते जिन्हे बहू घर कि लक्ष्मी कहा जाता हे उनकी हालत काम वाली बाई से ग ई गुजरी होती है कम से कम काम वाली बाई को उसकी सेलरी तो मिलती है ओर तो ओर तिज त्योहारो पर पर खूशी से भेंट भी मिलती है लेकिन घर की लक्ष्मी घर के झाडू से भी नकारा समझी जाती हे कम से कम उसकी भी ईज्जत होती है ©m kalvadiya #घर किलक्ष्मी
#घर किलक्ष्मी
read moreShiv Narayan Saxena
White घर - घर में होने लगे, नारी का सम्मान। जग अपना लगने लगे, सभी सुखों की खान।। नवरातों के बाद जो, मान करै ना कोय। अपने हाथ विनाश को, निकट बुलावै सोय।। 'शौक' शौक में देखिये, सुमिरन ना छुट जाय। हरि साथै जो खेलिये, जन्म-मरण छुट जाय।। कण-कण उनका वास है, सब सांसों में वोहि। छण-छण उनका नाम ले, मनगति थिर तब होहि।। घर - घर में होने लगे , जगराते हरि बोल। हृदपट भी खुलनें लगें , जै मां जै मां बोल।। ©Shiv Narayan Saxena #good_night घर-घर में होने लगे.....
#good_night घर-घर में होने लगे.....
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