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ARVIND KUMAR KASHYAP
Sunsa Kerapa
ये भी किसी के कहने पर पूछ रहा हूं। ईमोशनली, लव से भरपूर इसकी फुल फोरम बताओ ये मेरी ज़िन्दगी की सबसे ख़तरनाक पहेली है जिसे मैं आज तक नहीं स
Priya Gour
एक बात सीखी है "जिदंगी" तुझसे, हर कीचड़ में कमल नहीं खिला करते हैं। ©Priya Gour कीचड़ में कमल खिलते हैं...ये अधूरा सच है, हर कीचड़ में कमल नहीं खिला करते हैं। कुछ कीचड़ दलदल हुआ करते हैं...जिनमें इंसान अपने कर्मो का लेखा
Secret Quotes
शब्द हरवले आज राग लेखणीवर आहेत कवींवर आहेत कवीतांवर आहेत, कारण मी कवी नाहीत आणि होयचे पण नाही, स्वतः वर आहेत ज्यात जीव होता त्या व्यक्ती वर आहेत स्वतःच्या प्रत्येक गोष्टी वर आहेत या जीवनावर आहेत, उरलेले काही दिवस माझे नाही माहित मी कसे जगणार, काही संकेत काही शब्द काही गोष्टी काही विषय काही बंधन सगळं काही आयुष्य जगण्याचा रसं उरलेला गोडवा हिरावून नेला, जगायचं का हा मोठा प्रश्न आज डोळ्यासमोर उभा आहेत माझ्या, कुणी नसतं कुणाच शेवटी पैसा फक्त मतलबी असतं जग सारं, AS Patil✍️ एखादा दिवस वाईट असतो पण माझ्या जीवनात सगळे दिवस आनंदाचे असताना पण तो कधी मला भोगता नाही आला, दुःख काय असतं हे झोपता उठता चालता फिरता सगळीकडे
Mann Sagar
मनुष्य जीवन में जो भी फलस्वरूप भोगता है उसका कारण और कारक वो स्वयं होता है पर इसे स्वीकार करने के बजाय परिस्थिति और भगवान को दोष देता है।। पर परिस्थितियां हमारे कर्मो का फलस्वरूप है ।।।। ********** Human beings enjoy whatever results in life. Its cause and factor is itself. But instead of accepting it. Blames the situation and God. But circumstances are the result of our actions ... मनुष्य जीवन में जो भी फलस्वरूप भोगता है उसका कारण और कारक वो स्वयं होता है पर इसे स्वीकार करने के बजाय परिस्थिति और भगवान को दोष देता है।।
Vedantika
घायल की गति घायल जाने जगत ना जाने पीर हृदय की अश्रुओं की धारा बन जाए अमृत जो समझे कोई पीर हृदय की ♥️ आइए लिखते हैं #मुहावरेवालीरचना_118 👉 घायल की गति घायल जाने लोकोक्ति का अर्थ — जो कष्ट भोगता है वही दूसरे के कष्ट को समझ सकता है। ♥️ इ
DR. SANJU TRIPATHI
दिल में छुपा है किसके क्या ये तो आज तक कोई भी कभी न जान पाता है, घायल की गति घायल ही जान सकता है और कोई भी नहीं समझ पाता है। ♥️ आइए लिखते हैं #मुहावरेवालीरचना_118 👉 घायल की गति घायल जाने लोकोक्ति का अर्थ — जो कष्ट भोगता है वही दूसरे के कष्ट को समझ सकता है। ♥️ इ
Writer1
पीड़ पराई से अनजान जानू ना।। सखी नयन निर्मोही से जा लड़े ।। दिल मेरी धड़कनें अब सुने ना ।। कोई वैद आकर उपचार करें ।। रैना अब बीते नीर बहाए ।। वो बैरी पलकों पे समाए।। दुनिया हंसे हैं मुझ पर ।। सुध गंवाए लाज ना आए ।। सत्य कथन कह गयो रे ।। घायल की गति घायल जाने ।। और जान सके ना कोई रे ।। ♥️ आइए लिखते हैं #मुहावरेवालीरचना_118 👉 घायल की गति घायल जाने लोकोक्ति का अर्थ — जो कष्ट भोगता है वही दूसरे के कष्ट को समझ सकता है। ♥️ इ
Devesh Dixit
गरल (दोहे) गरल भरे मन में यहाँ, देखो जो इंसान। कष्ट भोगता है वही, कहते हैं भगवान।। दुष्ट धरे जो भावना, वो बदले की राह। मर्म उसे सोहे नहीं, करे गरल की चाह।। गरल धरे जो कंठ में, वो हैं भोले नाथ। दुष्टों का संहार कर, भक्तों का दें साथ।। करे गरल का त्याग जो, सज्जन उसको मान। छोड़ सभी वह द्वेष को, करता सुख का पान।। गरल भरे आस्तीन में, छिप कर करता वार। अपमानित होता तभी, मन में रखता भार।। .............................................................. देवेश दीक्षित स्वरचित एवं मौलिक ©Devesh Dixit #गरल #दोहे #nojotohindipoetry गरल (दोहे) गरल भरे मन में यहाँ, देखो जो इंसान। कष्ट भोगता है वही, कहते हैं भगवान।। दुष्ट धरे जो भावना, वो
N S Yadav GoldMine
{Bolo Ji Radhey Radhey} प्रत्येक मनुष्य के पास तीन प्रकार की कामधेनुएं है- सर्व आयु, सर्व कर्मा व सर्व धाया। पुराणों में एक प्रकार की गाय की चर्चा आती है जो सब मनोरथों को पूर्ण करती है, यह स्वर्ग की गाय है जिसे कामधेनु कहते है। मनुष्य संपूर्ण आयु जो वह भोगता है अर्थात आयुरूपी धेनु को दुहता है, इसी प्रकार जीवन भर कर्म करता है अर्थात सर्वकर्मा नामक गाय को दुहता है और परिणाम स्वरूप पुरुषार्थी कहलाता है। इसी प्रकार जीवन भर धारक शकित के रूप में सर्वधाया नामक गाय को दुहता रहता है, मानो अपनी धारक शकित को बढा रहा हो। अतः स्पष्ट है- जीवन भर पुर्ण लगन से प्रयत्न करोगे तभी परम लक्ष्य प्राप्त कर सकोगे अर्थात तीनों प्रकार की कामधेनुओं को भली-भांति दुह सकोगे। ©N S Yadav GoldMine #lonely {Bolo Ji Radhey Radhey} प्रत्येक मनुष्य के पास तीन प्रकार की कामधेनुएं है- सर्व आयु, सर्व कर्मा व सर्व धाया। पुराणों में एक प्रकार क