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Vk srivastav
Unsplash ज़ख़्म पे ज़ख़्म दिए और नमक भी डाल गए फिर भी हम इंतज़ार करते रहे और कई साल गए ©Vk srivastav ज़ख़्म पे ज़ख़्म दिए #Love #SAD #Poetry #viral #Shaayari #vksrivastav
ज़ख़्म पे ज़ख़्म दिए #Love #SAD Poetry #viral #Shaayari #vksrivastav
read moreKavi Himanshu Pandey
New Year Resolutions ये दिल तोड़कर किसी और की हो गयी, पर वो समझेगी कैसे, कि हम तो ज़ख़्म देने वालों पर भी दुआएँ लुटा देते हैं! ..,... Er. Himanshu Pandey ©Kavi Himanshu Pandey ज़ख़्म, दुआ #nojotohindi #beingoriginal #Poetry
ज़ख़्म, दुआ #nojotohindi #beingoriginal #Poetry
read moreनवनीत ठाकुर
चाहा था हासिल, वो हासिल न हो सका, ख़्वाबों का काफ़िला, मुक़म्मल न हो सका। मंज़िल की आरज़ू में सफ़र तो किया बहुत, जज़्बात का समंदर, साहिल न हो सका। ज़ख़्मों ने मुझे सीखा दिया सब्र का हुनर, पर दर्द था जो, दिल से ज़ाहिर न हो सका। हर ग़म को सीने से लगाया ख़ुशी समझ, मगर वो, हक़ीक़तों में क़ाबिल न हो सका। अरमान थे चाँद छूने के, मगर ऐ दिल, जो पास था भी, वो हासिल न हो सका। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर चाहा था हासिल, वो हासिल न हो सका, ख़्वाबों का काफ़िला, मुक़म्मल न हो सका। मंज़िल की आरज़ू में सफ़र तो किया बहुत, जज़्बात का सम
#नवनीतठाकुर चाहा था हासिल, वो हासिल न हो सका, ख़्वाबों का काफ़िला, मुक़म्मल न हो सका। मंज़िल की आरज़ू में सफ़र तो किया बहुत, जज़्बात का सम
read moreनवनीत ठाकुर
ज़ख़्म भरते ही नहीं इस दिल के हालातों के, और बढ़ जाता है दर्द, आराम हो जाने के बा'द। ख़्वाब टूटे हैं कई पलकों के दरवाज़े पे, कुछ नहीं बचता कोई अंज़ाम हो जाने के बा'द। रूह में जलती रहीं यादों की परछाइयाँ, और ख़ाली हो गया पैग़ाम हो जाने के बा'द। एक मंज़र है अधूरे चाँद सा दिल में कहीं, और गहरा हो गया अंधेरा तमाम हो जाने के बा'द। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर ज़ख़्म भरते ही नहीं इस दिल के हालातों के, और बढ़ जाता है दर्द, आराम हो जाने के बा'द। ख़्वाब टूटे हैं कई पलकों के दरवाज़े पे, क
#नवनीतठाकुर ज़ख़्म भरते ही नहीं इस दिल के हालातों के, और बढ़ जाता है दर्द, आराम हो जाने के बा'द। ख़्वाब टूटे हैं कई पलकों के दरवाज़े पे, क
read moreनवनीत ठाकुर
ज़ख़्म गहरे हैं, फिर भी चेहरे पे शिकन नहीं, हमने खुद को समझा है, कोई ज़रूरत नहीं। दर्द छुपाकर जीते हैं, सुकून में रहते हैं, जिनसे उम्मीदें थीं, उनसे कोई शिकायत नहीं। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर ज़ख़्म गहरे हैं, फिर भी चेहरे पे शिकन नहीं, हमने खुद को समझा है, कोई ज़रूरत नहीं। दर्द छुपाकर जीते हैं, सुकून में रहते हैं, जिन
#नवनीतठाकुर ज़ख़्म गहरे हैं, फिर भी चेहरे पे शिकन नहीं, हमने खुद को समझा है, कोई ज़रूरत नहीं। दर्द छुपाकर जीते हैं, सुकून में रहते हैं, जिन
read moreDia
Unsplash kisi ko itna chah lena, ki vo tumhara hi ho jaye, aksar yaad aata hai, tumhe dekhkar ©Dia #library "Vibharshi" Ranjesh Singh J.K.Ricson ( ved) Umme Habiba शिवम् सिंह भूमि ज़ख़्मी हर्फ़
#library "Vibharshi" Ranjesh Singh J.K.Ricson ( ved) Umme Habiba शिवम् सिंह भूमि ज़ख़्मी हर्फ़
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