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Shyarana Andaaz (अज्ञात)
तुम्हारे शहर का मौसम बड़ा सुहाना लगे मैं भी एक दिन आकर रह लूं गर तुम्हें बुरा न लगे।। ©Shyarana Andaaz (अज्ञात) तुम्हारे शहर का मौसम
तुम्हारे शहर का मौसम
read more- Arun Aarya
ना जाने कब तलक इस ज़मी पे पांव पसारे रहेंगें ! हा मग़र जब तलक ज़िंदा रहेंगें सिर्फ़ तुम्हारे रहेंगें..!! - अरुन आर्या ©- Arun Aarya #KiaraSid #सिर्फ़ तुम्हारे रहेंगें
Parasram Arora
White तुम्हारे बिना मेरे जीने का अब कोई मकसद ही नहीं इसके बावजूद ज़ब तक सांसे चलेगी मुझे जीना तों पड़ेगा ही. और मन को बहलाना भी पढ़ेगा ©Parasram Arora तुम्हारे बिना
तुम्हारे बिना
read moreवैभव जैन
White 💠मेरा दिल 💠 🎄मेरी दौलत 🎄 मेरे मित्र पूछते हो मेरी प्रसन्नता का राज पूछते हो मेरी दौलत के बारे में कौनसा खजाना है मेरे पास जो हरदम मुझे प्रसन्न रखता है जानना चाहते हो मित्र तो सुनो ध्यान से सुनो मेरी दौलत ऐसी दौलत नहीं है जिसे मुझे कोई और दे सके अथवा मुझसे कोई मेरी दौलत छीन सके मेरी दौलत मेरा अपना खूबसूरत दिल है मेरी दौलत मेरी अपनी उजली सोच है मेरी दौलत मेरा मनुष्य होना है एक ऐसा मनुष्य जिसे इंसानियत से प्यार है जिसके हृदय में प्रभु कृपा से सद भावो की बहार है सबके सुख की कामना है सब को मिले शांति सबका कल्याण हो यह मेरी आत्मा की पुकार है जियो और जीने दो का संस्कार है गुरु कृपा से पावन मन पवित्रता का आधार है आप मित्रों का स्नेह ही मेरी प्रसन्नता का त्यौहार है ©वैभव जैन #मेरा दोस्त
#मेरा दोस्त
read moreF M POETRY
White तुम ये कहती हो हमारे बिना दुनियाँ में रहो.. हम तुम्हारे बिना ज़न्नत भी गँवारा न करें.. यूसुफ़ आर खान.... ©F M POETRY #lहम तुम्हारे बिना.....
#lहम तुम्हारे बिना.....
read moreवैभव जैन
🔷🔶मेरा मन🔷🔶 कीचड़ और कीचड़ से मुक्ति दोनों जल से होती है पाप बंध और पाप से मुक्ति दोनों मन से होती है मन से बंधन से मन मुक्ति मन में ही महावीर बसा मन ही रावण मन दुर्योधन मन में ही तो कंश बसा संयम धारण करले मन कुंदन करेगी तप की अगन निज में रमजा अब तो मन चिंतन मंथन कर ले मन राम जगेगा तुझ में मन ओ मेरे बैरागी मन ©वैभव जैन #मन। मेरा
मन। मेरा
read moreवैभव जैन
White 🔷🔶मेरा मन🔷🔶 कीचड़ और कीचड़ से मुक्ति दोनों जल से होती है पाप बंध और पाप से मुक्ति दोनों मन से होती है मन से बंधन से मन मुक्ति मन में ही महावीर बसा मन ही रावण मन दुर्योधन मन में ही तो कंश बसा संयम धारण करले मन कुंदन करेगी तप की अगन निज में रमजा अब तो मन चिंतन मंथन कर ले मन राम जगेगा तुझ में मन ओ मेरे बैरागी मन ©वैभव जैन #मेरा मन
#मेरा मन
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