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Ashutosh Jha
अन्न को बर्बाद न होने दें। जिस अन्न को हम बर्बाद कर देते हैं। उस अन्न से किसी की भूख मिटा सकते हैं। जीने के लिए, खाए खाने के लिए मत जिएं। ©Ashutosh Jha # अनाज का दाना
Dinesh Kashyap
ना धन ना दौलत ना कोई चीज ईरानी चाहिए! गौर से देखिए हमें केवल आपका प्यार और दाना पानी चाहिए! जंगल सारे नष्ट कर डाले !रेडिएशन ने भी ना जान कितने जीवन नष्ट कर डाले! समझो हमारे जीवन को बस यही मेहरबानी चाहिए! ना धन ना दौलत ना कोई चीज ईरानी चाहिए...... ©Dinesh Kashyap #दाना पानी
Chandrawati Murlidhar Gaur Sharma
अन्न का हर एक दाना है वरदान बचपन से सिखाया जाता है की अन्न भगवान हैजो हमारा सबका पेट भरता है उन हाथों इतनी शक्ति देता है सब कमाते है दो वक्त के पेट भर भोजन खाने के लिए कद्र करो उन किसानों की जिन्होंने अन्न ऊपजाया हैं कद्र करें उनकी पिता की जिन्होंने रात दिन मेहनत कर उस अन्न के लिए कमाया है कद्र करें उस मां की जिसने बड़े प्यार से भोजन पकाया है कद्र करें उस भगवान की जिसने उस अन्न का हकदार बनाया है दाता ऐसा दीजिए में भी भूखा ना रहूं और दर से ना भूखा जाए ©Chandrawati Murlidhar Sharma अन्न का हर दाना वरदान है#nojoto #FoodSafety
Chandrawati Murlidhar Gaur Sharma
अन्न का हर एक दाना है वरदान प्रभु हमें इतना दीजिए इतना भरा हो अन्न में भी भूखी ना रहूं और ना दर से भूखा जाए कहते है जैसा खाओगे अन्न वैसा होगा मन अन्न का ना अनादर कीजिए मिल जाए भरमार खून पसीने सीच कर उगा रहे हैं किसान शुक्र करो उन भगवान का जिन्होंने भरे खदयान अन्न का हर एक एक दाना है हमारे लिए वरदान जितनी ज़रूरत है उतना ही ले लीजिए खान ओरो को भरपेट भोजन मिले इतना करो सम्मान अन्न का हर एक एकदाना हैं हमारे लिए वरदान ©Chandrawati Murlidhar Sharma अन्न का हर एक दाना है वरदान #FoodSafety
संजय श्रीवास्तव
दाना पानी की खातिर, मजबूर हो गये रिश्ते नाते छोड़कर सबसे ,दूर हो गये लाख कमाकर भी, अपनापन न खरीद सके लोग समझते हैं हम कितने ,मगरूर हो गये सुख दुख हमने मिलकर, बांटा साथ कभी गुजरे जमाने के ये सब तो ,दस्तूर हो गये वो बगिया ताल तलैया, और मिट्टी की खूशबू एक एक करके अब वो सब ,कोहिनूर हो गये यादों के मंजर ने फिर ,कैसी करवट बदली है संजय गोरखपुर से तुम तो ,बुरहानपुर हो गये संजय श्रीवास्तव दाना पानी