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HintsOfHeart.
"मधुर मधु-सौरभ जगत् को स्वप्न में बेसुध बनाता, वात विहगों के विपिन के गीत आता गुनगुनाता। मैं पथिक हूँ श्रांत, कोई पथ प्रदर्शक भी न मेरा, चाहता अब प्राण अलसित शून्य में लेना बसेरा।" ©HintsOfHeart. #महादेवी_वर्मा #जन्म_जयंती महादेवी वर्मा जी हिन्दी काव्य में छायावाद की एक प्रमुख स्तंभ थीं। जन्म: 26 मार्च 1907, फ़र्रुखाबाद, उत्तर प्रदे
HintsOfHeart.
"मैं ढूँढता तुझे था, जब कुंज और वन में तू खोजता मुझे था,तब दीन के सदन में तू 'आह' बन किसी की,मुझको पुकारता था मैं था तुझे बुलाता,संगीत में भजन में"¹ ©HintsOfHeart. #राम_नरेश_त्रिपाठी- #जन्म_जयंती (4 मार्च) 1. रामनरेश_त्रिपाठी (4 मार्च, 1889 -16 जनवरी, 1962) हिन्दी के 'पूर्व छायावाद युग' के प्रसिद्ध कवि
Nikhat
चिर सजग आँखें उनींदी आज कैसा व्यस्त बाना! जाग तुझको दूर जाना! अचल हिमगिरि के हॄदय में आज चाहे कम्प हो ले! या प्रलय के आँसुओं में मौन अलसित व्योम रो ले; आज पी आलोक को ड़ोले तिमिर की घोर छाया जाग या विद्युत शिखाओं में निठुर तूफान बोले! पर तुझे है नाश पथ पर चिन्ह अपने छोड़ आना! जाग तुझको दूर जाना! बाँध लेंगे क्या तुझे यह मोम के बंधन सजीले? पंथ की बाधा बनेंगे तितलियों के पर रंगीले? विश्व का क्रंदन भुला देगी मधुप की मधुर गुनगुन, क्या डुबो देंगे तुझे यह फूल दे दल ओस गीले? तू न अपनी छाँह को अपने लिये कारा बनाना! जाग तुझको दूर जाना! ©. #जाग_तुझको_दूर_जाना#छायावादी_कविता
Vedantika
अभिव्यक्ति-27 वर्षों तक वन में घूम-घूम, बाधा-विघ्नों को चूम-चूम, सह धूप-घाम, पानी-पत्थर, पांडव आये कुछ और निखर। सौभाग्य न सब दिन सोता है, देखें, आगे क्या होता है। मैत्री की राह बताने को, सबको सुमार्ग पर लाने को, दुर्योधन को समझाने को, भीषण विध्वंस बचाने को, भगवान् हस्तिनापुर आये, पांडव का संदेशा लाये। ‘दो न्याय अगर तो आधा दो, पर, इसमें भी यदि बाधा हो, तो दे दो केवल पाँच ग्राम, रक्खो अपनी धरती तमाम। हम वहीं खुशी से खायेंगे, परिजन पर असि न उठायेंगे! “रामधारी सिंह दिनकर” वर्षों तक वन में घूम-घूम, बाधा-विघ्नों को चूम-चूम, सह धूप-घाम, पानी-पत्थर, पांडव आये कुछ और निखर। सौभाग्य न सब दिन सोता है, देखें, आगे क्या
Insprational Qoute
कवयित्री:- महादेवी वर्मा कविता -सांध्यगीत( सखि मैं हूँ अमर सुहाग भरी!) प्रथम पंक्ति - सखि मैं हूँ अमर सुहाग भरी! अंतिम पंक्ति - दुख से, रीति जीवन-गगरी। सखि मैं हूँ अमर सुहाग भरी!विरह के रंग से रंगी लाल हरी! नित नित पिया को बुलावा भेज,मानो तन मन से मैं हार रही....... सम्पूर्ण कविता अनुशीर्षक में पढ़े😊 सखि मैं हूँ अमर सुहाग भरी!विरह के रंग से रंगी लाल हरी! नित नित पिया को बुलावा भेज,मानो तन मन से मैं हार रही....... कलकल करती बदली आज पिया क
Anuj Jain
//तुम कैसे कवि हो क्या लिखते हो// पूरी कविता caption में तुम कैसे कवि हो, क्या लिखते हो, समझे नही कुछ हम यह सुन के, तुम क्या छायावादी हो या प्रयोगवादी, श्रृंगारवादी या प्रगतिवादी,
Nishtha Rishi
तुम 'नीलकंठ' बन जाना मैं तुम्हारी 'राधा' बन जाउंगी अनंत प्रेम का प्रतीक बन इस जीवन के सफ़र को पूरा कर जाउंगी। #महादेवी_वर्मा #नीलकंठ #छायावाद #nishtharishi #lovequote ये नीलकंठ और राधा नाम महादेवी वर्मा के 'नीलकंठ' कहानी से ली गई है, इस कहानी में दो
Anupama Jha
साहित्याकाश के तारे (कविता अनुशीर्षक में) #yqhindipoetry #दिनकर #मैथिलीशरणगुप्त #निराला #बच्चन #जयशंकरप्रसाद #महादेवी_वर्मा #पंत साहित्याकाश में चमक रहे असंख्य सितारे हैं काव्यो
AB
छाया हो या काल्पनिक प्रतिबिम्ब कुंतल यामिनी प्रभुता का शरण -बिम्ब, अनिमेष ही देखता रहूँ तुम्हें कनखी -कनखी पाट-पाट सकल तुम्हारे अरुण कोपल मलिन, स्मृति पाथेय तुम मेरी स्मृतियों में मधुप जैसे अनंत नीलिमा अनुरागिनी, कंजकली शोभा -श्री हो कदाचित,! Dedicating a #testimonial to Kavita chaudhary💚 प्रकृति ने जीवन खिलाया हो जैसे, सुरंग सुधियाँ सुहावनी, मृगतृष्णा नहीं यह है यथार्थ ही,
i am Voiceofdehati
प्रसिद्ध छायावादी हिंदी कवि, कहानीकार ,लेखक व वर दे वीणा वादिनी वर दे प्रसिद्ध कविता के रचनाकार सूर्य कांत त्रिपाठी 'निराला' जी की जयंती पर उन्हें शत शत नमन् 🙏 प्रसिद्ध छायावादी हिंदी कवि, कहानीकार ,लेखक व वर दे वीणा वादिनी वर दे प्रसिद्ध कविता के रचनाकार सूर्य कांत त्रिपाठी 'निराला' जी की जयंती पर