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नवनीत ठाकुर
आसमान खुद झुककर सलाम करता है, हम किसी किस्मत का दस्तूर नहीं करते। अपनी मेहनत से सारा जहां बदलते हैं, किसी की बंदिशों का सामना नहीं करते। खुद पर यकीन, किसी और पर गुरूर नहीं करते, सपनों को सच करने का खुद ही दूर नहीं करते। ऊंचाई पर जुनून का घर बसता है, परिंदे हैं, मगर फिजूल का शोर नहीं करते। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर आसमान खुद झुककर सलाम करता है, हम किसी किस्मत का दस्तूर नहीं करते। अपनी मेहनत से सारा जहां बदलते हैं, किसी की बंदिशों का सामना
#नवनीतठाकुर आसमान खुद झुककर सलाम करता है, हम किसी किस्मत का दस्तूर नहीं करते। अपनी मेहनत से सारा जहां बदलते हैं, किसी की बंदिशों का सामना
read moreरंगरेज़
क्या खूब घरोंदे ये, बनाये हैं परिंदों ने, उनको भी शायद इल्म दस्तूर-ए-ज़माना है... reality wlife quotes in hindi wlife quotes heart touchin
read moreनवनीत ठाकुर
White ख़्वाब जो टूटे, वो चुभते तो हैं, पर बिखरे टुकड़ों से आईने भी बनते तो हैं। जख्मों की तासीर यूं ही नहीं मिटती, इन पर मुस्कान के पैबंद लगते तो हैं। खुशी का नक़ाब अब दस्तूर सा बन गया, हर चेहरा इसे ओढ़कर मशहूर सा बन गया। मगर दिल का सच कब तक छुप पाएगा, हर खामोशी कभी तो चीख बन जाएगा। जो खो दिया, उसकी गूँज अभी बाकी है, हर याद में छुपा दर्द की झांकी है। ग़मों से रिश्ता तोड़ना मुमकिन नहीं, पर इन्हें सहना भी तो बर्दाश्त नहीं। ©नवनीत ठाकुर #नवनीत ठाकुर ख़्वाब जो टूटे, वो चुभते तो हैं, पर बिखरे टुकड़ों से आईने भी बनते तो हैं। जख्मों की तासीर यूं ही नहीं मिटती, इन पर मुस्कान के
#नवनीत ठाकुर ख़्वाब जो टूटे, वो चुभते तो हैं, पर बिखरे टुकड़ों से आईने भी बनते तो हैं। जख्मों की तासीर यूं ही नहीं मिटती, इन पर मुस्कान के
read moreBhanu Priya
लड़की हूं, इसलिए हर साल सुर्खी बनती हूं, सरकारें आती हैं जाती हैं, दस्तूर ए जहां, सत्ता, सत्ता ही रह जाती है, कभी कलकत्ता, कभी मनाली न जाने कितनी हैं बिगड़ी, कितने आशियानों की रमजान, होली , दिवाली, हक का कहां मिला मुझे, दस्तूर ए जहां, आज इसने तो कल उसने सबने वादें किए मुझसे... यही रीत ज़माने की लड़ता हैं वह खुद के लिए , काश एक बार निकलता वह खुदसे और लड़ता मेरे लिए। ©Bhanu Priya #दस्तूर_ए_वक़्त दस्तूर लड़की हूं,इसलिए हर साल सरखी बनती हूं, सरकारें आती हैं जाती हैं, दस्तूर ए जहां, सत्ता, सत्ता ही रह जाती है, कभी कलकत
#दस्तूर_ए_वक़्त दस्तूर लड़की हूं,इसलिए हर साल सरखी बनती हूं, सरकारें आती हैं जाती हैं, दस्तूर ए जहां, सत्ता, सत्ता ही रह जाती है, कभी कलकत
read moreSippy Bansal
हुनर का खेल और बड़ों का साथ अच्छा खासा चलता था अपना ठाठ-बाट खुद हो गए बड़े तो महसूस होती एक बात कोई नहीं जो बुरे वक्त में रख सखे कंधे पे हाथ। ©Sippy Bansal दस्तूर दुनिया का #Cricket #Love
काव्य महारथी
आ. आभा गुप्ता , इंदौर, मध्यप्रदेश हिंदी दिवस पर कविता कविता प्रेरणादायी कविता हिंदी हिंदी दिवस पर कविता देशभक्ति कविता
read moreगुरु देव[Alone Shayar]
दस्तूर ही निराला...ll शायरी लव शायरी हिंदी में शायरी दर्द शेरो शायरी खूबसूरत दो लाइन शायरी
read moreYashvant Singh Life Coach ( Motivational Speaker )
क्यों मुझे रोज रोज नए नए रूप दिखाती हो,, मेरे मन से जहन में उतर जाने की प्लानिंग क्यों बनाते हो ,,आखिर क्या चाहते हो,, अपने प्यार से हमारे दिल को चीरना चाहते हो ।। ©Yashvant Singh Life Coach ( Motivational Speaker ) #dhoop बेपनाह मोहब्बत का दस्तूर zindagi sad shayari hindi shayari shayari in hindi shayari love love shayari
#dhoop बेपनाह मोहब्बत का दस्तूर zindagi sad shayari hindi shayari shayari in hindi shayari love love shayari
read moreHimanshu Prajapati
White मोहब्बत का दस्तूर मेरे साथ ऐसा हुआ ग़ालिब, मुझे लगा एक दिन वो जरूर लौट कर आएंगी, पर कमबख्त क्या पता था की हाथों में अपने शादी का कार्ड लाएगी...! बस ऐसे ही मैं चकनाचूर हो गया, मोहब्बत की गलियों से दूर हो गया..! ©Himanshu Prajapati #good_night मोहब्बत का दस्तूर मेरे साथ ऐसा हुआ ग़ालिब, मुझे लगा एक दिन वो जरूर लौट कर आएंगी, पर कमबख्त क्या पता था की हाथों में अपने श
#good_night मोहब्बत का दस्तूर मेरे साथ ऐसा हुआ ग़ालिब, मुझे लगा एक दिन वो जरूर लौट कर आएंगी, पर कमबख्त क्या पता था की हाथों में अपने श
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