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श्यामजी शयमजी
White कुत्ते का पिल्ला बैठा नीम की शाम में आज बारिश होगी आपकी भी गांव में ©श्यामजी शयमजी #cg_forest कविता कविता
#cg_forest कविता कविता
read moreSurendra Kumar Kahar
White कहीं पड़ा दिख जाऊं मैं कहीं गिरा दिख जाऊं मैं कर देना परोपकार मुझपर। कर देना खड़ा मुझे कर देना बड़ा मुझे बस इतनी कृपा बना मुझपर। जो करदी एहसान, धूप में छांव बारिस में छप्पर भूख मिटाउंगा मैं तेरी अक्सर मिठे फल देकर। सर्दी मेंओला से बचाऊं तुझको अपनी गोद में लेकर कर देना बड़ा मुझे कर देना खड़ा मुझे बस इतनी कृपा बना मुझपर। बच्चों के संग खेलूंगा बूढ़ों के संग बैठूंगा ,मेहनत से जब तू थक जाएगा मुफ्त हवा दे जाऊँगा । जीकर भी काम आऊंगा मरकर भी काम आऊंगा। तुझको भी काम आऊंगा सबको भी काम आऊंगा। पक्षी को घर देकर पशुवों का भूख मिटाउंगा । कर दे खड़ा मुझे जो तु मैं उपकार करुं सबपर कहीं खड़ा दिख जाऊं मैं कहीं पड़ा दिख जाऊं मैं कर देना परोपकार मुझपर। कर देना खड़ा मुझे कर देना बड़ा मुझे बस इतनी कृपा बना मुझपर। ©Surendra Kumar Kahar #मेरी कविता परोपकार वृक्षारोपण
#मेरी कविता परोपकार वृक्षारोपण
read moreSapna Meena
White अबकी बार 400 पार या फिर गठबंधन सरकार। मोदी का उतरे का मुखौटा या फिर पहनेगा जीत का हार। केजरीवाली या कन्हैया या मनोज तिवारी होगा यमुना पार। कांग्रेस और आम आदमी के लड़ गए नैना बीजेपी रह गई बिन प्यार। अबकी बार 400 पार,या फिर गठबंधन सरकार। ©Sapna Meena #car चुनाव 2024 पर कविता
Gurudeen Verma
White शीर्षक- इस ठग को क्या नाम दे --------------------------------------------------------- बड़े नम्बरी होते हैं वो आदमी, जो करते हैं शोषण छोटे आदमी का, और छीन लेते हैं उधारी चुकाने के नाम पर, गरीब आदमी की जमीन और आजादी। लेते हैं काम छोटे आदमी को, कोल्हू के बैल की तरह दिनरात, एक वर्ष की मजदूरी बीस हजार देकर, जबकि होते हैं खर्च पाँच हजार एक माह में। लेता है ब्याज बहुत वो आदमी, छोटे आदमी को देकर उधार रुपये, बड़े ही ठाठ होते हैं इन आदमियों के, जिनके होते हैं मकां महलनुमा। होती है उनकी जिंदगी राजा सी, जिनके एक ही आदेश पर, हो जाते हैं सारे काम, और हाजिर नौकर चाकरी में। कमाता होगा इतने रुपये वह आदमी, मेहनत की कमाई से कभी भी नहीं, बनाता है वह अपनी इतनी सम्पत्ति, भ्रष्टाचार और दो नम्बर की कमाई से। लेकिन एक ऐसा आदमी भी है, जो लेता है बड़े आदमी से भी ज्यादा दाम, करता नहीं रहम वो अपने भाई पर भी, और कोसता है वह बड़े आदमी, इस ठग को क्या नाम दे।। शिक्षक एवं साहित्यकार गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान) ©Gurudeen Verma #कविता
कविता
read moreRekha Gakhar
#MereKhayal मेरी प्रिय कविताओं में से एक कविता 🌸 आदरणीय डॉ उरसेम लता मैम की कविता "खोखू बाबा का बाज़ार"
read moreJk
#JKpoetess #marathi #MarathiKavita #hungry #streetgirl आज मै अपनी कविता के माध्यम से एक भारतीय स्ट्रीट सर्कस लड़की का दर्द व्यक्त करने #मराठीकविता
read moreShiv gopal awasthi
ऐसा पढ़ना भी क्या पढ़ना,मन की पुस्तक पढ़ न पाए, भले चढ़े हों रोज हिमालय,घर की सीढ़ी चढ़ न पाए। पता चला है बढ़े बहुत हैं,शोहरत भी है खूब कमाई, लेकिन दिशा गलत थी उनकी,सही दिशा में बढ़ न पाए। बाँट रहे थे मृदु मुस्कानें,मेरे हिस्से डाँट लिखी थी, सोच रहा था उनसे लड़ना ,प्रेम विवश हम लड़ न पाए। उनका ये सौभाग्य कहूँ या,अपना ही दुर्भाग्य कहूँ मैं, दोष सभी थे उनके लेकिन,उनके मत्थे मढ़ न पाए। थे शर्मीले हम स्वभाव से,प्रेम पत्र तक लिखे न हमने। चंद्र रश्मियाँ चुगीं हमेशा,सपनें भी हम गढ़ न पाए। कवि-शिव गोपाल अवस्थी ©Shiv gopal awasthi कविता
कविता #शायरी
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