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New मुङो प्रकृति की और Quotes, Status, Photo, Video

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Rameshkumar Mehra Mehra

#Newyear2025 की आप सब को और आपके परिवार को और नोजटो family ko हार्दिक शुभकामनाये...

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New Year 2025 आपको और आप के परिवार को नये साल की शुभकामनाये...
ये नया साल सबके लिए उन्नति और तरक्की लेकर आये ये नया साल आय सब के लिए खास हो...
Happy new year...

©Rameshkumar Mehra Mehra #Newyear2025 की आप सब को और आपके परिवार को और नोजटो family  ko हार्दिक शुभकामनाये...

Jyoti

#leafbook # प्रकृति🌿🍃

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Unsplash  जब आप प्रकृति🌿🍃से सच्चा करते हैं, 
तो आप को दुनिया की
हर जगह खुबसूरत लगेगी।

©Jyoti #leafbook # प्रकृति🌿🍃

Jeetal Shah

#poem दिसंबर की सर्दियों का जादू दिसंबर की सर्दियों का जादू, चिलचिलाती ठंड, और हरियाली का नजारा।

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White दिसंबर की सर्दियों का जादू

दिसंबर की सर्दियों का जादू,
चिलचिलाती ठंड, और हरियाली का नजारा।

साग-सब्जियों की बहार, और गरमा-गरम सूप का आनंद,
सर्दियों की रातों में भी, दिल को गरम रखने का मौसम।

क्रिसमस की धूम, और सांता क्लॉज़ की कहानी,
एक्समास ट्री की सजावट, और चर्च में प्रार्थना की धुन।

साल के अंत में, नए साल का स्वागत,
365 नए दिन, नए विचार, नए लक्ष्य, और नए सपने।

भूल जाने को पुराने दिन, और नए साल की शुरुआत,
नए संकल्पों के साथ, और नए जोश के साथ।

दिसंबर की सर्दियों का जादू,
हमें नए साल की ओर ले जाने का एक मौसम।

©Jeetal Shah #poem 
दिसंबर की सर्दियों का जादू


दिसंबर की सर्दियों का जादू,

चिलचिलाती ठंड, और हरियाली का नजारा।

Sumit Kumar

दहेज़ की आग और पुरुष.. sad shayari on life

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कुछ पुरुष भी

 जला दिये जाते है

उस "दहेज़ की आग" में

 जो उसने कभी माँगा नहीं होता है..

©Sumit Kumar दहेज़ की आग और पुरुष.. sad shayari on life

Himaani

#sad_qoute मंजिल दोनों की कुछ और थी शायरी लव रोमांटिक

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White ना वे हमें समझ बैठे हैं 
ना हम उन्हें समझ बैठे हैं 
उनकी मंजिल और थी 
हमारी मंजिल और थी
 बस गलती से एक नाव में 
हम दोनों सवार हो बैठे

©Himaani #sad_qoute मंजिल दोनों की कुछ और थी शायरी लव रोमांटिक

neelu

#love_shayari हम #क्या #सिखते हैं यह तो हमारी #सीखने की #प्रकृति पर #निर्भर करता है पर #लोग हमें #सिखाने ही आते हैं....

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White हम क्या सिखते हैं
 यह तो हमारी 
सीखने की प्रकृति पर निर्भर करता है 
पर लोग हमें सिखाने ही आते हैं....

©neelu #love_shayari हम #क्या #सिखते हैं
 यह तो हमारी 
#सीखने की #प्रकृति पर #निर्भर करता है 
पर #लोग हमें #सिखाने ही आते हैं....

नवनीत ठाकुर

White दरख्त काट के हमने शहर बसाए,
अब हर सांस को तरसने का वक्त बना रखा है।

दरिया रो रहे हैं, पहाड़ टूट रहे हैं,
हमने तरक्की के नाम पर ज़हर बना रखा है।

जंगल जलाकर हमने इमारतें खड़ी कीं,
फिर भी छांव को तरसने का दौर बना रखा है।

 हवा, पानी, धरती का हाल पूछो ज़रा,
हमने कुदरत को अपने बाप की जागीर बना रखा है।

©नवनीत ठाकुर #प्रकृति

Vinod Mishra

"खुशी मानव की अपनी प्रकृति है." #विनोद #मिश्र #मोटिवेशन ✍️

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नवनीत ठाकुर

#हुस्न की चर्चा हुई और तेरा नाम याद आया

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White तेरी अदाओं से जो लिखी थी मोहब्बत की दास्तां,
आज उसी किताब का अधूरा पन्ना याद आया।
तेरी पलकों की स्याही से जो लिखे थे जज़्बात,
उन ख्वाबों का सिमटा हुआ फसाना याद आया।

तेरे लम्स की तपिश में जो पिघला था वजूद,
वो टूटते सितारों का सुहाना गुमां याद आया।
तेरी जुल्फों में छुपा था जो शाम का सुकून,
आज उसी ढलते सूरज का अंजुमन याद आया।

तेरी बातों के फूल जो खिलते थे चमन में,
उनकी खुशबू का बिखरा हर जाम याद आया।
तेरा नाम जुबां पर आते ही रोशन हुए,
हर उस हसीन पल का गुलिस्तां याद आया।

हुस्न की महफ़िल में जब तेरे हुस्न का ज़िक्र हुआ,
जैसे वीरानों में किसी का सलाम याद आया।
तेरे दीदार की हसरत में जो गुज़रे थे लम्हे,
उन लम्हों का हर अधूरा ख्वाब याद आया।"**

©नवनीत ठाकुर #हुस्न की चर्चा हुई और तेरा नाम याद आया

Praveen Jain "पल्लव"

#good_night दौड़ और होड़ की लगी है बाजी

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White पल्लव की डायरी
दिन के भी उजाले, कम है
 तरक्की के लिये
नींद और चैन अपने गवाते गवाते
रातो को भी बाजार रोशन होने लगे है
जरूरतों जो कभी कम ना हुयी
जीवन रोज खपाते खपाते
दौड़ और होड़ की लगी है बाजी
मौत के आगोश में जाते जाते
                                         प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव" #good_night दौड़ और होड़ की लगी है बाजी
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