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हिमांशु Kulshreshtha
तुम आए थे मेरी अंधेरी सी जिन्दगी में एक जुगनू की तरह फ़िर एक दिन चले गये मेरी जिन्दगी को अँधेरे में छोड़ कर ©हिमांशु Kulshreshtha तुम..
तुम..
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Unsplash मैं क्या हूं तुम्हारे लिए, ये तो तुम जानो, तुम्हारा दिल जाने, मेरे लिए तो बेचैन, शोर भरी दुनिया में मुस्तकिल सुकून हो तुम..!!!! ©हिमांशु Kulshreshtha तुम.
तुम.
read moreरिपुदमन झा 'पिनाकी'
White ज़िन्दगी पूछती है ज़िन्दगी जियोगे कब। स्वाद इस ज़िन्दगी की मौज का चखोगे कब। ऊम्र अपनी बिता रहे हो फंँस के उलझन में - आसमाँ पर उड़ानें सपनों की भरोगे कब। आप खुद से बताओ यार अब मिलोगे कब। क़ैद कर रखा है खुद को जो तुम खुलोगे कब। पालते हो क्यूँ दिल में ग़म उदास रहते हो- रंग जीवन में अपने खुशियों की भरोगे कब। जी रहे हो घुटन में खुल के साँस लोगे कब। दुःख के दुश्मन को हौसलों से मात दोगे कब। कुछ नहीं मिलता है औरों के लिए जीने से- हो चुके सब के बहुत अपने बता होगे कब। रिपुदमन झा 'पिनाकी' धनबाद (झारखण्ड) स्वरचित एवं मौलिक ©रिपुदमन झा 'पिनाकी' #कब
हिमांशु Kulshreshtha
बेशुमार सपने हैं खट्टी मीठी यादें हैं, तुम हो,तुम्हारी बातें हैं, यूँ तो कभी चाहा ही नही तुमको भूलना, मगर मजबूरी है बावज़ूद दूरी के इन हवाओं में तुम्हें बेपनाह महसूस करता हूँ तुम्हें, तुम्हारी खुश्बू , तुम्हारी आवाज़, तुम्हारा एहसास, और भी बहुत कुछ..!!! ©हिमांशु Kulshreshtha तुम
तुम
read moreseema patidar
तुम्हें पता है........ मैं तुम्हारे इंतजार में हु तुम्हारे आने से कही ज्यादा तुम्हारे लोट आने के । ©seema patidar आओगे जब तुम ......
आओगे जब तुम ......
read moreहिमांशु Kulshreshtha
a-person-standing-on-a-beach-at-sunset याद है. मुझे वो लम्हा जब तुम मिलीं थीं मुझ से उसी एक लम्हे में लगा था, मेरी उम्र भर की तलाश हो तुम मेरा सुकून, मेरी रूह मेरा प्यार, मेरी आरज़ू मेरा मुकम्मल इंतज़ार हो तुम ©हिमांशु Kulshreshtha तुम...
तुम...
read moreहिमांशु Kulshreshtha
White तुम्हें, सोचते ही एक कल्पना उठती है कानों में शहद सी हंसी घुलती है रंगीन दुपट्टा हवा में लहराता कोई फूलों की किनारी वाली साड़ी गजरे वाले केश जिनमें लिपटे हों मोती आंखों की कोर जैसे अमावस की रात शहद के प्याले से ओंठ शरद् पूर्णिमा के चांद सा चेहरा पत्तों के सरसराहट सी चूड़ियों की खनक.. नदी तट से लहरों के टकराने से उठती ऐसी हो पायल की झनक बिजली की चमक सी मोहक मुस्कान झंकृत वीणा से बोल ऐसी ही हो तुम अप्रतिम, मोहक किसी कवि की कल्पना का साकार प्रतिमान ©हिमांशु Kulshreshtha तुम..
तुम..
read moreDr. H(s)uman , Homoeopath
Unsplash सब भूल जाओ लोग क्या कहते हैं आँखें बंद कर लो लोग क्या करते हैं तुम तो बस ये देखो और सुनो कि तुम क्या कहते और करते हो आपने बारे में। सिर्फ़ तुम ही सब कुछ हो ©Dr. H(s)uman , Homoeopath #तुम
Raaj _The Secret
कोई भी नही जो तेरी कमी पूरी कर सके, और कोई भी नही जिसे मैं तेरी तरह प्यार कर सकूँ।। ©Raaj _The Secret तुम
तुम
read moreParasram Arora
Unsplash मेरी बिगड़ेल चाहतो से मुझे राहत मिलेगी कब? मेरे शरारती स्वार्थी तत्व आखिर कब समझ पायगे जीवन का यथार्थ? मेरा मौन चिल्लाना चाहता है युगो से आखिर उनकी आवाज़ मै सुन पाऊंगा कब? ©Parasram Arora कब?
कब?
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