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Stories related to अलिफ़ बे का पारा

Kulvant Kumar

#LOATips "बे वजह की आदत है ये इश्क, इक उमर के बाद पूछो तो इसका मुआवजा क्या है

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White "Love 💕 
"बे वजह की आदत है ये इश्क, इक उमर के बाद पूछो तो
इसका मुआवजा क्या है "

©Kulvant Kumar #LOATips 
"बे वजह की आदत है ये इश्क, इक उमर के बाद पूछो तो
इसका मुआवजा क्या है

Unknown Shayar

#Book झुकी झुकी सी नज़र बे-क़रार है कि नहीं दबा दबा सा सही दिल में प्यार है कि नहीं shayari love

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Unsplash झुकी झुकी सी नज़र बे-क़रार है कि नहीं
दबा दबा सा सही दिल में प्यार है कि नहीं

©Unknown Shayar #Book झुकी झुकी सी नज़र बे-क़रार है कि नहीं
दबा दबा सा सही दिल में प्यार है कि नहीं
 shayari love

Praveen Jain "पल्लव"

#Likho एजेंडे के तहत महापुरुष भी बे दखल

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पल्लव की डायरी
एजेंडे के तहत महापुरुष भी बे दखल
आजादी के दीवानो को ठुकराया जा रहा है
काला चेहरा सत्ताधीशो का
अंग्रेजो जैसा बर्ताव जनता से किया जा रहा है
बढ़ गया जोर जुर्म इनका
टेक्सो से भुखमरी का शिकार बनाया जा रहा है
नैतिकता संवेदना और सँविधान से ना इनका वास्ता
हठधर्मिता से देश चलाया जा रहा है
भगतसिंह सुभाष चन्द नेहरू अम्बेडकर सब गौण
सिर्फ वीर सावरकर का गुणगान किया जा रहा है
                                                    प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव" #Likho एजेंडे के तहत महापुरुष भी बे दखल

Anjali Jain

आज का विचार 08.12.24 आज का विचार

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आज प्रजातंत्र,भीड़तंत्र में बदल चुका है 
भीड़, पहले नेतृत्व को विवश करती है
 अपनी सुख सुविधाओं के लिए....
फिर स्वयं विवश होती है
 अपने दुःख और दुविधाओं से...!!

©Anjali Jain  आज का विचार 08.12.24  आज का विचार

VIPUL KUMAR

आज का विचार

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Bhupendra Rawat

#sad_dp रोजगार शब्द मे 'बे' उपसर्ग जोड़कर बनाया गया एक नया शब्द, बेरोजगार शुरुआत मे 'बे' अक्षर के मायने थे, कुछ अलग जैसे कि दिलासा, सहानूभू

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White रोजगार शब्द मे 'बे' उपसर्ग 
जोड़कर बनाया गया
एक नया शब्द, बेरोजगार
शुरुआत मे 'बे' अक्षर के
मायने थे, कुछ अलग
जैसे कि दिलासा, सहानूभूति इत्यादि
परंतु, गुजरते वक़्त के साथ
बदलते गए मायने
उपसर्ग 'बे' के
इस अदने से अक्षर ने
अपने अंदर समाहित किए
अनगिनत अर्थ
 'निठल्ला', आवारा, नकारा, कामचोर इत्यादि
बन गयी विशेषता उपसर्ग 'बे' की
इसी विशेषता ने
आशाओं से भरे जीवन मे
भर दी निराशाएं

©Bhupendra Rawat #sad_dp रोजगार शब्द मे 'बे' उपसर्ग 
जोड़कर बनाया गया
एक नया शब्द, बेरोजगार
शुरुआत मे 'बे' अक्षर के
मायने थे, कुछ अलग
जैसे कि दिलासा, सहानूभू

ashita pandey बेबाक़

#sad_quotes आज का विचार आज का विचार शुभ विचार

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कठिन उद्यमों से,मैंने
जीवन की माटी ,सींची हैं 
तकदीरों के मस्तक पर 
मेहनत की ,रेखा खींची हैं
जब जब घाव लगा हैं बढ़ने
थोड़ी आंखें भींची हैं 
अपनी ज़िद मैं लिए बड़ी
ये दुनिया,कांच सरीखी हैं
दिवास्वप्न मे लिप्त नहीं,मैं 
रही धरा पर वास किए
सभी कंटकों से जूझी
स्वयं विजयश्री की हासिल
नहीं कोई इक भी अखियां
मेरे घावों पर भीगी हैं
कठिन उद्यमों से,मैने
जीवन की माटी,सींची हैं

©ashita pandey  बेबाक़ #sad_quotes  आज का विचार आज का विचार शुभ विचार

Sunil Kumar Sunil Kumar

आज का विचार

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Shashi Bhushan Mishra

#बे-दखल चाहत हुई है#

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बे-दखल चाहत हुई है,
भावना  आहत  हुई है,

प्रेम का मरहम लगाया,
तब कहीं राहत  हुई है,

बेवज़ह  बेचैन  हो मन,
समझ लो उल्फ़त हुई है,

देखता  हरबार मुड़कर,
जब कोई आहट हुई है,

ध्यान में  बैठे हो जबसे,
फिर कहां फ़ुर्सत हुई है,

हो मनोरथ सिद्ध अपना,
ऐसी कब किस्मत हुई है,

मुस्कुराकर  भूल जाना,
अपनी तो आदत हुई है,

याद तड़पाती है 'गुंजन',
घर   गये   मुद्दत  हुई है,
-शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
     प्रयागराज उ०प्र०

©Shashi Bhushan Mishra #बे-दखल चाहत हुई है#

Dev

दिल का अहसास

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वो कर्ज़ हम चुका ना पाये। हम्हारा फ़र्ज़ हम निभा ना पायें।‌।

©Dev दिल का अहसास
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