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Praveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी बन गये नर पिशाच खून सबका चूसने लगे है भाव मनोभाव दैत्यों जैसे राजा बनकर छलने लगे है जनता की सांसे रोकर फतेह सिंहासन जबरन करने लगे है पुण्यकर्म का सहारा लेकर पापो को बड़ा करने लगे है गति मति का ज्ञान नही आगे आने वाले भवो के दर्पण नरको जैसे दिखने लगे है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #Sad_shayri भाव मनोभाव दैत्यों जैसे पुण्यकर्म की आड़ में पाप करने लगे है #nojotohindi
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
गीत:- डर नहीं इंसान तू अब साथ में हनुमान है । आज कलयुग में नहीं इनसे बड़ा भगवान है ।। डर नहीं इंसान तू अब .... जा झुका ले शीश उनको कष्ट सारे दूर हों । जब शरण उनकी ठिकाना क्यों यहाँ मजबूर हों ।। आस जिसने भी लगाई वो न खाली हाथ है । जो न माने आज इनको वो बड़ा नादान है ।। डर नहीं इंसान तू अब.... राम के ही भक्त है वह राम का ही नाम लें । राम के वह नाम बिन देखो न कोई काम लें ।। राम का तू जाप कर ले राम ही आधार हैं । राम का ही नाम सुनकर खुश सदा हनुमान है ।। डर नहीं इंसान तू अब.... काम इस संसार में कोई हुआ ऐसा नही । दूत दानव दैत्य जो सुन नाम हनु कांपा नही ।। व्यर्थ फिर चिंता तुम्हारी है सुनो संसार में । सब सफल ही काज होंगे जब कृपा हनुमान है ।। डर नहीं इंसान तू अब... जानते हैं लोग भोलेनाथ के अवतार हैं । राम जी का काज करने को सदा तैयार हैं ।। इस जगत में भक्त इनसा सुन जगत में है नही । राम का ही नित्य करते ये सदा गुणगान हैं ।। डर नहीं इंसान तू अब .... डर नहीं इंसान तू अब साथ में हनुमान है । आज कलयुग में नहीं इनसे बड़ा भगवान है ।। २३/०४/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR गीत:- डर नहीं इंसान तू अब साथ में हनुमान है । आज कलयुग में नहीं इनसे बड़ा भगवान है ।। डर नहीं इंसान तू अब .... जा झुका ले शीश उनको कष्ट सारे
Shivkumar
महागौरी उपासना, अष्टम दिवस विधान I सारे पूजन कार्य में, सफ़ेद रंग प्रधान II . श्वेत-कुंद के फूल-सा, माँ गौरी का रंग I श्वेत शंख व चन्द्र सजे, आभूषण बन अंग II . दाएं नीचे हाथ में धारण करे त्रिशूल I डमरू बाएँ हाथ में, वस्त्र शान्ति अनुकूल II . माँ की मुद्रा शांत है, और चार हैं हाथ I बैल, सिंह वाहन बने, रहते उनके साथ II . आठ वर्ष की आयु में, देवी का अवतार I जो इनका पूजन करे, उसका बेडा पार II . शुम्भ-निशुम्भ प्रकोप से, साधु संत थे त्रस्त I माँ गौरी आशीष-पा, दिखे सभी आश्वस्त II . शक्ति स्वरूपा कौशिकी, माँ गौरी का अंश I दैत्यों शुम्भ-निशुम्भ का, अंत किया था वंश II . दान नारियल का करें, काला चना प्रसाद I माँ है मंगल दायिनी, दूर करे अवसाद II . माँ गौरी की हो कृपा, मिटते सारे कष्ट I कल्मुष धुल जाते सभी, होते पाप विनष्ट II . गौरी के आशीष से, पिण्ड छुडाते पाप I जब श्रद्धा से पूजते, मिटते तब संताप II . हमेशा साधु-संत का, यह अटूट विश्वास I माँ में अमोघ शक्ति तो, दुःख न भटके पास II . महिला चुनरी भेंट कर, प्राप्त करें आशीष I गौरी के दिन अष्टमी, सभी नवाएँ शीश II ©Shivkumar #navratri #navaratri2024 #navratri2025 #navratri2026 #नवरात्रि // देवी महागौरी // #महागौरी #उपासना , अष्टम दिवस विधान I सारे पूजन कार्
Shivkumar
मां का सप्तम रूप है मां कालरात्रि का, क्षण में करती नाश दुष्ट,दैत्य, दानव का। स्मरणमात्र से भाग जाते भूत, प्रेत, निशाचर, उज्जैन से दूर हो जाते हैं पल में ग्रह-बाधा हर। उपवासकों को नहीं भय अग्नि, जल, जंतु का, नहीं होता है भय कभी भी रात्रि या शत्रु का। नाम की तरह रुप भी है अंधकार-सा काला, त्रिनेत्रधारी है माताजी सवारी है गर्दभ का। दाहिना हाथ ऊपर उठा रहता है वरमुद्रा में, बाया हाथ नीचे की ओर है अभय मुद्रा में। तीसरे हाथ में मां के है खड्ग, चौथे में लौहशस्त्र, विशेष पूजा रात्रि में मां की करते हैं तंत्र साधक। शुभकारी है दूसरा नाम मां कालरात्रि का, शुभ करने वाली है मां, है सबकी मान्यता। गुड़हल का पुष्प है प्रिय, गुड़ का भोग लगाते हैं, कपूर या दीपक जलाकर मां की आरती करते हैं। ©Shivkumar #navratri #navaratri2024 #navratri2025 #navratri2026 #navaratri #नवरात्रि मां का सप्तम रूप है मां #कालरात्रि का, क्षण में करती #नाश दु
Shivkumar
शीश पर चंद्र विराजे, मां चंद्रघंटा कहलाती । तृतीय रुप में माता, जग में बड़ी सुहाती ।। अलौकिक, अविकारी, मां है कल्याणकारी । जब भी भक्त पुकारे, आ जाती मां हमारी ।। जब-जब संकट आया, देवों ने मां को बुलाया । एक पुकार पर मां ने, हर संकट दूर भगाया ।। दैत्यों के है संहारकारी , भक्तों के लिए है प्यारी l बड़ी ही करुणामयी है, जगजननी मां हमारी ।। ©Shivkumar #navratri #navaratri2024 #navratri2025 #नवरात्रि शीश पर #चंद्र विराजे, मां #चंद्रघंटा कहलाती । तृतीय रुप में #माता , जग में बड़ी सुहा
HARSH369
इस प्रथ्वी पर जीवन सभी ने काटना है जो आया है जितने लोग अपके इर्द गिर्द घूमते है सारे सच्चे नही होते देत्य भी हो सकते है देव भी हो सकते है अपके दोस्त भी आपके शत्रू भी हो सकते है इसलिये अपना भाग्य खुद लिखो,किसी से सलाह न लो सलाह लेनी है तो उन धर्म गुरुओ के समीप जाओ जो लोगो को सही मार्ग दिखाते है जो प्रेरणा देते है..! वहि करो जो आपका दिल कहता है , अच्छा कुछ करोगे तो पुन्य मिलेगा,बुरा करोगे तो पाप...!! ©SHI.V.A 369 #दैत्य और दैवो की लड़ाई