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Mohan Sardarshahari
यह दिल और इसमें चाहत के फूल भेजे जो तुमने सुबह करते हुए भूल किया है उन्होंने असर कुछ इस तरह जैसे जख्मों पर लग गई हो दवा माकूल।। ©Mohan Sardarshahari चाहत के फूल
चाहत के फूल
read moreParasram Arora
Unsplash कैसे पता लगे कि कौनसी बात न्याय संगत है और कौनसी बात व्यर्थ कागज़ी फूलों पर तुमने कभी किसी भवरे को बैठते हुए देखा है क्या? ©Parasram Arora कैसे पता लगे?
कैसे पता लगे?
read morePRIYA SINHA
❤"मुहब्बत के फूल"🌹 मुहब्बत के फूल अक्सर , मुरझा जाया करते हैं - लफ्ज़ों की बेरूखी से ; लहजों की अनदेखी से ! मुहब्बत के फूल अक्सर , मुरझा जाया करते हैं - बेवजह के अहम से ; क्रोध और वहम से ! मुहब्बत के फूल अक्सर , मुरझा जाया करते हैं - कभी चुप्पी , लड़ाई से ; कभी झूठ , बेवफाई से ! मुहब्बत के फूल अक्सर , मुरझा जाया करते हैं - किसी तीसरे के प्रवेश से ; व्यर्थ के कलह क्लेश से ! प्रिया सिन्हा 𝟐𝟗. नवंबर 𝟐𝟎𝟐𝟒. (शुक्रवार) ©PRIYA SINHA #मुहब्बत #के #फूल
RAVI PRAKASH
White मुस्कुराने दे आँखों को अपनी तेरी ख़ामोश आँखें यार ग़मज़दा करती है.. ©RAVI PRAKASH #sad_quotes मुस्कुराने दे आँखों
#sad_quotes मुस्कुराने दे आँखों
read moreJitendra Giri Hindu
चांदनी ने पूछा, ये चेहरा क्यों हंसता है, दिल के दरवाजे पर क्यों सन्नाटा बसता है? कह न पाया, आंखों का ये हाल, मुस्कुराहट के पीछे है जख्मों का जाल। हर रात ये आँखें सितारों से लड़ती, भीतर के आँसू हवाओं में बहती। ख्वाबों की परतें टूट-टूट गिरें, उम्मीदों की चादर फटी-फटी मिलें। सवालों के घेरे, जवाबों का डर, दर्द छुपाने में लगती हर एक नजर। हंसी के सुरों में रुदन की कहानी, हर रोज़ ये दिल खेले नयी रूहानी। चांदनी ने फिर कहा, सच कह दे अभी, क्यों हर मुस्कान में छुपी है खलबली? दिल ने बस धीरे से इतना बताया, "मुस्कुराने का हुनर, जीने का साया।" ©Jitendra Giri Goswami रात रात मुस्कुराने का हुनर। #sadness #NojotoWritingPrompt 'दर्द भरी शायरी'
रात रात मुस्कुराने का हुनर। #sadness WritingPrompt 'दर्द भरी शायरी'
read moreShiv Narayan Saxena
White घर - घर में होने लगे, नारी का सम्मान। जग अपना लगने लगे, सभी सुखों की खान।। नवरातों के बाद जो, मान करै ना कोय। अपने हाथ विनाश को, निकट बुलावै सोय।। 'शौक' शौक में देखिये, सुमिरन ना छुट जाय। हरि साथै जो खेलिये, जन्म-मरण छुट जाय।। कण-कण उनका वास है, सब सांसों में वोहि। छण-छण उनका नाम ले, मनगति थिर तब होहि।। घर - घर में होने लगे , जगराते हरि बोल। हृदपट भी खुलनें लगें , जै मां जै मां बोल।। ©Shiv Narayan Saxena #good_night घर-घर में होने लगे.....
#good_night घर-घर में होने लगे.....
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