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Badnam Shayar

#cycle शायरी दर्द 'दर्द भरी शायरी' शायरी हिंदी में

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मसाले हैं बहुत दरमे आए खुदाया
जिस्म है कैद रुख परेशान खुदाया 
जवानी में कमर झुकने लगी है 
मैं चंद दिन का लगता हूं मेहमान खुदाया
बिकते हैं लोग मोहब्बत में अक्सर 
इश्क तो लगता है दुकान खुदाया 
मेरी जान ही मेरी जान ले रही है 
मेरा मौत से क्या नुकसान होगा खुदाया
खिलौना जानकर वो तोड़ गया है 
मैं उसे शख्स को लगता हूं बेजान खुदाया

©Badnam Shayar #cycle  शायरी दर्द 'दर्द भरी शायरी' शायरी हिंदी में

Parasram Arora

दर्द आखिर दर्द ही तों है

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Unsplash दर्द आखिर
 दर्द ही तों है 

और ये हकीकत है 
कि मुझे दर्द को 
सज़ाने का हुनर 
भी मै नहीं जानता
 
क्या कोई बताएगा 
मुझे  कि 
दर्द को सजाने से
 क्या दर्द मेरा कम 
होगा या बड जायगा?

©Parasram Arora दर्द आखिर दर्द ही तों है

No Way

शायरी दर्द शायरी हिंदी में

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Innocent Shailu

'दर्द भरी शायरी' शायरी दर्द शायरी हिंदी में शायरी हिंदी में शायरी हिंदी

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Sangam Pipe Line Wala

शायरी हिंदी में शायरी 'दर्द भरी शायरी' शायरी दर्द शायरी हिंदी में

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कोई था पागल सोचके जी लेना 
हो सके तो तुम माफ़ कर देना 
हो गई थी बहुत बड़ी ख़ता मुझसे 
अब मुझे हर जगह ब्लॉक कर देना...

©Sangam Pipe Line Wala  शायरी हिंदी में शायरी 'दर्द भरी शायरी' शायरी दर्द शायरी हिंदी में

Raushan Rangila2453

शायरी हिंदी में शायरी दर्द

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write

शायरी हिंदी में शायरी दर्द

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कौन सा पूरा आसमां मानता हूं,
बस चांद से थोड़ी रोशनी मांगता हूं.!
❣️💯




ं

©चल तेरे इश्क़ में पड़ जाते हैं  शायरी हिंदी में शायरी दर्द

Rohit Ahirwar

शायरी दर्द शायरी हिंदी में

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Madhav Awana

जान दे सकता है क्या? शायरी हिंदी में शेरो शायरी 'दर्द भरी शायरी' शायरी दर्द शायरी लव

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नवनीत ठाकुर

#वक्त के आगोश में खोए लम्हों की सदा

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वक्त की आगोश में खोए लम्हों की सदा

दिन का उजाला काली रात में जब घुल सा जाता है,
काले बालों पर सफेदी का रंग यूं धीरे-धीरे छाता है।

दरख़्तों को देखता हूँ, जो कभी थे हरियाली की मिसाल,
अब बिन पत्तों के खड़े हैं, वक्त का ये भी एक हाल।
ग्रीष्म में जो राहगीरों को ठंडक पहुंचाते थे हर बार,
आज वो सूखे ढेरों में बदल गए, जैसे वक्त ने की है मार।

तब सोचता हूँ, तेरी खूबसूरती का क्या होगा अंजाम,
इस वक्त के साये में, रहेगा क्या तेरा कोई नाम? वक्त की धार हर हुस्न को मिटा के जाती है,
नई खुशबू के संग पुरानी यादों को दबा जाती है।

वक्त की दराँती से कौन बच सका है यहाँ,
किसे है खबर इस सफर की आखिरी मंजिल है कहां?
पर एक उम्मीद है, जो तेरी बनाए रखेगी पहचान,
 जो तेरा नाम यूं ही रोशन करेगी, वो है तेरी संतान।

©नवनीत ठाकुर #वक्त के आगोश में खोए लम्हों की सदा
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