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Reena Patel
मैं आज़ाद था, जन्मदिन मुबारक, चंद्रशेखर आज़ाद मातृभूमि की रक्षा के लिए अपना सर्वस्य. ही न्योछावर कर दिया जिसने. ऐसे भारत माता के सुपुत्र को. भला कौन भुला पाएगा. आज ही के दिन... ये पुण्य आत्मा ने जन्म लिया था. भारत माता की पावन भूमि पर . जो मै हूं आजाद का सपना संग वो लाया था. भला कौन इन्हें भुला पाएगा.. बच्चा-बच्चा जानता है. इनका नाम जो है इतिहास के सुनहरे पन्नों पर🇮🇳 रीना पटेल. #🇮🇳 दुश्मनों की गोलियों का सामना करेंगे हम आजाद हैं और आजाद रहेंगे.!!
sumit kumar
अजय वर्मा
दुश्मन की गोलियों का सामना करेंगे,आजाद ही रहे हैं, आजाद रहेंगे । भारत के वीर पुत्र चन्द्रशेखर आजाद के जयंती के अवसर पर भावभीनी श्रद्धांजलि.
AnsHuL SaiNii
🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳...@ ©AnsHuL SaiNii दुश्मन की गोलियों का सामना हम करेंगे, आज़ाद हैं आज़ाद ही रहेंगे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीद शिरोमणि
Sumit Kumar
"दुश्मन की गोलियों का सामना करेंगे, आजाद हैं, आजाद रहेंगे।" ये पंक्तियां उस जुनून से प्रेरित थीं जो अन्याय, अत्याचार, शोषण और दमन के खिलाफ झुकने से इनकार करता है। यही वह नेतृत्वकारी जुनून है जिसने देश के लाखों युवाओं को प्रेरणा दी और आजादी के लिए समस्त भारत को एकजुट किया। अंग्रेजी हुकूमत के अन्याय के खिलाफ अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले महान स्वतंत्रता सेनानी, कुशल नेतृत्वकर्ता और अमर शहीद श्री चंद्रशेखर आजाद जी के शहादत दिवस पर उन्हें सादर नमन । ©Som K. "दुश्मन की गोलियों का सामना करेंगे, आजाद हैं, आजाद रहेंगे।" ये पंक्तियां उस जुनून से प्रेरित थीं जो अन्याय, अत्याचार, शोषण और दमन के खिलाफ
Mahfuz nisar
शीर्षक::: तू काम बता तू काम बता? तेरे लिए मैं क्या क्या करूँ, कसीदे लिखूँ, गिलाफे बुनूँ, लिहाफ़े सिलूँ,सर्राफे चुनूँ, बर्तन तो माँज दिया, कपड़े भी धुल दिये, रोटी भी बना लिया, हाथों से खिला दिया, चल और बता, तेरे लिए मैं क्या क्या करूँ, हाज़िर जवाबी का तू फ़ायदा उठा ले, मैं तेरी मुहब्बत का फरिज़ा उठा लूँ, तू बता गर कोई ग़म है, भला क्यूँ आँख तेरी नम है, मत कर तू फ़िक्र मेरी, चुटकियों में सब संभाल लूँगा, जो तू मुस्करा दे,सब वार दूँगा, बोल तो बाज़ार से क्या आम ला दूँ, खट्टी-मीठी गोलियों का बोयाॅम ला दूँ, जीरे वाली बिस्किट कि बर्फ़ी बादाम ला दूँ, दूर शहर के किनारे झोपडी़ वाली नान ला दूँ, या कि तेरी किसी सहेली का पैग़ाम ला दूँ, बता तो दे तू,मैं तेरी खातिर सारा जहान ला दूँ, बस कि कंधा नहीं दूँगा तुझको, क्यूँ बार बार इशारे करती है, मैं कंधे दे कर कैसा भला मौत का इलज़ाम ले लूँ, तेरे भारी होते माथे का बोझ मेरे ये कमज़ोर कंधे ना उठा सकेंगे, तू जो गयी चली तो हम काम क्या ही करेंगे। तू काम बता,बता, ,,, बता,,,,, बता ना? तेरे लिए मैं क्या क्या करूँ........... ©Mahfuz nisar #alone शीर्षक::: तू काम बता तू काम बता? तेरे लिए मैं क्या क्या करूँ, कसीदे लिखूँ, गिलाफे बुनूँ, लिहाफ़े सिलूँ,सर्राफे चुनूँ, बर्तन तो माँज