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banjarasoul
Bachpan k din b kya deen the Wallet khali rehta tha par dil bhara ©banjarasoul #Childhood
Chandan
White बेहतर से बेहतर की तलाश करो,मिल जाए नदी तो समंदर की तलाश करो,टूट जाता है शीशा पत्थर की चोट से,टूट जाए पत्थर ऐसा शीशा तलाश करो ©Chandan #GoodNight #Shayari #poems #Nojotoshayeri✍️M #poems
#GoodNight Shayari #poems shayeri✍️M #poems
read morePala ram Gader
White ज़िंदगी की राहों में मुश्किलें तो आएंगी, लेकिन हौसलों से कभी हार नहीं माननी चाहिए। ©Pala ram Gader #sad_quotes #poems
Hasan Khan
White मैं चांद का तलबगार होकर , अंधेरी रात में अकेला खड़ा था , फिर एक जुगनू आया , ओर मंजिल का रास्ता दिखा के चला गया , ~हसन खान ©Hasan Khan #Shaayari #poems #GoodMorning
Praveen ji
childhood heart is very sweet in internal parts ©Praveen ji #childhood
Manas Subodh
लिखना है मुझे "पिता का बोझ" लिख देनी है वो सारी बातें जो पिता कभी कह नहीं पाए लिखना है वो सारे सपने जो पिता छोड़ देते एक पड़ाव पर और अगर स्याही खत्म हो जाए तो लिखूंगा मै रेत पर जितनी बार भी नदी उसे मिटायेगी उतनी बार लिखूंगा पर सच कहू माँ की ममता से कठिन है समझना "पिता का स्नेह" ©Manas Subodh #FathersDay #poems
Zahid Akhtar
Most educated and working couples DON'T allow their kid to SOCIALIZE this may be due to, over protective nature or social stratas. Let me tell you, your are making them ROBOTs, killing their intellect, hampering their moral values, making them more materialistic. Get up before its too late, their expressions and behaviour speaks a lot. ©Zahid Akhtar #Childhood #mentalHealth
Mk thoughts
Unsplash do paiso ke liye inshan kya bhul mtt jao kiyunki paiso se sirf Amir bante hein inshan nhi...... ©Mk thoughts #traveling #poems #Trending
Writer Mamta Ambedkar
गद्दारों के शहर में दिल की बात कहे भी तो, किससे कहे, यहां सब गद्दार हैं। चेहरे पर मुस्कान, दिल में खंजर, हर कोई छल-कपट का साकार है। बातों में मलहम, हाथों में नमक, दिखावटी अपनापन हर ओर है। दर्द पूछते हैं, सहला के, फिर घावों को चीरने का जोर है। यहां सच की आवाज़ दबा दी जाती, झूठ के सिक्के खनकते हैं। अपनों के बीच भी परायापन, दिलों में फासले पलते हैं। तो किससे कहें ये दिल की बात, कौन सुनेगा हमारी पुकार? इस अंधेरे में ढूंढ़ रहे रोशनी, जहां हर रिश्ता एक व्यापार। पर दिल है कि उम्मीद नहीं छोड़ता, शायद कहीं कोई अपना भी हो। जो मलहम भी लगाए, सहलाए, और नमक के घावों से बचाए। ©Writer Mamta Ambedkar #Childhood
Avinash Jha
वात्सल्य का स्पर्श जब मुस्काए किलकारी बन, भर दे घर आंगन की चहल-पहल। छोटे हाथों की छुअन से, झूम उठे सारा घर-आलय। नन्हें कदमों की वो आहट, जैसे सुबह का पहला किरण। माँ के आंचल में छुप जाए, पिता के कंधों पर वो सुमिरण। उनकी हँसी का संगीत सुन, दीवारें भी गुनगुनाने लगतीं। खिलौनों की मीठी बातें, हर कोना दर्पण बन जातीं। नटखट शैतानी में छिपा, जीवन का अनमोल ज्ञान। हर बिखरी चीज़ में झलकता, स्नेह का अनुपम सम्मान। माँ के हाथों से खाए निवाले, स्वाद बन जाते हैं अमृत। पिता की उँगली पकड़कर चले, हर सफर लगता है सरल। वो छोटे-छोटे सवाल, जैसे गूंजें नदियों के सुर। उनकी जिज्ञासा से सीखें, हर पल का अद्भुत मर्म। इस वात्सल्य की सुगंध से, महक उठे हर आशियाना। एक बच्चे की मासूमियत से, सजता है सारा जमाना। ©Avinash Jha #Childhood