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shaifali thewriter
✨🙏 " स्त्री " 🙏✨ 🔺🔺 त्रिभुज कविता 🔺🔺 सुनो तुम हो सदैव वंदनीय हो चाहे कोई स्वरूप गंगा बन कभी निर्मल करतीं बन सरस्वती जीवन में स्वर भरतीं रिद्धि बन रिक्तता को पूर्णता में बदलती जो बन आओ सिद्धि असामान्य कौशल भरतीं धर रूप गौ माता का नस नस में क्षीर की शक्ति देतीं वात्सल्य बरसा कर सब पर अपना तुम जीवन सुदृढ करतीं बन गौरी सी संगिनी हम पुरुषों की तुम पग पग में सरगम भरतीं तुम ही कृष्णप्रिया वृषभानु दुलारी कृष्ण के अस्तित्व को सम्पूर्ण करतीं हे स्त्री !! तुम ही तो विष्णुप्रिया चंचला लक्ष्मी हो सुख और समृद्धि की दाता तुम बिन यज्ञ न होते जगत में कहीं भी न ही अन्य कोई भी पुण्य अर्जित हो पाता ©shaifali thewriter त्रिभुज कविता..... स्त्री #Streaks #DailyStories #Nojoto #Women #RESPECT #Feel
RJ Ankesh
Akib Javed
बदलते परिवेश में अटपटे भावोवेश में गाँव का बदल रहा हिस्ट्री, जियोग्राफ़िया। खलिहर बैठें मनो मस्तिष्क में शून्य लिए खूब हो रहे अपराध है। सड़कों की लम्बाई चौड़ाई बदल रहा घर का परिमाप है। गाँवों में शहर का जन्म हो रहा है! ©आकिब जावेद बदलते परिवेश में अटपटे भावोवेश में गाँव का बदल रहा हिस्ट्री, जियोग्राफ़िया। खलिहर बैठें
Bhaskar Anand
यशवंत कुमार
वो चेहरा 'तुम्हारा' है मेरी बातों का मेरे जज्बातों का मेरे ख्यालों का मेरे सवालों का Read in caption... वो चेहरा "तुम्हारा " है। मेरी बातों का मेरे जज्बातों का मेरे ख्यालों का मेरे सवालों का मेरी तन्हाईयों का मेरी परछाईयों का
Rohit Potdar
का बरं का ? "Koni Pratyaksha pyeksha Gelyavarach jasta prem jaanavte." Haa difference vedich sarkavta aala nahi. Tar aayushya aani tyatli loko, fakt aathvan mahnun rahun jhatil aani tasecha jagave lagtil. का बरं का ?
Author Munesh sharma 'Nirjhara'
"अधूरापन ही खींचता है अपनी ओर पूर्ण हो जाने के लिए..." अधूरापन भावों का...सोच का....विचारों का...
Mayank Pandit
आज कल लोग सच्चे प्यार की नही, बस कुछ दिन साथ दे ऐसे यार की खोज करते है, आज कल तो सकल भी नही देखते लोग, 10 मिनट की चॅटिंग मे डिरेक् पुरपोज करते है, और कहते है की बेबी हम भी मशूर हो लैला मजनू की तरह इस जमाने मे, मगर उनको क्या पता जिंदगी से अल्बिदा कहना पड़ता है इश्क़ का इतिहास बनाने मे. . poet - mayank pandit आज का का इश्क़