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Pinki Rajput
अक्स आंसुओं का छुपाकर सुरमा लगाती है कई गहरे दर्द दिल में रखकर चेहरे पर शिकन तक नहीं लाती और मुस्कुराती रहती है ये हुनर हर किसी में कहां जनाब ,बस एक औरत ही कर पाती है! अज्ञात..✍️ ©Pinki Rajput #Women
Bharat Bhushan pathak
नवीनता लिए प्रभात आ गया। मलिनता छँटी विभात छा गया।। विलुप्त वर्ष ये हमें बता रहा। उमंग ही भरो नहीं उचाटना।। ©Bharat Bhushan pathak #newday love poetry in hindi poetry in hindi hindi poetry on life poetry on love hindi poetry
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read moreBINOदिनी
कुछ पाना नहीं था, खोने का गम नहीं था। ख़्वाहिश बड़ी या चाहत, कुछ मतलब जानना, हमें गवारा न था।। न मिला कुछ, न कुछ खोये हैं, बस लंबी है राह, मुस्कुराते हुए बस इसमें चलना है।। ©BINOदिनी #Women
Bharat Bhushan pathak
#विधा-सोरठा छंद देकर जिसने प्राण,रक्षित जीवन को किया। लिया नहीं अवकाश,सेवा माता को दिया।।१ खाते हरदम चोट,तपते रवि सम ही यहाँ । पल भर को भी चैन,लेते वो बोलो कहाँ।।२ छोड़ सदा परिवार,सदैव सरहद पे रहें। करते सबसे प्रेम,वार शत्रु के भी सहें।।३ मिले हमें आनंद,उपाय करते हैं यही। रहते ओढ़े बर्फ,कहता एकदम हूँ सही।।४ ©Bharat Bhushan pathak poetry in hindi poetry lovers hindi poetry hindi poetry on life poetry on love
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read moreNR (Dilki baatein shabdonme...)
vibha $ingh
रूठ कर हम उन्हें भूल जाने लगे पर वो हमें और भी याद आने लगे,,, हमने उन से कही अपनी मजबूरियां लेकिन उनको ये सारे बहाने लगे,,, उनसे एक पल में कैसे बिछड़ जाए हम जिनसे मिलने में न जाने कितने ज़माने लगे,, उनके क़दमों में गिर कर मर जाए हम काश इसी तरह अपनी मिट्टी में ठिकाने लगे...v$ ©vibha $ingh #Women hindi poetry on life Extraterrestrial life love poetry in hindi love poetry for her poetry..#v$
Anamika Tyagi
White सलाम हैं उसे जो कुछ भी नहीं इंदिरा गांधी कुछ भी नहीं क्यों क्यों क्योंकि वो एक महिला हैं एतराम हैं उसका जो कुछ भी नहीं कल्पना चावला कुछ भी नहीं क्यों क्यों क्योंकि वो एक महिला हैं मेहरबान हैं कायनात उस पर जो कुछ भी नहीं सावित्री बाई फूले कुछ भी नहीं क्यों क्यों क्योंकि वो एक महिला हैं कदरदान हैं पुरूष उस पर जो कुछ भी नहीं मां दुर्गा कुछ भी नहीं क्यों क्यों क्योंकि वो एक महिला हैं ©Anamika Tyagi #Women
Anamika Tyagi
White ना तुम्हारा कोई न तुम किसकी पर शेर की तरह आती हों पर शमशेर की तरह दहाड़ती हों वाह क्या गीत गाती हों यू ही मन ही मन गुनगुनाती हों ©Anamika Tyagi #Women
Anamika Tyagi
White जब तुम्हे कोई ज़िंदा देखना भी नहीं चाहता बस काम निकलना चाहिए बस घर का काम होना चाहिए बस शादी करके बोझ निपटना चाहिए फिर क्यों फिर क्यों तुम्हें तो किसी ने चाहा भी नहीं तुम अनचाही वस्तु हो जी हां अजी हां वस्तु इंसान भी नहीं फिर क्यों फिर क्यों बात बात पर राग अलापति हो बात बात पर मेरा मेरा करती हो तुम ये जान लो तुम ये मान लो तुम्हारा कोई नहीं ©Anamika Tyagi #women
SILENT BABA
Title - " बिदाई " बेटी के जन्म से ही माता-पिता को,,, सबसे पहले मन में यहीं बात आती हैं कि बेटी तो एक दिन दूसरे घर में जानी है माता-पिता बेटी को ,,,,, हर दुःख दर्द से दूर करने की कोशिश करते है जब उसकी शादी की बात आती है ,,,,,, तब उसकी बिदाई की फ़िक्र में परेशान रहते हैं कि बेटी को ससुराल वाले ताने ना दे ,,,,,,, ©SILENT BABA #Sad_Status poetry in hindi hindi poetry poetry poetry on love hindi poetry on life
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