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Divyanshu Pathak
बंटबारे के बाद हड़प्पा और मोहनजोदड़ो पाकिस्तान का हिस्सा हो गए तो पड़ौसी ने दावा कर दिया कि सबसे प्राचीनतम सभ्यता की नींव उनकी धरती पर पड़ी।जब इसकी भनक भारतीय पुरातत्व विभाग को लगी तो पूर्वी पंजाब,राजस्थान और गुजरात में उत्खनन आरम्भ कर दिया।इसी के फलस्वरूप प्रसिद्ध पुरातत्ववेत्ता 'अमलानंद घोष' ने कालीबंगा और ऐसे ही कई टीलों को खोज निकाला।खुदाई कर सिन्धु सभ्यता के समकक्ष ही नहीं वरन उससे भी पुरानी सभ्यता के प्रमाण निकाल कर पाकिस्तान का दम्भ चूर-चूर कर दिया।इस कार्य को व्रजवासी लाल और बालकृष्ण थापर ने जारी रखा।राजस्थान का यह ऐतिहासिक स्थान गंगानगर जिले के सूखी घग्घर ( प्राचीन सरस्वती )नदी के तट पर स्थित है।खुदाई में मिले अवशेषों से ज्ञात हुआ कि यहाँ की सभ्यता और संस्कृति बेहद समृद्ध एवं विकसित थी।दुर्भाग्यवश कुछ प्राकृतिक कारणों से सरस्वती नदी लुप्त हो गई और उसी के साथ एक शानदार सभ्यता का ह्रास हो गया। सरस्वती नदी के लुप्त होने का उल्लेख तो पुराणों में भी मिलता है।एक किवदंती के अनुसार श्रीराम ने जब समुद्र को सुखाने के लिए अग्निवाण खींच लिया
Bhavesh Thakur
नाउम्मीदी में उम्मीद.. ©Bhavesh Thakur "Rudra" नाउम्मीदी में उम्मीद उम्मीद थी भरोसे की विश्वास की एक जन्म-जन्मान्तर साथ की, पर मेरे हाथ लगी नाउम्मीदी। उम्मीद थी एक उत्कृष्ट भविष्य की ब
Vikas Sharma Shivaaya'
कुबेर लक्ष्मी मंत्र : ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा॥ पुराणों के अनुसार ब्रह्मा जी के मानस पुत्र भृगु ऋषि का विवाह प्रजापति दक्ष की कन्या ख्याति से हुआ जिससे धाता,विधाता दो पुत्र व श्री नाम की कन्या का जन्म हुआ। भागवत पुराण के अनुसार भृगु ऋषि के कवि नाम के पुत्र भी हुए जो कालान्तर में शुक्राचार्य नाम से प्रसिद्ध हुए। शुक्र -जिसका संस्कृत भाषा में एक अर्थ है शुद्ध, स्वच्छ, भृगु ऋषि के पुत्र एवं दैत्य-गुरु शुक्राचार्य का प्रतीक शुक्र ग्रह है। भारतीय ज्योतिष में इसकी नवग्रह में भी गिनती होती है। यह सप्तवारों में शुक्रवार का स्वामी होता है। यह श्वेत वर्णी, मध्यवयः, सहमति वाली मुखाकृति के होते हैं। इनको ऊंट, घोड़े या मगरमच्छ पर सवार दिखाया जाता है। ये हाथों में दण्ड, कमल, माला और कभी-कभार धनुष-बाण भी लिये रहते हैं। उषानस एक वैदिक ऋषि हुए हैं जिनका पारिवारिक उपनाम था काव्य (कवि के वंशज, अथर्व वेद अनुसार जिन्हें बाद में उषानस शुक्र कहा गया। शुक्र एकाक्षरी बीज मंत्र- 'ॐ शुं शुक्राय नम:। ' शुक्र तांत्रिक मंत्र- 'ॐ द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम:। ' सो शिंगार वा चित्र में हतो , तैसोई वस्त्र आभूषन अपने श्रीहस्त में धारण किये ! गाय ग्वाल सखा सब साथ ले के आप पधारे !! इस दोहे में रसखान जी कहते है कि चित्र में जैसा श्रृंगार था ठीक उसी प्रकार का श्रृंगार करके श्री कृष्ण पीताम्बर रूप में अपने ग्वाल बाल गोपो के साथ वे रसखान से मिलने पहुँच जाते है जहाँ रसखान बैठकर कृष्ण के प्रेम में आंसू बहा रहे थे ! 🙏 बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 ©Vikas Sharma Shivaaya' कुबेर लक्ष्मी मंत्र : ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा॥ पुराणों के अनुसार ब्रह्मा जी के मानस प
Divyanshu Pathak
#"भैया" एक ऐसा शब्द है जो किसी भी इंसान को सुरक्षा और अपनेपन का एहसास दे जाता है । #komal sharma #shweta mishra #indu rathee #priya shekhawat #ruchi prajapati हम सनातनी या वैदिक परंपराओं और जीवनशैली में विश्वास रखने बाले लो
Divyanshu Pathak
आपके अपने विचार , मेरा अपना मत है। ये कतई ज़रूरी नही कि, मेरे मत से आप, आपके विचारों से मैं, सहमत हो जाऊं। विचारों में टकराव होता है। स्वभाव बदलते है। आदत भी बनती और बिगड़ती है। अधिकतर इस बिखराब में खो जाते है। कई विरले स्वयं को बना भी पाते है। : सुप्रभातम साथियो उम्मीद करता हूँ कि सब सकुशल होंगे। : "सत्य" का कोई पर्
Mularam Bana
समाज, दीपावली और पर्यावरण दीपावली विशेष भारतीय जन मानस की स्मृतियों में रचा-बसा है कि दीपावली के ही दिन भगवान राम लंका विजय कर अयोध्या लौ
Anil Siwach
Anil Siwach
Aprasil mishra
"वैश्विक समाज की शवाधान प्रणालियों में अन्तर एवं उनकी ऐतिहसिक पृष्ठभूमियाँ : जमींन-जिहाद के आलोक में।" **************************************** वैश्विक समाज में जनगत मानसिकता आज जिस तरह साम्प्रदायिक चरमपंथ में वैमनस्य का शिकार हो
Aprasil mishra
"कृष्ण जीवन में राधा और रुक्मिणी तुलनात्मक साहित्य : एक कलंक" हमारे समाज के नायकों के अतीतीय जीवन वृत्तान्तों को साहित्य अथवा लेखन जगत उनके वास्तविक व गरिमापूर्ण जीवन के मौलिक अथवा मूल अध