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Anuradha T Gautam 6280
Unsplash वो मुझे जिंदगी के तौर तरीके सीख रहा था और उसे क्या पता इस जिंदगी की गुरु मां तो मैं ही थी..🖊️ #@2🤦🏻🙆🏻♀️ ©Anuradha T Gautam 6280 जिंदगी के सफर में
जिंदगी के सफर में
read moreHarshit Tyagi
आप सभी को तुलसी पूजन की हादिक शुभकामनाएं 🙏 ©Harshit Tyagi हर घर के आंगन में तुलसी होनी चाहिए ।
हर घर के आंगन में तुलसी होनी चाहिए ।
read moreAbhay Shaw (8100233007)
#poetryunplugged #LIFENEVERDIES किसी के दिल में प्यार हमेशा के लिए रहता है ...!! Love ❤️
read morePraveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी वैज्ञानिकों की कारगुजारियों के चलते मौसम रंग बदल रहे है बायु प्रदूषण में केमिकल्स और वाहनों के अंधाधुंध प्रयोग शामिल हो रहे है कैसे पनपे कोई स्वस्थ्य बीज पौधा बनकर यूरिया और कीटनाशक मिट्टी के कण कण में पनप रहे है जहरीला हर खाद्यान्न भोजन के रूप में है केंसर के रूप में विश्वभर के लोगो को लील रहै है सभ्यताओं के विकास में पागलपन इतना बढ़ गया जीवन हम सब अपना बीमारियों के रूप में ढ़ोह रहे है चिंता शुद्व हवा पानी की करते करते असभ्यताओ के बीज विषरूप में बो रहे है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #WorldEnvironmentDay असभ्यताओ के बीज विषरूप में बो रहे है
#WorldEnvironmentDay असभ्यताओ के बीज विषरूप में बो रहे है
read moreनवनीत ठाकुर
भाईचारा हो जहां, वहां अमन का राज है, सपनों से सजी दुनिया का यही आगाज़ है। आओ इस अनमोल जज़्बे को और फैलाएं, इंसानियत के फूल हर बगिया में खिलाएं। हर राह में बस प्यार के दीप जलाएं। ©नवनीत ठाकुर हर राह में बस प्यार के दीप जलाएं।
हर राह में बस प्यार के दीप जलाएं।
read moreF M POETRY
White मनाने रूठने के खेल में हम.. बिछड़ जायेंगे ये सोचा नहीं था.. यूसुफ़ आर खान.... ©F M POETRY #मनाने रूठने के खेल में हम.....
#मनाने रूठने के खेल में हम.....
read morePraveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी अस्तित्व किस किस का डूबा उबाल की सियासतों में जिक्र कही उनका नही है कितने उसूल तोड़े तड़का कुर्सियों के पाने में लगाया है अदरक की तरह कुटा पिटा आमजन तब कही जाकर सत्ता की चाय का स्वाद आया है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #teatime तड़का कुर्सियों के पाने में लगाया है
#teatime तड़का कुर्सियों के पाने में लगाया है
read morePoet Kuldeep Singh Ruhela
White #कभी खामोश रहता हूं कभी में गुनगुनाता हूं तेरी चाहत के समंदर में हमेशा में डूब जाता हूं में बदनसीब हूं तेरी चाहत के नशे में यार फंस जाता हूं तेरी महफिल में आके अपनी चाहत के किस्से सबको सुनाता हूं ©Poet Kuldeep Singh Ruhela #love_shayari #कभी खामोश रहता हूं कभी में गुनगुनाता हूं तेरी चाहत के समंदर में हमेशा में डूब जाता हूं में बदनसीब हूं तेरी चाहत के नशे मे
#love_shayari #कभी खामोश रहता हूं कभी में गुनगुनाता हूं तेरी चाहत के समंदर में हमेशा में डूब जाता हूं में बदनसीब हूं तेरी चाहत के नशे मे
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