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priyanka pilibanga
तेज केशरी पत्रिका मे प्रकाशित रचना 😊😊 https://nojoto.page.link/q5tV4❤️ ©Priyanka pilibanga प्रकाशित रचना 🤗❤️
प्रकाशित रचना 🤗❤️
read moreVivek
हे तारों की चित्रावली,मैंने हर तारे में,तुम्हारा जो चित्र बनाया है,उस आसमां में बैठा हुआ चांद,अपनी शर्माती पलकों से मुझे जो कहता है, वो सिर्फ़ तुम ही जानती हो...!!! ©Vivek #तारे
Ram Prakash
White मंडप तक जाते जाते इश्क का लोकेशन कुछ एैसा धीमा है किसी और के चाँद का किसी और को बीमा है ©Ram Prakash #love_shayari चाँद
#love_shayari चाँद
read moreShraddha
ऐ चाँद ,क्यों तेरा दीदार मुझे उनकी याद दिलाता है तुझे निहारकर बैचैन दिल को सुकून मिल जाता है देखते हैँ वो भी मुझे तुझमे कहीं ,तू उनका भी सुकून होगा कभी, शुक्रिया ऐ चाँद तू आकर हमारा मिलन करा जाता है। हमारा मिलन करा जाता है। ©Shraddha # चाँद
# चाँद
read moreParasram Arora
White मै रात भर चाँद को पतंग बना कर उडाता रहा फिर बादलों से पेच लड़ा बैठा और पता नहीं वो चाँद कट कर कहा जा कर गायब हुआ था ©Parasram Arora चाँद नहीं पतंग
चाँद नहीं पतंग
read moreAdv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)
कुछ तो है या कुछ हुआ हुआ सा लगता है तेरी उल्फ़त में उठा धुंआ धुंआ सा लगता है तेरी निगाहें तेरी जुबाँ से मेल नहीं खातीं तेरा अंदाज-ए-बयाँ जुदा जुदा सा लगता है क्या हुआ कि किसी ने कुछ कहा तुझसे मेरी ओर बढ़ता कदम रुका रुका सा लगता है एक मुद्द्त बाद तो दिल ने पाई है रोशनी वो चिराग़ ही मुझे बुझा बुझा सा लगता है तेरी छत पे देख चाँदनी छिटकी नहीं क्या ये चाँद मुझे उखड़ा उखड़ा सा लगता है आईना-ए चश्म अश्कों से भरा न कर मेरा अक्श ही मुझे धुंधला धुंधला सा लगता है जिस मोड़ के बाद साहिल को आना था उसी मोड़ पे तूफाँ खड़ा खड़ा सा लगता है जिसे झुका पाने की जुर्रत न थी जमाने में वही सर आज झुका झुका सा लगता है तुम्हारी उदासियाँ हवायें चुरा लाई जैसे मिजाज़ उनका खफ़ा खफ़ा सा लगता है ©अज्ञात #चाँद
Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)
उत्कृष्ट हो कालजयी प्रमाण बनना होगा ए मेरी रचनाओं तुम्हें..! कलम की प्रतिष्ठा व सम्मान बनना होगा ए मेरी संवेदनाओं तुम्हें..! मेरे अंतर्मन का सर्व श्रृंगार हो तुम दीपक में ज्योति सा आधार हो तुम जीवनदर्शन का उपमान बनना होगा ए मेरी सामर्थ्यताओं ओं तुम्हें..! बड़ी सिद्द्त से गढ़ा है हर्फ़ हर्फ़ तराश कर कैसे जी पाउँगा तुमसे ही हारकर निराभिमान स्वाभिमान बनना होगा ए मेरी कल्पनाओं तुम्हें..! तुम्हारा अस्तित्व यूँ निरर्थक न हो पाये हमारा अथक परिश्रम ही व्यर्थ न जाये सत्यं शिवम सुंदरम की पहचान बनना होगा ए मेरी प्रेरणाओं तुम्हें..! प्रेम से पल्ल्वित हो पवित्रता का परिचय बनो तुम अमिट हो अजेय हो तो अक्षय बनो काव्य धरोहर में मनोरम स्थान बनना होगा ए मेरी भावनाओं तुम्हें..! ©अज्ञात #रचना