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sonia
आजादी अभी अधूरी है संकुचित मानसिकता की बेड़ियां तोड़नी अभी बाकी है...... आजादी अधूरी है
vibhanshu bhashkar
ना हांथो में कलम ,ना तन पे इक लिबास है आज फिर कैसे कहे वो, ये आजादी खास है झोपड़ी में आज भी घुटती, उनकी साँस है मुस्कुरा फिर क्यों कहे कि,आज शाम -ए-खास है जिंदगी भर जो सुने हो ,झोलिया भर गालिया आज फिर वो क्यों बजाये ,इस सभा में तालिया आज मालाए पड़ी थी, जिन गिद्धों के गले कल गली में वो मिले थे ,हाँथ में बोटी लिए मैंने पूछा कौन है ,इस उजली टोपी के तले वह कहा जो झोपड़ो को ,कुचले जूतों के तले सब सभाये मग्न है ,भाषणों के शोर में आज भी सर कट रहे है ,माँ भारती के गोद में बिक रही है बेटीया खादी पोशाकी आड़ में एक माँ फिर रो रही है ,छिपकर किसी किवाड़ में जो लड़े थे दुश्मनो से ,हथेली में मौतों के लिए उनके नामो की मची है, लूट वोटो के लिए वो खड़े थे मौन हांथो में कटोरी को लिए , खादी जो उतरी थी बाजारों में, गाँधी को लिए आज भारत माँ की तस्वीरें, बिलख कर रो पड़ी उसकी संताने जो ,कौमो की वजह से लड़ पड़ी #अधूरी #आजादी
LALIT@SINGH
कुछ ख्वाहिशे अभी आधी अधूरी है •••••••• कुछ ख्वाहिशे अभी आधी अधूरी है••••••••
SHIV KAILASH
बड़ी मुद्दतों से मिली हमें ,हाँ ये वही आजादी है। जहाँ सड़क पर बाशिन्दों की आज हो रही बर्बादी है। हाँ ये वही आजादी है। जहाँ नारी अपने चरित्र को लांछन से बचती है।हाँ ये वही आजादी है। जहाँ घुटता है गला अरमानों का, और मिलती शोर को शाबासी है।हाँ ये वही आजादी है। जहाँ माफ् है टैक्स अमीरों का ,किसान जिसके आदि है।हाँ ये वही आजादी है। जहाँ नियम धरे हैं जेबों में, जमाखोरों की ही चांदी है।हाँ ये वही आजादी है। जहाँ लड़ा है सैनिक सरहदों पर,और जनता पत्थरों की आदि है।हाँ ये वही आजादी है। जहाँ लुट रहें हैं धर्मों से ,पर बोलने की पाबंदी है।हाँ ये वही आजादी है। जहाँ धन चढ़ा है धर्मस्थानों पर,और आदम भूख का आदि है हाँ ये वही आजादी है। जहाँ वोट गया है लोकतंत्र को,पर हो रही गुट बाजी है।हाँ ये वही आजादी है। जहाँ खेल है पैसा बनाने का, और जरूरतमन्दों पर पाबंदी है।हाँ ये वही आजादी है। जहाँ हर शख्स डूबा है अपने मे, बस अपने मैं ही राजी है।हाँ ये वही आजादी है। जहाँ मिट गया था हर मजहब ,हाँ ये वही आजादी है। जहाँ हो रही शहीदों के अरमानों की बर्बादी है। हाँ ये वही आजादी है। हाँ ये वही आजादी है। "स्वतन्त्रता दिवस पर सभी शहीदों को तहे दिल से। प्रणाम श्रद्धा सुमन 💐💐💐💐 जिन्होंने हमारी आजादी में अपना योगदान दिया और उसे बनाये रखने मैं भी योगदान है।"🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳 🇮🇳🇮🇳🇮🇳 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳 वन्देमातरम। #independenceday2020 #आजादी# कविता
Kavi Aditya Shukla
यू कहते कहते वक्ता की आंखों में खून उतर आया मुख रक्तवर्ण होगया चमक उठी उनकी स्वर्णिम काया हम देंगे खून ,हम देंगे खून बस शब्द यही सुनाई देते थे रण रण में जाने को युवक खड़े तैयार दिखाई देते थे / इंकलाब जिंदाबाद जिंदाबाद!! ©kavi aditya shukla #आजादी #कविता #Sunrise