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versha rajput
White उम्मीद एक आशा है जो किसी को दिलाई जाए तो वह पूरी जिंदगी उसमें जी लेता है की उम्मीद से ही तो जिंदगी का हर सफर शुरू होता है अगर उम्मीद ही ना होती तो क्या कोई कुछ कर पता क्या यह उम्मीद भी बड़ी कमाल की चीज है एक उम्मीद से पूरे कायनात को भी लाया जा सकता है जब हौसले बुलंद और उम्मीद पुरी की जाए। ©versha rajput #wallpaper 'दर्द भरी शायरी' शायरी हिंदी शायरी हिंदी में Hinduism हिंदी शायरी
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read moreKamlesh Kandpal
White कमलेश इतने मशरूफ हो गये हैं हम बाहर रख भी नहीं पाते दो चार कदम। दीवारों पर तस्वीर लगाकर नजारों की यारा अपनी बैचेनी पर लगाते हैं मरहम। ©Kamlesh Kandpal #wallpaper शायरी हिंदी में शेरो शायरी शायरी हिंदी हिंदी शायरी
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read moreNishant Soni
किसी को तलब मार गई हमारी और कोई पाकर भी खुश ना हुआ.... ©Nishant Soni #raindrops #khush #तलब
Mahesh Patel
White सहेली.... ज्ञानी होने से शब्द समझ आने लगते हैं.. अनुभवी होने से अर्थ... लाला..... ©Mahesh Patel सहेली.....अर्थ... लला....
सहेली.....अर्थ... लला.... #Shayari
read moreANIL KUMAR
White होठों पर शिकायत का काफ़िला है और आंखों में गले लगने की तलब ©ANIL KUMAR गले लगने की तलब
गले लगने की तलब #Life
read moreDANVEER SINGH DUNIYA
हिन्दी मेरे लिए आधार है तो मैं हिन्दी का कर्णधार हूं ©DANVEER SINGH DUNIYA #Hindidiwas रग रग में हिंदी का जुनून
#Hindidiwas रग रग में हिंदी का जुनून #विचार
read moreManish Raaj
तेरे साथ की तलब --------------------- इस रिश्ते से जो सिला मिला है मुझे ना कभी था, ना कभी रहा है गिला मुझे जब-जब तेरे साथ की तलब हुई है तब-तब मेरे होने का मतलब मिला है मुझे मनीष राज ©Manish Raaj #तेरे साथ की तलब
Ganesh joshi
White अन्तो नास्ति पिपासायाः । अर्थ : तृष्णा का अन्त नहीं है । ©Ganesh joshi #shayari अन्तो नास्ति पिपासायाः । अर्थ : तृष्णा का अन्त नहीं है । #story #status #motivatation #Gym
shayari अन्तो नास्ति पिपासायाः । अर्थ : तृष्णा का अन्त नहीं है । #story #status #motivatation #Gym #Motivational
read moreManish Raaj
तलब ------ रात को महताब की, आँखों को ख़्वाब की मन को जज़्बात की, दिल को चाहत की एक और मुलाक़ात की, अरमान को हालात की तन्हाई को महफ़िल की, नदी को साहिल की ख़्वाहिशों को हक़ीकत की तलब क्यों होती है हर तलब पूरी हो भी जाए तो फिर, कोई और तलब क्यों होती है ? मनीष राज ©Manish Raaj #तलब