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Stories related to निरोप समारंभ कविता

Vilas Bhoir

#Newyear2024-25 निरोप समारंभ मराठी कविता मराठी कविता संग्रह मराठी कविता संग्रह मराठी कविता

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New Year 2024-25 नवी नवी नवलाई
ओठी आनंदाचे गाणे
नवीन आले हे वर्ष 
जाईल का रे सुखाने

एकामागे एक प्रश्न 
किती शोधावी उत्तरे
संकटातल्या चाहुलीचे
मागचे ते वर्ष सरे

नववर्षाच्या येण्याने 
विश्व अंबरी उजळु दे
सुख समृद्धी आनंदाचे 
स्वप्न रंगांनी भरू दे

त्याच त्या आठवणींना 
थोडासा विसावा देऊ
नवीन या स्वप्नांनी 
उत्तुंग भरारी घेऊ

गतकाळाचा डोई भार
विसरून जाऊ निराशा 
रुपरंग नवे नवेसे
नव्याने जागवु आशा
                                                 ~ विलास भोईर

©Vilas Bhoir #NewYear2024-25  निरोप समारंभ मराठी कविता मराठी कविता संग्रह मराठी कविता संग्रह मराठी कविता

विवेक कान्हेकर(जिंदगी का मुसाफिर,.🚶)

#sad_shayari #VivekKanhekarWrites मराठी कविता संग्रह प्रेरणादायी कविता मराठी मराठी कविता प्रेम निरोप समारंभ मराठी कविता

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White आई गं, 
उद्या लग्न आहे माझं, 
खूप घाल-मेल होतेय गं मनात, 
होईन का परकी मी ह्या घराला, लग्न लागल्या क्षणांत ?
 मीच निवडलाय माझा नवरा, 
चांगला वाटतोय सध्या, मलाच जबाबदार धराल का, 
जर वाईट वागला उद्या ? 
तू म्हणालीस, "सासुबाईंना तू तुझी आईच समज," 
वाटतं का गं तुला ते इतकं, सोप्पं आणि सहज ?
 पुसू शकेन का त्यांच्या पदराला, 
मी माझे खरकटे हात, 
भरवतील का आजारपणात, 
त्या मला मऊ मऊ भात ? 
माहेरी येईन तेंव्हा करेन का राज्य मी माझ्या खोलीवर घुसून ?
 का मी गेल्या गेल्या टाकशील 
माझ्या सगळ्या खाणा-खुणा पुसून ? 
येईल का माझी आठवण तुला 
जेंव्हा करशील नारळाची चटणी,
 विसरता येतात का गं कधी, दैनंदिन आठवणी ? 
तुम्हाला वाटते तितकी कणखर नाहीये मी अजून,
 मनातला गोंधळ लपवण्यासाठी बसलीये सजून-धजून.
 आई ह्यातलं काहीच मला तुला येणार नाही सांगता,
 बघ ना किती मोठी झालेय, 
तुझ्या अंगणात रांगता-रांगता !
 घेऊन चाललीये मी माझ्या आवडीची उशी आणि दुलई,
 अंगणातलं चाफ्याचं झाड मात्र कधी तोडू नकोस गं आई. 
जेंव्हा जेंव्हा त्या झाडाखाली, तू उभी राहशील, 
फुलांच्या मंद वासांतून तू पुन्हा मला अनुभवशील. 
सुखानी म्हणो, वा दुःखाने
कधी माहेरी ही पोर आली,
असु दे तिच्यासाठी जागा,
त्या चाफ्याच्या झाडाखाली.......!

©विवेक कान्हेकर(जिंदगी का मुसाफिर,.🚶) #sad_shayari  #VivekKanhekarWrites मराठी कविता संग्रह प्रेरणादायी कविता मराठी मराठी कविता प्रेम निरोप समारंभ मराठी कविता

Zindgi Ka Safar # priyaa

#good_night हिंदी कविता हिंदी दिवस पर कविता कविता कोश हिंदी कविता

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White जनाब यू इतराते है अपने गोरे रंग पर..
एक बार सांवले रंग पर फिदा होकर देखिये..
क्योंकि सितारे काले आसमान में ही खूबसूरत लगते हैं

©Zindgi Ka Safar # priya #good_night  हिंदी कविता हिंदी दिवस पर कविता कविता कोश हिंदी कविता

Writer Mamta Ambedkar

#sad_quotes हिंदी कविता कविता कोश कविताएं कविता प्रेम कविता

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White 

मन का जख्म

बदन पर जो लगे,
वो जख्म भर जाते हैं,
वक़्त की मरहम से,
दर्द भी मिट जाते हैं।

पर जो गहरे घाव,
मन के भीतर लगते हैं,
वो हर धड़कन के संग,
फिर से जी उठते हैं।

न कोई मलहम,
न कोई दवा कारगर,
इन घावों को बस,
सहेजना ही है बेहतर।

ये घाव सिखाते हैं,
जीवन का एक पाठ,
हर दर्द के पीछे छुपा,
कोई अटल सत्य का साथ।

तो मन के जख्मों को,
बस प्यार से थाम लो,
दर्द की इस धारा में,
खुद को पहचान लो।

क्योंकि मन का घाव ही,
तुम्हें मजबूत बनाएगा,
और जीवन के हर मोड़ पर,
नया सूरज दिखाएगा।

©Writer Mamta Ambedkar #sad_quotes  हिंदी कविता कविता कोश कविताएं कविता प्रेम कविता

Writer Mamta Ambedkar

#love_shayari प्रेम कविता हिंदी कविता कविता कविताएं कविता कोश

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White हम सफ़र 

हज़ार फासले होने के बावजूद
  बडा सुकून हमें तेरा  ख्याल देता है
 
हज़ार फासले होने के बावजूद
हज़ार फासले होने के बावजूद,
तेरा ख्याल दिल को उजाल देता है।
दूर रहकर भी जो पास लगे,
ऐसा एहसास तेरा कमाल देता है।

तेरी यादें बसी हैं सांसों में,
हर धड़कन तुझसे सवाल करता है।
क्यों दूरी का शिकवा करें,
जब तेरा ख्याल ही जवाब देता है।

बिछड़ने का ग़म होता है पर,
तेरे ख्याल से हर दर्द टल जाता है।
जैसे दूर चाँद को देखकर भी,
मन को उसका नूर बहाल देता है।

इस दिल का क्या हाल कहें,
जो हर घड़ी तुझे पुकार देता है।

©Writer Mamta Ambedkar #love_shayari  प्रेम कविता हिंदी कविता कविता कविताएं कविता कोश

Writer Mamta Ambedkar

#Sad_Status प्यार पर कविता कविता कोश प्रेम कविता कविता कविताएं

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White बारिश की बूंदे

कितनी ख्वाहिश थी,
बारिश की बूंदों को,

आसमान से गिरकर,
जमीन में दफ्न होने की।

वो जो ऊंचाइयों में,
बादलों की गोद में थीं,

हर एक लम्हा सोचती थीं,
धरती की मिट्टी से मिलने को।

चमकते सूरज के डर से,
बादलों में छुपती रहीं,

पर दिल में हसरत थी,
जमीन की आगोश में समाने की।

फिर एक दिन बादलों ने भेजा 
उन्हें धरती को तोहफा बनाकर,

जीवन को सींचने,
और प्यास बुझाने।

गिरती रहीं,झूमकर, नाचकर,
हर पत्ती, हर शाख से लिपटकर,

मिट्टी की खुशबू में,
अपने अस्तित्व को मिटाने।

दफ्न होकर मिट्टी में,
वो बूंदें मुस्कुराईं,

कि उनकी ख्वाहिश ने,
जीवन को एक नई कहानी सुनाई।

ख्वाहिशें भी ऐसे ही,
अधूरी नहीं रहतीं,

आसमान से गिरकर,
ज़मीन पर मुकम्मल होती हैं।

राइटर ममता आंबेडकर मोटिवेशनल कवित्री

©Writer Mamta Ambedkar #Sad_Status  प्यार पर कविता कविता कोश प्रेम कविता कविता कविताएं

कवि प्रभात

हिंदी कविता कविता कोश कविता

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मग देखेंगे नैन द्वय, तव तब  तक  प्रियतम |
जब तक काल के ग्रास न, बन जायेंगे हम ||

©कवि प्रभात  हिंदी कविता कविता कोश कविता

कवि प्रभात

#Sad_Status प्रेम कविता कविता कोश हिंदी कविता

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White तेरा व्यहार ऐसा था,
       जैसे मैं कोई दुश्मन 
जिसकी छाँव का भी न,
       करना चाहे तूँ दर्शन 
अगर ऐसा नहीं तो तुम,
     रहती बात पे क़ायम 2
मुझसे मिलने को आती,
      भटकता न मैं पागल बन

12/11/1024

©कवि प्रभात #Sad_Status   प्रेम कविता कविता कोश हिंदी कविता

Kirbadh

#ramleela कविता हिंदी कविता प्रेम कविता

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इस क़दर 
मुहब्बत है तुझसे 
ग़र बयां कर दें
तो, तूफ़ान मचा दे
तेरे शहर में
तभी तो ख़ामोश 
रहते हैं

©Kirbadh #ramleela  कविता हिंदी कविता प्रेम कविता

Alfaz-E-Dheeraj

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White जरूर मुकरें होंगे लोग जुबान देकर,
वरना आज कागजों की जरूरत ना पड़ती।

©Alfaz-E-Dheeraj #love_shayari  कविता कोश कविता मराठी कविता हिंदी दिवस पर कविता हिंदी दिवस पर कविता
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