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STRONG MADARI
तकदीर बदलने को बस तेरे ही दर जाएं जो तैबा नगर जाएं जिस धरती पर रहमत दिन रात बरसती है मैं शुर्मा बनाऊंगा थोड़ी खाक उठा लाए जो तैबा नगर जाएं एक के रोज मैं देखूंगा तैबा की बहारों को है रब से दुआ येही बह दिन तो कभी आए जो तैबा नगर जाएं सूरज की रोशनी भी फीकी पड़ी है इसलिए हम तेरे शहर की रौनकें आंखों में बसा लाएं जो तैबा नगर जाएं खुदा अपने महबूब के सदके बांट रहा है चलो मदीने आका के दर पर झोली फैलाई जाए जो तैबा नगर जाएं जाने वालों से कह दो तुम नूरुल मौला के दर पर मेरी भी फरियाद की जाए जो तैबा नगर जाएं ©STRONG MADARI नाते रसूले पाक सल्लल्लाहो ताला वसल्लम
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
रसूले खुदा का नियम है यही अब । नही ईद हो चाँद आने से पहले ।।१० मुझे चाँद मेरा न आया नज़र है । नही जश्न हो चाँद आने से पहले ।।११ मुबारक सभी को प्रखर ईद की दो । सेवई सुनो आज खाने से पहले ।।१२ २१/०४/२०२३ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR रसूले खुदा का नियम है यही अब । नही ईद हो चाँद आने से पहले ।।१० मुझे चाँद मेरा न आया नज़र है । नही जश्न हो चाँद आने से पहले ।।११ मुबारक सभी
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
नहीं रूठ जाएं मनाने से पहले । निभाओ वफ़ा तुम जताने से पहले ।।१ किया खून पानी रईसी इधर जो । गया मिट उसे मैं मिटाने से पहले ।।२ हुई है सियासत यहाँ आदमी पर । कि लूटा उसे है खजाने से पहले ।।३ चलो बाँट दो तुम हमें मज़हबों में । मगर अब मिला सताने से पहले ।।४ नही तोड़ना तुम दिलो को हमारे । मिला एक दिल है लगाने से पहले ।।५ नहीं दूर होगा अँधेरा तुम्हारा । जलाओ दिए तुम बुझाने से पहले ।।६ कदर ही नही है यहाँ बेटियों की । कि लूटी है अस्मत बचाने से पहले ।।७ नही चटपटा तू बना अब खबर को । बचा लाज उसकी कमाने से पहले ।।८ न हिन्दू न मुस्लिम सभी आदमी है । मिटा भेद तू ये बताने से पहले ।।९ रसूले खुदा का नियम है यही अब । नही ईद हो चाँद आने से पहले ।।१० मुझे चाँद मेरा न आया नज़र है । नही जश्न हो चाँद आने से पहले ।।११ मुबारक सभी को प्रखर ईद की दो । सेवई सुनो आज खाने से पहले ।।१२ २१/०४/२०२३ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR नहीं रूठ जाएं मनाने से पहले । निभाओ वफ़ा तुम जताने से पहले ।।१ किया खून पानी रईसी इधर जो । गया मिट उसे मैं मिटाने से पहले ।।२ हुई है सियासत
SamadYusufzai