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Mukesh Poonia
चतुर युग चल रहा है इसलिए ये विचार छोड़ दीजिए कि बिना स्वार्थ के लोग आपसे रिश्ता रखेंगे... . ©Mukesh Poonia #UskeHaath #चतुर #युग चल रहा है इसलिए ये #विचार छोड़ दीजिए कि बिना #स्वार्थ के #लोग आपसे #रिश्ता रखेंगे...
UskeHaath चतुर युग चल रहा है इसलिए ये विचार छोड़ दीजिए कि बिना स्वार्थ के लोग आपसे रिश्ता रखेंगे...
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
रोला छन्द :- रिश्तों का आधार , समझ पाया क्या प्राणी । बोल मधुर क्या आज, बचे हैं उसकी वाणी ।। रहे हृदय में भाव , उसे तुम मानव जानों । बाकी यह संसार , सदा कुंठित ही मानों ।। जीवन है अनमोल , अगर रिश्ते पहचानों । बिन अपनों के व्यर्थ , आप ये जीवन मानों ।। दादा-दादी नित्य , नेह की बारिश करते । मातु-पिता है देव , शरण हम उनकी पलते ।। फूफा-फूफी देख , खुशी घर में ले आते । नाना-नानी गाँव , सैर को हम सब जाते ।। रखो नही तुम मैल , कभी भी अपने मन में । हर रिश्ते का मान , करोगे तुम जीवन में ।। रिश्ते हैं आधार , हमारे इस जीवन के । वही खिलायें पुष्प , मनुज रूपी उपवन के ।। चलो सँवारे आज , सभी हम अपने रिश्ते । तोड़ स्वार्थ दीवार , उठायें जो हैं घिसते ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR रोला छन्द :- रिश्तों का आधार , समझ पाया क्या प्राणी । बोल मधुर क्या आज, बचे हैं उसकी वाणी ।। रहे हृदय में भाव , उसे तुम मानव जानों । बाकी य
रोला छन्द :- रिश्तों का आधार , समझ पाया क्या प्राणी । बोल मधुर क्या आज, बचे हैं उसकी वाणी ।। रहे हृदय में भाव , उसे तुम मानव जानों । बाकी य #कविता
read morePoet Kuldeep Singh Ruhela
White बड़ी खामोशी से तुम भी देख रही थी चांद मेने देखा क्या मालूम है तुमको ये क्यू खामोश चमक रहा है अकेला तारो के साथ में इसको भी अपनी चांदनी की याद सता रही हैं क्युकी चांद की दुल्हन भी बच्चो को लेकर नानी के गई हैं छुट्टियों में समझी मेरी बात तुम कब आ रही हो घर ! गुमनाम शायर ©Poet Kuldeep Singh Ruhela # बड़ी खामोशी से तुम भी देख रही थी चांद मेने देखा क्या मालूम है तुमको ये क्यू खामोश चमक रहा है अकेला तारो के साथ में इसको भी अपनी चा
# बड़ी खामोशी से तुम भी देख रही थी चांद मेने देखा क्या मालूम है तुमको ये क्यू खामोश चमक रहा है अकेला तारो के साथ में इसको भी अपनी चा #शायरी
read moreबेजुबान शायर shivkumar
White परिवार कई रिश्तो से मिलकर बनता है परिवार है अच्छे जीवन का आधार परिवार मे समाहित सबकी परवा व प्यार सुख-दुःख मे सबके काम आता है परिवार हर रिश्ते का अलग-अलग महत्व है परिवार मे परिवार के बिना सूना लगता है संसार माँ की ममता पिता की परवाह है परिवार मे भाई-बहन कभी झगड़ते कभी हँसते है साथ मे दादा-दादी हो या नाना-नानी करते कितना दुलार गलती पर पापा डॉटे तो बुआ लेती है पुचकार मासी होती माँ जैसी कितना स्नेह लूटाती है मामा आशिर्वाद संग लाते कितने सारे उपहार परिवार मे समाहित सबकी परवाह और प्यार परिवार तो कई रिश्तो से मिलकर बनता है ©Shivkumar बेजुबान शायर #love_shayari #Family #familylove #lovefamily #familyiseverything #Nojoto #परिवार कई रिश्तो से मिलकर बनता है परिवार है अच्छे जीवन का आ
#love_shayari #Family #familylove #lovefamily #familyiseverything #परिवार कई रिश्तो से मिलकर बनता है परिवार है अच्छे जीवन का आ #कविता #रिश्ते #संसार #परवाह
read moreBANDHETIYA OFFICIAL
White 'नानी' याद आ गई 😂😂😂😂😂 नाय................. नीती...🥰 ©BANDHETIYA OFFICIAL #नानी याद आ गई 🥰
AJAY NAYAK
पुराने दिनों के विद्यालय उन दिनों की बात ही न कीजिए जब झोला उठाए, पहुंच गए विद्यालय जब झोला उठाए, पहुंच गए घर बस रास्ते होते थे अलग अलग बस बहाने होते थे अलग अलग जाते थे तो एक बड़े से गेट से निकलते थे अलग अलग रास्तों से कहीं दिवाल फान कर तो कहीं कटीले तारों के बीच से कभी खुद का पेट दुख रहा है के बहाने से कभी दोस्त का दुख रहा है के बहाने से हद तो तब कर देते थे जब पापा मम्मी बीमार ही हो जाते थे उससे भी ज्यादा हद तब करके निकल जाते थे जब अपनी नाना नानी दादा दादी को ही मार देते थे आधे दिन की छुट्टी के लिए मार भी मिलती थी मास्टर से बहुत जब मौका मिलता था मौका फिर से कोई बहाना तरकीब निकाल निकल लेते थे वो दिन बड़े सुहाने थे न बोझ था न तनाव था जितनी हरियाली खेतो में थी उतनी हरियाली हमारे मनो में थी एक दूसरे के घर वालों को हर रोज मारकर हम सभी दोस्त एक ही रिक्शा में सवार हो घर जाते थे –अjay नायक ‘वशिष्ठ’ ©AJAY NAYAK #पुरानेदिनकेविद्यालय पुराने दिनों के विद्यालय उन दिनों की बात ही न कीजिए जब झोला उठाए, पहुंच गए विद्यालय जब झोला उठाए, पहुंच गए घर बस
#पुरानेदिनकेविद्यालय पुराने दिनों के विद्यालय उन दिनों की बात ही न कीजिए जब झोला उठाए, पहुंच गए विद्यालय जब झोला उठाए, पहुंच गए घर बस #कविता
read moreबेजुबान शायर shivkumar
White गर्मियों की छुट्टी आई साथ में अपने खुशियां लाई नानी के घर जाएंगे रास्ते में कुल्फी खाएंगे गर्मियों की छुट्टी आई साथ में मौज मस्ती लाई सुबह देर तक सोते रहेंगे खेलते वक्त शीशे तोड़ा करेंगे गर्मियों की छुट्टी आई साथ में चिलचिलाती धूप लाई खूब देर तक खेला करेंगे ठंडी-ठंडी ठंडाई पिया करेंगे ©Shivkumar #summer_vacation #summervacation #Summer #Nojoto #गर्मियों की #छुट्टी आई साथ में अपने #खुशियां लाई नानी के घर जाएंगे #रास्ते में कुल
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read morePraveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी घटाये कर के अँधेरा भरे बादलो को बरसात से दूर ले गयी लगता है जैसे रिश्वत किसी से लेकर महफूज जगह बरसने के लिये ले गयी प्यासे हम सब हलल सूख रहे है लालचों के चलते नैतिकता के भाव दुनियॉ से विदा हो रहे है कष्ट में है सच्चे सरल लोग मार्ग उनके चतुर लोग छल रहे है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #atthetop कष्ट में है सीधे सरल लोग चतुर लोग उनके मार्ग छल रहे है #nojotohindi
#atthetop कष्ट में है सीधे सरल लोग चतुर लोग उनके मार्ग छल रहे है #nojotohindi #कविता
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