Find the Latest Status about ज़िंदगी में मोहब्बत कभी कभी from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, ज़िंदगी में मोहब्बत कभी कभी.
Tripurari Pandey
Unsplash अपने लोग भी क्या खूब होते हैं वो नमक भी वहीं डालते हैं जहां जख्म भी खूब होते हैं । ©Tripurari Pandey हकीकत ए ज़िंदगी
हकीकत ए ज़िंदगी
read moreहिमांशु Kulshreshtha
White कभी कभी तलब में इज़ाफ़ा भी कर देती हैं महरूमियाँ एहसास प्यास का बढ़ जाता है सहरा देख कर ©हिमांशु Kulshreshtha कभी कभी...
कभी कभी...
read moreMovie dekhu ya na dekhu
प्यार में कभी-कभी ऐसा हो जाता है!............ #Bollywood hindi videos song
read moreRAMLALIT NIRALA
जी हाँ दोस्तो एक बार फिर से जीवन के कठीन राहो पे चलते है एक समय जब मै उदास बैठा था मुझे लगा कि ईस दुनिया में सबसे अधिक परसा और दुखी ईशान मै ही हूँ दुनियाभर के दुःख दर्द मेरे भाग्य में लिखा है मेरे आस पास मे बहुत से लोग रहते थे पर मैं अकेला ही समझ रहा था जैसे कि मै जीतना दुःखी हु उतना कोई नहीं है समय के साथ साथ दिन भी बीतने लगे एक दिन मे उस सुर्य को देखा रोज सुबह उगता और धिरे धिरे साम को डुब जाता फिर मेरे मन में एक ख्याल आया क्यो न में लोगो के बीच से एक येसी जगह चलूँ जहां कौई भी ना हो फिर मे जाना शुरू कर दिया तो दो से तीन दिन मे मुझे दूनिया के वो खुशी मीली जीसे मै कह नहीं सकता सच में जीवन की कठीन से कठीन समस्या का समाधान मीलेगा पर दुःख हो या परसानी मन और दिल को किसी शांत जगहों पर जाकर कुछ समय शांत हो कर बैठ जाये जब मन शांत होगा तो तुमको हर समस्या का समाधान मील जायेगा ©RAMLALIT NIRALA #where_is_my_train जीवन में कभी भी दुःखी नहीं होना चाहिए
#where_is_my_train जीवन में कभी भी दुःखी नहीं होना चाहिए
read moreDivuu.writes
White कभी कभी यूंही सोचती हूं इतना भी क्या गलत किया था जो इतने यारों से धोखा खाया? इतनी भी क्या दूरी थी जो कोई अपना होकर भी पास न आया?? क्या मिला दिल साफ रख के जब आखिर में खुद को अकेला ही पाया?? कभी कभी यूँही सोचती हूं ए खुदा तूने कोई खुद सा क्यों ना बनाया?? क्यों मेरी बारी पर ही तूने हर किस्से में दर्द सुनाया? ©Divuu.writes #good_night कभी कभी
#good_night कभी कभी
read moreनवनीत ठाकुर
दूरियों में भी इश्क़ की बुनाई, कुछ रेशे खुदा से जुड़ने लगे। जो गिरने का डर रखते थे कभी, अब फलक तक उड़ने लगे।। ज़िंदगी का है फलसफा, रुकते थमते, फिर भी चलने लगे। जो थे कभी अजनबी, वो अब अपना सा लगने लगे।। जो थे कभी हमारी कमजोरी, अब वो ताकत बनके उभरने लगे।। जो सपने कभी दूर थे, आँखों में सच होते दिखने लगे।। नफ़रतों में भी प्यार की राह चली, अब हर दिल एक दूजे से जुड़ने लगे।। राहों के कांटे भी अब फूलों में बदलने लगे, ज़िंदगी की किताब में नए पन्ने खुलने लगे।। जो कभी डूबे थे गहरे अंधेरे में, अब खुद को रौशन करने लगे। ©नवनीत ठाकुर #ज़िंदगी का फलसफा
#ज़िंदगी का फलसफा
read more