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Jitu Verma
नहीं है कहीं इस दर्द ए दिल की दवा, मिलती दवा जैसे मिलती हवा। इश्क के बीमारों का जमावड़ा ना लगता, धोका है इश्क ना कोई कह सकता। ©Jitu Verma नहीं है कहीं इस दर्द ए दिल की दवा, मिलती दवा जैसे मिलती हवा। इश्क के बीमारों का जमावड़ा ना लगता, धोका है इश्क ना कोई कह सकता। #lovebirds #L
Abhijeet Yadav
ये शहर जिसकी आबादी मुठ्ठी भर बेजान से लोग है, खड़ा है ठूंठा कंक्रीट के जंगल सा , घर से निकला था मैं इक नई सहर के लिए, पर गुम हो चला हूं किसी धुंधलके शाम में, अब इस शहर की आबोहवा मेरे अंदर किसी जहर कि तरह घुल चुकी है, हर तरफ बस लाचार जत्त्थों का जमावड़ा है, हर रोज थक हार कर चला आता हूं मैं, फिर से इस शहर की मांद में, इसी झांसे में कि, शायद मुक्कमल हो जाए कभी ये अंतहीन तलाश! #gif ये शहर जिसकी आबादी मुठ्ठी भर बेजान से लोग है, खड़ा है ठूंठा कंक्रीट के जंगल सा , घर से निकला था मैं इक नई सहर के लिए, पर गुम हो चला हूं किस
Ravendra
Ekta Gour
तेरी यादों कि कफ़स से हम आझाद होना चाहते हैं हम अपनी जिंदगी मर मर के जीना नही चाहते ꫰ रोज़ाना एक बेस्ट पोस्ट को अपनी प्रोफाइल से पब्लिश करूंगा जो _best quotes of the day_ होगा !! Example: मुझे अब क़फ़स में ही क़ैद रहने दो, य
Technocrat Sanam
जिस दिन सनम' ज़िंदगी का सफ़र ख़त्म हो जाएगा ना मिलने का मलाल, खोने का डर ख़त्म हो जाएगा सिर्फ़ इक यक़ीं पर टिका है मुहब्बत का शजर वो भी नहीं रहेगा तो ये शजर ख़त्म हो जाएगा दिल में रहते हैं हाँ मालिकाना हक़ है उनका जिस दिन छोड़ेंगे इक घर ख़त्म हो जाएगा तेरे दीदार से ही तो जिन्दा है ऐ चांद ये चकोर जब नहीं होगा रात का बसर ख़त्म हो जाएगा कुछ वक्त दे तो सही, हर चीज़ पे वक्त लगता है ज़ख़्म.. भरेगा, दर्द का.. असर ख़त्म हो जाएगा बस कुछ देर का नाटक, कुछ देर का मातम है सब घर चले जायेंगे ये महशर ख़त्म हो जाएगा ©technocrat_sanam #मशहर = जमावड़ा #शजर =दरख्त / पेड़ #मलाल = अफ़सोस #बसर =गुजारा जिस दिन सनम' ज़िंदगी का सफ़र ख़त्म हो जाएगा ना मिलने का मलाल, खोने का डर
मुखौटा A HIDDEN FEELINGS * अंकूर *
एहसास मन 💕 कि कहने को अब कुछ नहीं बचा जो बचा है कहने लायक नहीं उसने मेरे प्रेम का अंत बड़े सलीके से किया जितने सलीके से वह अपना स्वेटर बुनती है यही होना था मेरे साथ यही होता है सबके साथ कितनी भोली और निश्चल अनेक प्रेम में बँट जाने की इच्छा थोड़ा अभिनय थोड़ा सा झूठ ढेर सारी भाव-भंगिमाएं तय कर देते हैं प्रेम के न होने का प्रेम जब छूटता है खुद को ही नहीं छोड़ता है बहुत कुछ छोड़ जाता है छोटी छोटी फिक्रों का जमावड़ा अलौकिक दुनिया की सैर कुछ ज्यादा ही निर्भरता छूट जाता है एक दिन छोड़ देते हैं शब्द भी साथ गूँगी हो जाती है आवाज शून्य में स्थिर हो जाता है जीवन उड़ जाती है कहीं दूर कोई आशा फिर से न लौटने के लिए !!! ©DEAR COMRADE (ANKUR~MISHRA) कहने को अब कुछ नहीं बचा जो बचा है कहने लायक नहीं उसने मेरे प्रेम का अंत बड़े सलीके से किया जितने सलीके से वह अपना स्वेटर बुनती है यही हो
sonu kishor
इधर मैं हू , उधर आप है हम वाला रिश्ता अब खत्म होते हुए नज़र आ रहा है जनता में ये फर्क इंसानों के बीच रह रहें गिद्धों ने बनाया है। ( शेष अनुशीर्षक में पढ़े) ©sonu kishor इधर मैं हू , उधर आप है हम वाला रिश्ता अब खत्म होते हुए नज़र आ रहा है जनता में ये फर्क इंसानों के बीच रह रहें गिद्धों ने बनाया है। ये गिद्ध
Divyanshu Pathak
ईश्वर ने अपनी सृष्टि में इतनी सूक्ष्म व्यवस्था रखी है कि ग्रहों नक्षत्रों उपग्रहों आदि की स्थिति और गति में अंश मात्र का परिवर्तन भी नहीं होता। सौर मण्डल तो अभी मनुष्य की पहुंच से बाहर है इसलिए वहां सृष्टि के नियमों में छेड़छाड़ मनुष्य के वश की बात नहीं है। उसका वश पृथ्वी पर ही चलता है और यहीं उसकी छेड़छाड़ चलती रहती है। इसी छेड़छाड़ के परिणाम भूकम्प,सुनामी,अकाल,अतिवृष्टि जैसी प्राकृतिक आपदाओं के रूप में सामने आते रहते हैं। इन आपदाओं के कारणों की व्याख्या वैज्ञानिक अपने ढंग से करते हैं और पर्यावरणविद् अपने ढंग से। वैदिक विज्ञान जैसी गहराई कहीं दिखाई नहीं देती। हम भी पर्यावरण की धज्जियां उड़ा रहे हैं। तेल-पानी-सोना-खनिज के नाम पर धरती को पोला कर रहे हैं। पेड़ काटकर एक ओर पक्षियों की प्रजातियों को नष
Somya Baranwal
चाय Please Read full caption चाय जिसके बिना हमारे देश में ना दिन की शुरुआत होती है ना ही शाम ढलती है तो एक poetry चाय के लिए, माँ का सुबह की शुरुआत होते ही सबके लिए चा