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Stories related to 'आजाद विलोम शब्द'

Tripura kaushal

#शब्द

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White "शब्द"
====================
शब्दों को जोड़ तोड़ कर
बनते हैं शब्द हजार,
शब्दों से ही सब अलंकृत
शब्दों से ही विद्या संस्कृति।

शब्द नहीं तो वाक्य नहीं 
वाक्य नहीं तो बात नहीं,
बात नहीं तो व्यवहार नहीं,
शब्द में है समझ सही।

 बिन शब्द संचार न होता
शब्दों में ही है मानवता,
एक दूसरे से संवाद
एक दूसरे को करते याद।

शब्द है कविता और कहानी
शब्दों से उजागर इतिहास पुरानी हम जान पाते हैं मुंह जुबानी शब्दों में छिपा है भाव,वाणी।

शब्द नहीं तो गूंगे हम हैं
जीवन स्तर एकदम निम्न है,
शब्द नहीं तो ध्वनि बंद हैं 
शब्द नहीं तो बुद्धि मंद हैं।

शब्दों से ज्ञान उदय है
हम सब शिक्षित भरसक हैं,
गुरु ज्ञान कहां से आए
शिक्षा का मतलब कौन समझाएं!

शब्द है जीवन आधार
शब्दों से चलता संसार।
-------------🌻🌻-----------------
(स्वरचित एवं मौलिक)
   त्रिपुरा कौशल 🏵️

©Tripura kaushal #शब्द

madhusudan

green-leaves मुस्तकबिल सोचा था,मैने
पसंदीदा शख्स के आगोश में रहूंगा
कब सोचा था,मैने
हिज़्र में उसके शायरी लिखूंगा

©madhusudan #GreenLeaves #मुस्तकबिल #Youtube #facebook #meta #आजाद #लव #love

ranjit Kumar rathour

सुंदर शब्द

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tere liye 
                            ye sandesha 
                   mera 
                  samjhoge n

©ranjit Kumar rathour सुंदर शब्द

Azaad Pooran Singh Rajawat

#newyearresolutions #आजाद संकल्प#

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New Year Resolutions      












आध्यात्मिक आस्था के साथ 
 हर कर्म करेंगे।
नशे से और नशा करने 
वालों से  दूरी बनाकर रखेंगे।
सात्विक शाकाहारी भोजन करेंगे 
 फास्ट फूड से जहां तक 
संभव होगा बचेंगे।

©Azaad Pooran Singh Rajawat #newyearresolutions #आजाद संकल्प#

Pooja Rai

शब्द

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शब्द से खुशी
शब्द से गम 
शब्द ही पीड़ा
शब्द ही मरहम।

© Pooja Rai शब्द

Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)

#आजाद ग़ज़ल

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Unsplash आजाद ग़ज़ल 
---------------

जाने कब तिजोरी से माल निकाल लेता है 
ये आदमी बाल की खाल निकाल लेता है 

यहाँ तो कटता नहीं लम्हा उसके बिना 
वो मजे से साल दर साल निकाल लेता है 

हैरान हूँ उससे बहस कर करके मैं वो 
मिरे हर जबाब से सवाल निकाल लेता है

ख़ामोश रहे आना तुम्हारा ये और बात है 
वो माहिर सब हाल चाल निकाल लेता है 

मिरे ताकत-ए-तसव्वुर को नज़र अंदाज न कर ये 
तिरे भीतर के भी ख़याल निकाल लेता है 

मैं मजबूर हूँ उसे सुनकर हँस देने को वो 
बात बात पे जुमले कमाल निकाल लेता है

वो सौदागिरी में बड़ा कमजोर नज़र आया मैं 
दाल मांगता हूँ वो गुलाल निकाल लेता है

©Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात) #आजाद ग़ज़ल

Bebo

अनकहे शब्द

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कौन सी नजर से अब देखू तुम्हे 
की तुम पराए लगने लगो.....

तुम्हे अपना समझ के हम रोते बहोत है,!!!

R.P,✍️*Bebo
                   21/12/2024
               1.05 pm

©Bebo  अनकहे शब्द

mani naman

मेरे शब्द

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Unsplash रद्दी अख़बार की 
मर चुकी ख़बरों के बीच 
बची-खुची ज़िद्दी और 
स्वाभिमानी टैग लाइन से 
बस किसी तरह 
दो शब्द झाड़ लाया हूँ;
तुम हेडलाइन देखकर 
कन्फ्यूज़ न होना,
क्योंकि,
अतीत से लाए गए शब्द 
अपना वजूद खोकर 
धुंधला ही जाते हैं;
बस किसी तरह 
अपने वाक्यों के बीच 
मेरे शब्द सहेजकर 
उन्हें ज़िंदा रख लेना।

©mani naman मेरे शब्द

Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)

#आजाद ग़ज़ल

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कहीं नज़र में आये तो अच्छा घर खानदान बताना 
बेटी की ज़िंदगी का सवाल है नेक इंसान बताना 

वज़ह सबूत ही सही कुछ ज़ख्म छुपा रख्खे हैं 
वो क़ातिल लौट आये तो मेरे निशान बताना 

कब तक घुमड़ते उमड़ते ही रहोगे तुम 
बादलों बरस के अपनी पहचान बताना..

मैं कह दूंगा तुम्हें तुम्हारी ख़ुशी के लिए जमीं 
तुम भी मुझे शौहरतों का आसमान बताना 

यूँ तो शहर के नामी रईसों में शुमार है वो 
पर कहता है मेरा तारुफ़ केवल किसान बताना 

तू किस प्रान्त से है मुझे फर्क नहीं पड़ता मगर 
कोई गैर पूछे तो पता हिन्दोस्तान बताना

©Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात) #आजाद ग़ज़ल

Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)

#आजाद ग़ज़ल

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White फलक पे माँ बाप का दर्जा रखा है मैंने 
बाकी कहाँ किसी का कर्जा रखा है मैने 

जुबाँ का इस्तेमाल ही कम करना है मुझे 
तुम कहते रहो मुँह में जर्दा रखा है मैंने 

कहीं सच जुबाँ पे आया तो बिखर जायेंगे 
रिश्तों की खातिर थोड़ा पर्दा रखा है मैंने 

कोई क़ीमत नहीं ली उसे खुश रखने की 
ऊपर से बोझ उसके सर का रखा है मैने 

उजालों ने साथ छोड़ा तो क्या करते फिर 
अंधेरों से याराना उम्र भर का रखा है मैंने 

न फ़िदा हूँ उनके हुस्न-ओ-अदाओं पे तो 
बेवज़ह मुलाकातों पर पहरा रखा है मैंने 

उनसे भी तो उम्मीद ही कहाँ रखी जिनसे
रिश्ता मोहब्बत का गहरा रखा है मैंने

©Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात) #आजाद ग़ज़ल
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