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संजय जालिम " आज़मगढी"
White तेरे दर्द की दवा क्या है.. मुझे तो बता दे.. "२" तेरे खुशी की दुवा क्या करू... मुझे तो पत्ता दे "२" बरसों की उल्फ़त है.. तेरी मेरी... जहाँ को जता दे.. नूर हो मेरी जिंदगी की "जालिम" .. क्यों तुम्हें खता दे.... "२" ©संजय जालिम " आज़मगढी" # तेरी मेरी #
# तेरी मेरी #
read moreParasram Arora
White ज़ब कभी खुद को भूखा और आभावग्रस्त हालात मे देखता हूँ मै बाइज़्ज़त बचा लेती है मेरी भूख ली लाज वो बची हुई कल की रखी बासी रोटियां ©Parasram Arora लाज
लाज
read moreBablukumar Raut
बाबा तुम्ही होते म्हणून आज आम्ही जगत आहोत सावधान देशाला एकता एकात्मतेच्या जोरावर आणि तुम्ही दिलेल्या सविधानाच्या भरवश्यावर ©Bablukumar Raut मेरी डायरी
मेरी डायरी
read moreलेखक 01Chauhan1
पहली मोहब्बत की वो बातें..... हम तुम जब मिले थे पहली बार याद है हमें वो है एक पुरानी बात छुप-छुपकर तुम्हें देखना वो हसीन ख्वाब वो पास हो कर भी दुर थे कितनी हसीन भी वो पहली मुलाक़ात कहने से हम भी थोड़े थे हिचकिचाते उसे खोने से हम भी तो डर जाते दिल को हमने अब तक है संभले पहली मोहब्बत की वो बातें..... नजरें मिलते-जुलते थे हम दोनों के आस-पास बैठ जाते हम भी कभी जाके दोनों का मिलने-जुलने का ही वक्त होता था हमें देख कर वो पलकें झुकाए करते थे कई सालों तक हम दोनों साथ-साथ रहें उस के नाम हमने हरके पन्ने पर लिखें उस के लिखें नाम आज भी मौजूद है वो पेड़ अब तक कटे नहीं है पहली मोहब्बत की वो बातें.... मैंने उसे फिर से खोजना चाहा पा लूं एक बार उस की झलक इतना चाहा सब जगह तलाश की उस की मौजूदगी फिर एक दिन मिली उस की सहेली हमें वो शायद पहचान नहीं पाई उस के भाई के साथ हमने कभी वक्त बिताई नाम ही केवल याद है जो फिर मिलेंगे नहीं पहली मोहब्बत की वो बातें...... ©लेखक 01Chauhan1 मेरी कलम
मेरी कलम
read more- Arun Aarya
23-12-2024 बहोत ज़्यादा तलाशने के बाद मिला है , तब जाकर ज़िंदगी मुझें आबाद मिला है ! तुम भागते-फिरते रहो नौकरी-छोकरी के पीछे ,, मैं इसी में ख़ुश हूँ जो मुझें ज़ायदाद मिला है..!! - अरुन आर्या ©- Arun Aarya #HumptyKavya #मेरी शायरी ही मेरी ज़िंदगी है
#HumptyKavya #मेरी शायरी ही मेरी ज़िंदगी है
read moreManzoor Alam Dehalvi
घर मका दुका छोड़ आए, हम तुम्हारे लिए। हर रिश्ते नाते सब तोड़ आए हम तुम्हारे लिए। अब मेरी जहां बस गई है तुझसे हर बेड़ियों को अब तोड़ आए हम तुम्हारे लिए। अब मेरा कुछ नहीं तुम्हारे सिवा हर उलझनों को छोड़ आए हम तुम्हारे लिए। , ©Manzoor Alam Dehalvi #मेरी कविता
#मेरी कविता
read morePraveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी प्रीत की टूटी डोर ,पैसा प्यार को लील गया घर बसाने का दामोदार था जिस पर वो दरारे लालचो की डालने में पड़ गया दहेज एक्ट बन गया औरतो का हथियार डर कर आदमी अब सहम गया नारी सशक्तिकरण का रूप देखो अस्तित्व पुरुषों का इस जहाँ से खो गया इज्जत की बागडोर पुरुषों ने थामी है बरना औरतो ने लाज शर्म का पर्दा उतार दिया प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #againstthetide औरतो ने लाज शर्म का पर्दा छोड़ दिया
#againstthetide औरतो ने लाज शर्म का पर्दा छोड़ दिया
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