Find the Latest Status about गणपति राखो मेरी लाज from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, गणपति राखो मेरी लाज.
लेखक 01Chauhan1
पहली मोहब्बत की वो बातें..... हम तुम जब मिले थे पहली बार याद है हमें वो है एक पुरानी बात छुप-छुपकर तुम्हें देखना वो हसीन ख्वाब वो पास हो कर भी दुर थे कितनी हसीन भी वो पहली मुलाक़ात कहने से हम भी थोड़े थे हिचकिचाते उसे खोने से हम भी तो डर जाते दिल को हमने अब तक है संभले पहली मोहब्बत की वो बातें..... नजरें मिलते-जुलते थे हम दोनों के आस-पास बैठ जाते हम भी कभी जाके दोनों का मिलने-जुलने का ही वक्त होता था हमें देख कर वो पलकें झुकाए करते थे कई सालों तक हम दोनों साथ-साथ रहें उस के नाम हमने हरके पन्ने पर लिखें उस के लिखें नाम आज भी मौजूद है वो पेड़ अब तक कटे नहीं है पहली मोहब्बत की वो बातें.... मैंने उसे फिर से खोजना चाहा पा लूं एक बार उस की झलक इतना चाहा सब जगह तलाश की उस की मौजूदगी फिर एक दिन मिली उस की सहेली हमें वो शायद पहचान नहीं पाई उस के भाई के साथ हमने कभी वक्त बिताई नाम ही केवल याद है जो फिर मिलेंगे नहीं पहली मोहब्बत की वो बातें...... ©लेखक 01Chauhan1 मेरी कलम
मेरी कलम
read more- Arun Aarya
23-12-2024 बहोत ज़्यादा तलाशने के बाद मिला है , तब जाकर ज़िंदगी मुझें आबाद मिला है ! तुम भागते-फिरते रहो नौकरी-छोकरी के पीछे ,, मैं इसी में ख़ुश हूँ जो मुझें ज़ायदाद मिला है..!! - अरुन आर्या ©- Arun Aarya #HumptyKavya #मेरी शायरी ही मेरी ज़िंदगी है
#HumptyKavya #मेरी शायरी ही मेरी ज़िंदगी है
read morePraveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी प्रीत की टूटी डोर ,पैसा प्यार को लील गया घर बसाने का दामोदार था जिस पर वो दरारे लालचो की डालने में पड़ गया दहेज एक्ट बन गया औरतो का हथियार डर कर आदमी अब सहम गया नारी सशक्तिकरण का रूप देखो अस्तित्व पुरुषों का इस जहाँ से खो गया इज्जत की बागडोर पुरुषों ने थामी है बरना औरतो ने लाज शर्म का पर्दा उतार दिया प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #againstthetide औरतो ने लाज शर्म का पर्दा छोड़ दिया
#againstthetide औरतो ने लाज शर्म का पर्दा छोड़ दिया
read morekunti sharma
खुद में ही सिमटने लगी वो मेरी आगोश में आकर छुई मुई की लता की तरह मुझको लगने लगी ©kunti sharma #मेरी बाहों
#मेरी बाहों
read morePraveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी लाज शर्म के पर्दे खत्म प्रदर्शन जिस्मो के है घरो परिवारों से सुशोभित थी नारी वह आज फूड कल्चरो में है नर की बराबरी पर आने के लिये सारी हदें तोड़ने पर है हाथ बटाने नही परिवारों के साजिशों के तहत बाजारों में है अंग अंग की सजती नुमाइश आबाद कॉस्मेटिक ,ब्यूटी पार्लर फैशनों के सिम्बल है खुद शिकार है नारी बदलाव के लिये लज्जा शर्म संस्कारो को छोड़कर प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #chaandsifarish लाज शर्म के पर्दे खत्म
#chaandsifarish लाज शर्म के पर्दे खत्म
read moreAurangzeb Khan
एक मैं ही नहीं जो तन्हा सफर करता हूं ऐ औरंगज़ेब मैंने उसे पपीहे को भी खुश देखा है जिसका कोई हमसफ़र ही नहीं ©Aurangzeb Khan #तन्हाई#मेरी