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VADRA KRISHNA
"ఈ లోకంలో ఎవరికీ ఎవరూ మిత్రులు కారు. శత్రువులూ కారు.మిత్రత్వం శత్రుత్వం ఒక ప్రయోజనాన్ని ఆశించి ఏర్పడతాయి.సమయాన్ని బట్టి మిత్రుడే శత్రువవుతాడు. శత్రువు మిత్రుడవుతాడు." ©VADRA KRISHNA #friends
Himanshu Sharma
White यादें ही बची है कुछ, तस्वीरों को देख मुस्करा लेते है, भले ही दूरी हो इन राहों में, आप सब आज भी हमारे दिल के करीब रहते है ©Himanshu Sharma #friends
#शून्य राणा
White G,,,सुनो तुम ,,कुछ देर ओर ठहर जाओ न ,,मुझपे यूं कहर ढ़ाओ न ,,देखो इस रात ने चांदनी की चादर फिर से पहनी है ,, मौजूदगी में तारों की ,,मुझे तुमसे इक बात कहनी है ।। # B,,, अरे अरे कोई और मतलब रह गया बाकी ,, चलो फिर फिर शौक से कह दो न,,मेरे एहसास मत छेड़ो,, और इस चांदनी की चादर को दिलासों की तह दो न ,, गर करनी है महज बाते ,,,बताओ इन बातों में रखा क्या ।। # G,, क्यों हो गए पत्थर,, टूटकर फिर से तुम बिखर अब क्यों नहीं जाते ,, ज़रा झांको मेरी आंखों ,,ओर खुद को फिर से देखो न ,, पलकों पर जज़्बात है ठहरे ,तुम्हे क्यों नजर नहीं आते ।। # B,,, तेरी पलकों पे ,,फरेब की मानिंद नजर आते है ये आंसू,, गर मुझमें बचा हो अब,, इश्क ए हौसला तो ताकूं,, सुनो मुझको लुभाओ न ,,अपनी इन मीठी बातों से ,, गर ये वही जज्बात है तेरे ,, बताओ इन जज्बातों में है रखा क्या।। # G,,, सुनो तुम मान जाओ न ,,रात बहुत चुकी गहरी ,,मेरे लबों पर अब भी काबिज़ है ,,,जो बाते न हो सकी पूरी ,,कैसे तनहा चलोगे तुम ,,कैसे घर को जाओगे ,, इस से अच्छा अभी ठहरो,,तुम वापस लौट आओगे ।। # B,,, ये हमदर्दी कुछ पल की ,,लगी बिल्कुल नहीं अच्छी ,,हां तुम अब भी झूठी हो ,,,लगी बिल्कुल नहीं सच्ची ,,मुझे मेरे चेहरे से नफरत है ,,मैं आईने तोड़ बैठा हूं,, राहों में तनहा सायों से ,,मैं नाते जोड़ बैठा हूं,,ये रातें है महज रातें,,बताओ इन रातों में है रखा क्या ।। # G,,, चलो मैं मान लेती हूं,, जिद तुम अपनी ही करते हो ,,खुश रहते हो तनहा तुम ,,इश्क अंधेरों से करते हो ,,बताओ जब तुम सूरज की पहली किरण के साथ मेरे गली से गुजरोगे,,मुझे छत पर देखकर तुम ,,क्या फिर से मुस्कुराओगे ,,कहो मुझसे मिलोगे या ,,फिर वही नखरे दिखाओगे।। # B,,, मैं ऐसे सफ़र पे हूं,, जहां रस्ते में अब तेरा घर नहीं आता ,,मेरे दरमियां बहती है सौंदी सी इक खुश्बू,,ख्यालों में रहती है मयखाने की वो चौखट ,,मेरे ज़हन में चाहकर भी अब तेरा दर नहीं आता ,, हां तुम्हे मैं यादों में रखूंगा तेरे किस्से सुनाऊंगा ,,मैं लौटना चाहूं तो भी न लौट पाऊंगा,,वो मुलाकातें थी महज मुलाकातें ,,,बताओ अब मुलाकातों में है रखा क्या । ©#शून्य राणा #शराब Lamha Katha Dheeraj Bakshi Chocolate Haal E Dil
शराब Lamha Katha Dheeraj Bakshi Chocolate Haal E Dil
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