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RSridhiRs
White वक्त-वक्त की बात है साहब साथ जमाने गुजारने की बात करते थे फिर क्या ... 😢 एक झलक दीदार को तरसते है .. ।। ©RSridhiRs #जिंदगी
RSridhiRs
जबसे छूटे मेरे हाथों से तेरे हाथ है फिर क्या . 🥲 जिंदगी बस एक बंद किताब है.. ।। ©RSridhiRs #जिंदगी
RSridhiRs
बेईन्तहा मोहब्ब्त भी बड़ी कमाल की होती है साहब एक की सासे रुकी तो दूसरा जीना छोड़ देता है।। ©RSridhiRs #जिंदगी
RSridhiRs
तू क्यू परेशान है ए जिंदगी लोगों की बातें या खुद के किस्मत पर हैरान है ए जिंदगी यही सोच रहे न जिसे अपना ईमान दिया अब व्ही शख्स तुझसे ही अंजान क्यू है ए जिंदगी तू अपना वक़्त जायजा न कर अब किसी के फ़िक्र मे तू अपने अरमानो को न छोड़ किसी के जिक्र मे ये दुनिया बहुत मतलबी है ए जिंदगी यहाँ सब को बस अपनी लगी है ए जिंदगी बस अब बस भी कर ये जिंदगी लोगों की परवाह मे क्यू खुद को सताए जा रही ए जिंदगी किस्मत के बोझ तले क्यू तु खुद को मिटाये जा रही ये जिंदगी।। ©RSridhiRs #जिंदगी
RSridhiRs
ज़िन्दगी भी कितनी अजीब है न जिस शख्स के लिए जान दे दो व्ही आपको गिराने की साजिस किये बैठा है।। ©RSridhiRs #जिंदगी
Jyotimalviya
Beautiful Moon Night खामोश चेहरे पर लाखों पहरे होते हैं हंसती हुई आंखों में भी जख्म बहुत गहरे होते हैं 🤫💔😩 ©Jyotimalviya #जिंदगी
ML Suryavanshi
Village Life तुमने इन पतिंगो का जलना नहीं देखा मेरा लड़खड़ाना मेरा संभालना नहीं देखा कहीं ठहर जाऊं ये अपनी फितरत में कहां तुमने मेरा उम्र भर का चलना नहीं देखा बागबा ने फूलों का खिलना नहीं देखा किसानों ने शाम का ढलना नहीं देखा मंज़िल को छोड़ों तुम बस सफर में रहो यूं रेत की घड़ी का फिसलना नहीं देखा ©ML Suryavanshi #जिंदगी
Andy Mann
ये "मुश्किलें",ये "कशमकश",ये "जद्दोजहद",ये "दुश्वारियां", . ऐ "जिंदगी" तू लाख "नखरे" दिखा, तुझसे "इश्क" है, तो "है"..! ©Andy Mann #जिंदगी
पूर्वार्थ
तपना पड़ता है... पर्व, त्योहार,, शादी विवाह सबकुछ छोड़ा है,, सरकारी नौकरी पाने के लिए,,, हमने अपना घर छोड़ा है!! कठोर रहना पड़ता है, सोते, जागते उठते बैठते,, घूमते फिरते,,, पढ़ना पड़ता है,,,, सरकारी नौकरी पाने के लिए,,,,, लोहे सा तपना पड़ता है!! पसंद हमें भी होते हैं फिल्म, फिल्मी जगत के अभिनेता,, बस हमें ये सब भूलकर,,, किताबों को पसंद करना पड़ता है,,,, कोई विकल्प कहां छोड़ा है इस सरकारी नौकरी ने,,,,, हमें उसके सपने खुली आंखों से जागते हुए देखना पड़ता है!! जब भी आती है बहाली नौकरी की, घर से आता है फोन,, इस बार हो पाएगा,,, ये बात ये याद दिलाता है,,,, कि एक पद के लिए हमने,,,,, ना जाने कब से अपने रिश्तेदारों,,,,,, यारों के जगह पर सिर्फ़ किताबें देखी है,,,,, ना चाहते हुए भी हमें किताबों से इतना प्यार है,,,,,, अब तो मेरा वरण कर ले ऐ सरकारी नौकरी,,,,,, बस अब मेरे गले में तेरा वरमाला डालने का इंतज़ार है!! ©पूर्वार्थ #जिंदगी