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Beats Pandya

Third stanza from " निसहाय " . कविता कोश प्रेम कविता हिंदी कविता

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White नयन की गर बात हो, ना तेरा कोई काट हो;
हर घड़ी चाहू तुम्हे में, दिन हो चाहे रात हो।

©Beats Pandya Third stanza from " निसहाय " .  कविता कोश प्रेम कविता हिंदी कविता

Nirankar Trivedi

राजधानी की ये रात, एक अनमोल गीत, हर कोने में बसी, एक नई प्रीत। #rajdhani_night #Delhi #rajdhanipoetry #delhilove #delhidiaries कविता कोश हि

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Nirankar Trivedi

तू है मेरी दुनिया, तू है मेरा आशियाना, तेरे बिना अधूरा, हर सपना और हर अफसाना। #lovepoetry #loveshayari #love4life प्यार पर कविता प्रेम कवित

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Nirankar Trivedi

#GoldenHour सुनहरी शाम की छटा निराली है, सूरज की किरणें धरती पे फैली हैं। हिंदी कविता कविता कोश हिंदी कविता प्रेरणादायी कविता हिंदी Kalki

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Nirankar Trivedi

#sadak सड़कें हैं खामोश रात की कहानियाँ हिंदी कविता कविता कोश प्रेरणादायी कविता हिंदी हिंदी कविता कविता

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श्यामजी शयमजी

#cg_forest कविता कविता

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Dileep Bhope

shivaji kushwaha

#sad_shayari कृतान्त अनन्त नीरज... Anupriya Anshu writer rasmi Ambika Jha #विचार

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Sanskar

Gurudeen Verma

कविता

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White शीर्षक- इस ठग को क्या नाम दे
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बड़े नम्बरी होते हैं वो आदमी,
जो करते हैं शोषण छोटे आदमी का,
और छीन लेते हैं उधारी चुकाने के नाम पर,
गरीब आदमी की जमीन और आजादी।

लेते हैं काम छोटे आदमी को,
कोल्हू के बैल की तरह दिनरात,
एक वर्ष की मजदूरी बीस हजार देकर,
जबकि होते हैं खर्च पाँच हजार एक माह में।

लेता है ब्याज बहुत वो आदमी,
छोटे आदमी को देकर उधार रुपये,
बड़े ही ठाठ होते हैं इन आदमियों के,
जिनके होते हैं मकां महलनुमा।

होती है उनकी जिंदगी राजा सी,
जिनके एक ही आदेश पर,
हो जाते हैं सारे काम,
और हाजिर नौकर चाकरी में।

कमाता होगा इतने रुपये वह आदमी,
मेहनत की कमाई से कभी भी नहीं,
बनाता है वह अपनी इतनी सम्पत्ति,
भ्रष्टाचार और दो नम्बर की कमाई से।

लेकिन एक ऐसा आदमी भी है,
जो लेता है बड़े आदमी से भी ज्यादा दाम,
करता नहीं रहम वो अपने भाई पर भी,
और कोसता है वह बड़े आदमी,
इस ठग को क्या नाम दे।।




शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

©Gurudeen Verma #कविता
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