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Alamsingh Choungad
green-leaves नए साल का दूसरा दिन ✨👆🏻🥀💗🦋🌺 हरि भरी हरियाली दिख रही हैं ठंडी ठंडी हवा चल रही है यही नए साल का नायरा है ©Alamsingh Choungad #GreenLeaves नए साल का दूसरा दिन ✨👆🏻🥀💗🦋🌺 हरि भरी हरियाली दिख रही हैं ठंडी ठंडी हवा चल रही है यही नए साल का नायरा है नये अच्छे विचार शुभ
#GreenLeaves नए साल का दूसरा दिन ✨👆🏻🥀💗🦋🌺 हरि भरी हरियाली दिख रही हैं ठंडी ठंडी हवा चल रही है यही नए साल का नायरा है नये अच्छे विचार शुभ
read moreHimanshu Singh
डूबते हुए कब तिनके के सहारे किनारे हुए है #poetryunplugged walone shayari girl shayari wsad shayari on love wsad shayari wshayari status
read moreN S Yadav GoldMine
Unsplash {Bolo Ji Radhey Radhey} मन भवरा बन दौड़ा जाए, श्री हरि, श्री कृष्ण, श्री राम। संभालो मुझ अधम को, में तो श्री हरि, तुमरी शरण।। जय श्री राधेकृष्ण जी!! N S Yadav GoldMine. ©N S Yadav GoldMine #snow {Bolo Ji Radhey Radhey} मन भवरा बन दौड़ा जाए, श्री हरि, श्री कृष्ण, श्री राम। संभालो मुझ अधम को, में तो श्री हरि, तुमरी शरण।। जय श्री र
#snow {Bolo Ji Radhey Radhey} मन भवरा बन दौड़ा जाए, श्री हरि, श्री कृष्ण, श्री राम। संभालो मुझ अधम को, में तो श्री हरि, तुमरी शरण।। जय श्री र
read moretheABHAYSINGH_BIPIN
किस कदर बेखबर है वो मुझसे, एक साया है मगर साथ कब से। ढूंढने की कोशिश में उलझा हूँ, जाने कहाँ खो गई है वो हमसे। अरसा हुआ, उसके चेहरे पर मुस्कान, खिला नहीं कोई गुलाब भी कब से। सवालों का पिटारा है मेरे दिल में, पर पूछने की इजाजत नहीं उससे। नज़रों से सवाल कर जाती है, अब नज़र मिलती नहीं मेरी उससे। देखकर मेरे बगल से गुजर जाती है, सोचता हूँ, सजा दूँ बालों में गजरे। कैसी बेताबी है, उसे क्या ख़बर, देख ले इश्क़, जो मिल जाए नज़रे। किस कदर सब्र का चोला पहना, इसी हाल में जी रहा 'अभय' कब से। ©theABHAYSINGH_BIPIN किस कदर बेखबर है वो मुझसे, एक साया है मगर साथ कब से। ढूंढने की कोशिश में उलझा हूँ, जाने कहाँ खो गई है वो हमसे। अरसा हुआ, उसके चेहरे पर मुस
किस कदर बेखबर है वो मुझसे, एक साया है मगर साथ कब से। ढूंढने की कोशिश में उलझा हूँ, जाने कहाँ खो गई है वो हमसे। अरसा हुआ, उसके चेहरे पर मुस
read moreParasram Arora
Unsplash मेरी बिगड़ेल चाहतो से मुझे राहत मिलेगी कब? मेरे शरारती स्वार्थी तत्व आखिर कब समझ पायगे जीवन का यथार्थ? मेरा मौन चिल्लाना चाहता है युगो से आखिर उनकी आवाज़ मै सुन पाऊंगा कब? ©Parasram Arora कब?
कब?
read moreShiv Narayan Saxena
अंतर के गृह - युद्ध से, बल-मद टूटा जाय। हरि ने करुण पुकार पे, गज को लिया बचाय।। ©Shiv Narayan Saxena #सुप्रभातम हरि ने करुण..... hindi poetry
#सुप्रभातम हरि ने करुण..... hindi poetry
read morePraveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी कब छटेगे दुविधाओं के बादल साफ कभी अरमानो का आसमान होगा खता हमने कुछ की नही फिर कहर कियो हम सत्ता का झेल रहे है कण कण में भगवान रहते फिर सर्वे कर गुमराह कियो है सियासी दाँव मजहब बन गया इंसानियत का आसमान कब तक साफ होगा प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #sad_quotes इंसानियत का आसमान कब तक साफ होगा
#sad_quotes इंसानियत का आसमान कब तक साफ होगा
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