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Himanshu Prajapati
White गलियों से गुज़रा मौहल्ले में मार भी खाया है, कभी हाथ पैर टुटा तो कभी मुंह से खून भी आया है, हम मोहब्बत के दीवाने हैं इश्क हमारा जुनून है, एक के जाने के बाद दुसरा बाबू भी बनाया है..! ©Himanshu Prajapati #good_morning_quotes गलियों से गुज़रा मौहल्ले में मार भी खाया है, कभी हाथ पैर टुटा तो कभी मुंह से खून भी आया है, हम मोहब्बत के दीवाने हैं इ
#good_morning_quotes गलियों से गुज़रा मौहल्ले में मार भी खाया है, कभी हाथ पैर टुटा तो कभी मुंह से खून भी आया है, हम मोहब्बत के दीवाने हैं इ #विचार
read moreManojkumar Srivastava
बायां पैर ,दायाँ पैर: रोचक तथ्य आपने कभी गौर किया है कि आप जब चलते हैं तो आपका दायाँ पैर आगे चलता,बढ़ता है या दायाँ पैर! अगर आपको इसका उत्तर नहीं सूझ रहा है तो मैं आपको संकेत दे रहा हूँ! एन सी सी,पुलिस,अर्द्धसैनिक बल,सेना में जो परेड कराया जाता है उसमें ' लेफ्ट राइट' बोला जाता है यानी बायां पैर को आगे और दायाँ पैर को उसके बाद चलना है! मुझे भी पता नहीं था! मैं अपनी आध्यात्मिक यात्रा के दौरान दो- तीन दिन पहले यह अनुभव किया कि पहले बायां पैर ही आगे चलता है फिर दायाँ पैर! अगर ऐसा नहीं हो रहा है तो फिर पैर में रोग या समस्या हो सकता है! यहाँ उल्लेखनीय है कि बायें पैर के पास अलौकिक शक्ति होती है जिसे योग की भाषा में कुंडलिनी शक्ति मौजूद होती है! ---------- ©Manojkumar Srivastava #पैर के सम्बन्ध में रोचक तथ्य#
{^MohiTRoCK F44^}
#naginshayari #MohitRockF44 ना रोने की आदत है ना हसने की आदत है उसको तो हर किसी के #दिल में बसने की आदत है #सपेरे ने ये सुनकर मेरे पैर पकड #नागिन #डशने
read moreDILEEP RAJ AHIRWAR
White जब इंसानों ने भगवान मैं गलती निकाल दी, 80 सेंचुरी लगाने बाले विराट कोहली के T20 वर्ल्डकप 2024 के तीन चार मैच मैं रन नहीं बनाने पर भी गलती निकाल दी तो हम तो उनके पैर की धूल भी नहीं है हममें तो गलती निकलना स्वावाभिक था ©DILEEP RAJ AHIRWAR #rajdhani_night जब इंसानों ने भगवान मैं गलती निकाल दी, 80 सेंचुरी लगाने बाले विराट कोहली के T20 वर्ल्डकप 2024 के तीन चार मैच मैं रन नहीं बन
#rajdhani_night जब इंसानों ने भगवान मैं गलती निकाल दी, 80 सेंचुरी लगाने बाले विराट कोहली के T20 वर्ल्डकप 2024 के तीन चार मैच मैं रन नहीं बन #SAD
read moreकुमार_दुष्यन्त
हम उम्र के बायीं गति में, दाहिना भी इंतजार में हैं झुर्रियों के अन्तिम दौर तक हम तुम्हारे प्यार में हैं....! ©कुमार_दुष्यन्त हम उम्र के बायीं गति में, दाहिना भी इंतजार में हैं झुर्रियों के अन्तिम दौर तक हम तुम्हारे प्यार में हैं....! #कुमार_दुष्यन्त
हम उम्र के बायीं गति में, दाहिना भी इंतजार में हैं झुर्रियों के अन्तिम दौर तक हम तुम्हारे प्यार में हैं....! #कुमार_दुष्यन्त #शायरी
read moreVishu Kids tv
पैर और चप्पल |Akbar and birbal stories. #MoralStories #Kidsstories #intelligentbirbal
read moreN S Yadav GoldMine
White जो व्यक्ति हर रोज बड़े-बुजुर्गों के चरणस्पर्श करता है उसकी उम्र, विद्या, यश और ताकत बढ़ती जाती है जानिए इसका महत्व !! 🙇🙇 {Bolo Ji Radhey Radhey} चरण स्पर्श:- 👣 भारतीय सभ्यता और संस्कृति संसार की सबसे प्राचीन मानी जाती है। इस संस्कृति का आधार विज्ञान और धर्म के मेल से बना है। प्राचीन काल से ही यहां ऋषि मुनियों ने तप करके इस सभ्यता को निखारने और विश्व में सबसे उपर रखने के प्रयास किए हैं। भारतीय संस्कृति में जितनें भी कर्मकांड और नियम रखे गए हैं उनका धार्मिक और पौराणिक होने के साथ साथ वैज्ञानिक महत्व भी है इसी ही हमारी एक परंपरा है अपने से बड़ों को अभिवादन के रुप में पैर छूना। सनातन धर्म के अनुसार अपने से बड़ो को आदर देने के लिए उनके चरण स्पर्श किए जाते हैं, मगर चरण स्पर्श करने के पीछे सिर्फ सामाजिक कारण ही नही इसके अन्य भी कई महत्व है। आचरण समर्पण के भाव:- 👣 जब हम किसी बड़े के पैर छूते हैं तो यह दर्शाता है की हम अपने अहम का त्याग करके किसी के सम्मान और आदर के लिए उनके पैर छू रहे हैं, मतलब पूरी तरह से उनके प्रति समर्पण का भाव दिखा रहे हैं। मनोवैज्ञानिक प्रभाव:- 👣 चरण स्पर्श करने से छूने वाले और छुआने वाले दोनों के मन पर मनोवैज्ञानिक प्रभाव पड़ता है। हमारे बड़े, बुजुर्ग और गुरु चाहे कितने भी गुस्से में या नाराज हो पैर छूने मात्र से ही उनके ह्रद्य में अक्समात ही प्रेम भाव उत्पन्न होते हैं और उनका गुस्सा या नाराजगी पल भर मे दूर हो जाती है। इसके साथ साथ मनोवैविज्ञान का ये भी कहना है की जो व्यक्ति नित्य नीयम से बड़ों के पैर छूता है उसमें किसी भी प्रकार का घमंड और अभिमान नही आ सकता। बड़ो के आगे झुकने से मन को शांति और सहनशीलता के गुण मिलते हैं। वैज्ञानिक तर्क:- 👣 चरण स्पर्श करने के पिछे वैज्ञानिक आधार यह है की हमारा शरीर जो बहुत सी तंत्रिकाओं के मेल से बना हुआ है और जो तंत्रिकाए हमारे दिमाग से शुरु होती हैं वो हमारे हाथो और पैरो के पंजो पर आकर समाप्त होती हैं। जब हम चरण स्पर्श की प्रक्रिया के दौरान अपने हाथों की टीप को सामने वाले के विपरीत पैर के टिप को छुते हैं तो इस से शरीर की विद्युत चुंबकीय उर्जा का चक्र बनता है जिसकी उर्जा पूरे शरीर में प्रवाहित होती है। मतलब इस प्रक्रियां में दो शरीरों की उर्जा मिल जाती है जिसमें पैर छूने वाला उर्जा ग्रहण करता है और पैर छूआने वाला उर्जा देने वाला होता है। धार्मिक तर्क👣 चरण स्पर्श के इस नियम का हिंदु धर्म शास्त्रो नें भी बखूबी बखान किया है. 👣 अगर सरल शब्दों कहा जाए तो जो व्यक्ति हर रोज बड़े-बुजुर्गों के सम्मान में प्रणाम व चरणस्पर्श कर सेवा करता है। उसकी उम्र, विद्या, यश और ताकत बढ़ती जाती है। चरण स्पर्श का सामाजिक महत्व:- 👣 अपने से बड़ों के चरण स्पर्श करने का नित्य नियम समाज को एक सही दिशा प्रदान करता है। घर में जब हम अपने से बड़ो के पैर छूते हैं तो उसमें हमारा आचरण अच्छा होता है औऱ बुजुर्गों का सम्मान बढता है। जिससे बड़ो के प्यार के साथ साथ उनका विश्वास भी हम जीत सकते हैं। नई पीढी इस प्रकार कि क्रिया कलापों को देख कर सकारात्मक उर्जा ग्रहण करती है और आगे चल कर हमें भी जिंदगी में अपनी औलाद से सम्मान मिलता है। घर परिवार के अलावा अन्य बुजुर्गों के पैर छूने से समाज में एक अच्छी सोच का संचालन होता है और आपसी मनमुटाव होने की संभावनाएं कम हो जाती हैं। इसलिए आप भी अपने से बड़ों के चरण स्पर्श करने की नित्य क्रिया को अपना कर एक अच्छे समाज का निर्माण कर सकते हैं। ©N S Yadav GoldMine #mango जो व्यक्ति हर रोज बड़े-बुजुर्गों के चरणस्पर्श करता है उसकी उम्र, विद्या, यश और ताकत बढ़ती जाती है जानिए इसका महत्व !! 🙇🙇 {Bolo Ji Ra
Utkrisht Kalakaari
कुछ साल पहले मैं एक मंदिर गई थी वहां एक साध्वी दस साल से मौन व्रत धारण की हुई थी, सभी लोग उनका पैर छूकर आशीर्वाद ले रहे थे। मैंने भी उनका पै
read moreबेजुबान शायर shivkumar
मां का सप्तम रूप है मां कालरात्रि का, क्षण में करती नाश दुष्ट,दैत्य, दानव का। स्मरणमात्र से भाग जाते भूत, प्रेत, निशाचर, उज्जैन से दूर हो जाते हैं पल में ग्रह-बाधा हर। उपवासकों को नहीं भय अग्नि, जल, जंतु का, नहीं होता है भय कभी भी रात्रि या शत्रु का। नाम की तरह रुप भी है अंधकार-सा काला, त्रिनेत्रधारी है माताजी सवारी है गर्दभ का। दाहिना हाथ ऊपर उठा रहता है वरमुद्रा में, बाया हाथ नीचे की ओर है अभय मुद्रा में। तीसरे हाथ में मां के है खड्ग, चौथे में लौहशस्त्र, विशेष पूजा रात्रि में मां की करते हैं तंत्र साधक। शुभकारी है दूसरा नाम मां कालरात्रि का, शुभ करने वाली है मां, है सबकी मान्यता। गुड़हल का पुष्प है प्रिय, गुड़ का भोग लगाते हैं, कपूर या दीपक जलाकर मां की आरती करते हैं। ©Shivkumar #navratri #navaratri2024 #navratri2025 #navratri2026 #navaratri #नवरात्रि मां का सप्तम रूप है मां #कालरात्रि का, क्षण में करती #नाश दु
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read morehealthdoj
अगर अचानक कोई व्यक्ति बेहोश हो जाता हैं, तो तुरंत उसके पैर...? . . . #Trending #trendingreels #healthcoach #Health #Healthy Share With Ur F #hunarbaaz
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