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निर्भय चौहान
Unsplash सबने अपने ही लकीरों का वास्ता देकर। मेरा रास्ता है रोका गैर को रास्ता दे कर। मैं जो कि देख सकता था उसे दूर तक जाते हुए, लौट आया तो बड़ी घुटन सी क्यों होती है। ये कौन सा इंतजाम है इश्क का, अपने गुनाह मेरे नाम कर के रोती है। ये जो झगड़ा है वो उम्मीद है सहारे की, मोहब्बत में इतना तौल मोल कौन करता है। हमारे वास्ते हमसे ही लड़ना झूठ है निर्भय, धोखा खाने पे अजनबी से झगड़ा कौन करता है। तुम्हारे साथ थे तो दुनिया सारी चाहिए थी तो, हमारे बाद दुनिया छोड़ने की बात क्यों की है। मेरा दिल उजालों का एक मुकम्मल शहर था और, अंधेरे कमरे में अंधे लोगों के संग रात क्यों की। कोई मुझसे भी अच्छी ग़ज़लें लिखता है पढ़ता है? मुझे बताओ तुमने उससे बात क्यों की है। तलब थी या जरूरत जो भी हो लेकिन, मोहब्बत के लिए मैं खुद माफी नहीं दूंगा। ठिठुर के मर जा सर्दी में या कविताएं लिख तू भी, तुझे मैं अपने हिस्से की अब कॉफी नहीं दूंगा। ©निर्भय चौहान कॉफी नहीं दूंगा #leafbook Kumar Shaurya वरुण तिवारी Vishalkumar "Vishal" Rakhee ki kalam se katha(कथा) शायरी दर्द लव शायरी हिंदी में श
कॉफी नहीं दूंगा #leafbook Kumar Shaurya वरुण तिवारी Vishalkumar "Vishal" Rakhee ki kalam se katha(कथा) शायरी दर्द लव शायरी हिंदी में श
read moreParasram Arora
Unsplash पसरा हुआ है रात्रि का सन्नाटा और न जाने क्यों डर रहा है मेरा मन क्यों याद आ रहा है मुझे अतित जी भयावह घटनाओ का क्रम मुझे लगता है सारी पीड़ाए पैदा क़ी है उन असुरो ने तभी तों होता रहा है देवताओं का दमन ©Parasram Arora रात्रि का सन्नाटा
रात्रि का सन्नाटा
read moreSatish Kumar Meena
शादी का बंधन पवित्र होता है क्योंकि इसके साक्षी भगवान होते हैं जिनसे कुछ छुपा नहीं है। ©Satish Kumar Meena शादी का बंधन
शादी का बंधन
read moreAnjali Jain
आज प्रजातंत्र,भीड़तंत्र में बदल चुका है भीड़, पहले नेतृत्व को विवश करती है अपनी सुख सुविधाओं के लिए.... फिर स्वयं विवश होती है अपने दुःख और दुविधाओं से...!! ©Anjali Jain आज का विचार 08.12.24 आज का विचार
आज का विचार 08.12.24 आज का विचार
read moreashita pandey बेबाक़
कठिन उद्यमों से,मैंने जीवन की माटी ,सींची हैं तकदीरों के मस्तक पर मेहनत की ,रेखा खींची हैं जब जब घाव लगा हैं बढ़ने थोड़ी आंखें भींची हैं अपनी ज़िद मैं लिए बड़ी ये दुनिया,कांच सरीखी हैं दिवास्वप्न मे लिप्त नहीं,मैं रही धरा पर वास किए सभी कंटकों से जूझी स्वयं विजयश्री की हासिल नहीं कोई इक भी अखियां मेरे घावों पर भीगी हैं कठिन उद्यमों से,मैने जीवन की माटी,सींची हैं ©ashita pandey बेबाक़ #sad_quotes आज का विचार आज का विचार शुभ विचार
#sad_quotes आज का विचार आज का विचार शुभ विचार
read moreDev
वो कर्ज़ हम चुका ना पाये। हम्हारा फ़र्ज़ हम निभा ना पायें।। ©Dev दिल का अहसास
दिल का अहसास
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