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RAVI PRAKASH

#love_shayari झूठ और चालाकियां रिश्तों में

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White झूठ और चालाकियां रिश्तों में मत चलाया करो नहीं तो एक दिन आप जीवन में अकेले रह जाओगे !!

©RAVI PRAKASH #love_shayari झूठ और चालाकियां रिश्तों में

Shailendra Anand

#sad_qoute धर्म संस्कृति में संन्यास आश्रम और अपने कर्म से निवृत्त होकर पवित्र और पूजनीय है ्््््कवि शैलेंद्र आनंद

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White रचना दिनांक 17फरवरी 2025
वार सोमवार
समय दोपहर 12 बजे

यह दीक्षार्थीहै  नागा साधु संन्यासी में,
कई ऐसे साधक साधना प्रकृति से,
 प्रेम करने वाले होते हैं
दीक्षा संस्कार से पहले सांसारिक सुख मोह और जिज्ञासा लालसा तलफ तड़फ से पैदा हुए जीवन पर आधारित संयम सिखाया जाता है।।
नाकि सिर्फ अपने गुरु से हवा, पानी, अग्नि, सुर्य प्रकाश में तप तपस्या से ध्यान योग योगासन उपवास करना और तांत्रिक, मांत्रिक, हठयोग, जैसी कई प्रक्रियाओं से गुजरने के पश्चात ही सनातन विचार सच में दत्त अखाड़ा के सान्निध्य में नागा साधु संन्यासी बनाया जा सकता है।।
््कवि शैलेंद्र आनंद
17 फरवरी‌2025

©Shailendra Anand #sad_qoute धर्म संस्कृति में संन्यास आश्रम और अपने कर्म से निवृत्त होकर पवित्र और पूजनीय है ्््््कवि शैलेंद्र आनंद

s गोल्डी

कद में, पद में और पैसे में जैसे-जैसे हम बड़े होते जाते हैं.. दिल हमारा छोटा होता जाता है। motivational shayari

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कद में, पद में और पैसे में जैसे-जैसे हम बड़े होते जाते हैं..
 दिल हमारा छोटा होता जाता है।

©s गोल्डी कद में, पद में और पैसे में जैसे-जैसे हम बड़े होते जाते हैं.. दिल हमारा छोटा होता जाता है। motivational shayari

Dhaneshdwivediwriter

#DearKanhaहे प्रभु! इस उलझे से जीवन को अब तो सवांर दो खरीदने से भी न मिला, वो सुकुन थोड़ा उधार दो, दिल की हर धड़कन में बस तेरा ही नाम हो प्रे

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हे प्रभु! इस उलझे से जीवन को अब तो सवांर दो
खरीदने से भी न मिला, वो सुकुन थोड़ा उधार दो
दिल की हर धड़कन में बस तेरा ही नाम हो,
प्रेम की वो अमृतधारा मेरे जीवन में उतार दो।



























.......

©Dhaneshdwivediwriter #DearKanhaहे प्रभु! इस उलझे से जीवन को अब तो सवांर दो
खरीदने से भी न मिला, वो सुकुन थोड़ा उधार दो, 
दिल की हर धड़कन में बस तेरा ही नाम हो
प्रे

Shailendra Anand

देशभक्ति और देश संविधान में न्याय में देश में अवाम में खुशहाली आती है भक्ति भाव से पुजा करने वाले अच्छे लगते देश भक्ति में संनिहित है वि

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रचना दिनांक 25 जनवरी दोहजार पच्चीस
वार शनिवार
समय सुबह पांच बजे
््भावचित्र ्
््निज विचार ्
््शीर्षक ्
।््तेरी रुहानी रुह में अल्फाज़ नगीना लिखने वाले अच्छे ख्यालात की इबादत है,,
 संविधान में न्याय पाओ मर्यादा में रहो यही सही समय की मर्यादा और प्रतिष्ठा सौगात दी गई है।।
राजनीति और धर्मांन्धता और अर्थ व्यवस्था में सुधार समरसता बहुत जरूरी है ््
पच्चीस   जनवरी  दोहजार   पच्चीस
अंक शास्त्र में 25बराबर25तारीख और साल में एक समान है।
 श्रुति स्मृति चिन्ह प्रदान देश में,
 अवाम में खुशहाली में एक विधान संविधान का आलेख सुलेखा की पूर्व संध्या पर ,
हम दिलों से पूजा करें जनसेवा ही मानव सेवा है जिसे हम गणतंत्र दिवस कहते हैं,।।
माना कि तुम मेरे लिखे शब्दों से सहमति असहमति जताते हुए ,
जनस्वीकारोक्ति निस्वार्थ भाव को नहीं नकार सकते हो।।
यही उत्तेजना यन्त्र तंत्र को मजबूत करने वाले,
 संविधान विशेषज्ञ दल में शामिल समन्वय समिति द्वारा स्थापित विचार संगोष्ठी में,
 आन्तरिक रूप से एक अन्तिरम निम्नांकित विषय वस्तु धारा नियमावली पर
 आपसी सहमति बहस में 
विचारों का आदान प्रदान करने वाली अग्नि परीक्षा स्वलेखक और सहयोगीयो में,
 एक सम निदान हेतु सेतुबंध में कुछ मन का अन्तर्द्वंद से सजाया गया जिसे हम 
अनुसरण करें अंनत आख्यान संहिता दर्शन शास्त्र ज्ञान दर्शन है।।
। तथ्यों पर विचार प्रवाह में बह निकले ध्वनि तरंगों में एक गाढे खून पसीने की पीड़ा हो,
 किसी धनवान का आयना नज़रिया जो भी व्यक्ति पहले इन्सान नागरिक हैं ।।
तदपश्यात प्रृथ्वीतले परिभ़मणं लोककल्याणं नरलीला में,
 जाति, धर्म, भाषा, सम्बन्धी कहावतें से पूजा करने वाले हो सकते है।।
जो इन्सान आज अपने विचार व्यक्त आस्था प्रकट कर रहा है,
 वह उस समय की मर्यादा काल्पनिक दशा का आख्यान व्याख्यान कर रहा हूं।
यह जग मग माया मोह ््मद से जलरंहा रहा है,,
और यह सुखद अहसास दिया गया जिसे हम देश का संविधान कहते हैं।।
यह आज का दर्शन मैं शैलेंद्र आनंद जो देख सकता हूं ,,
वह अदभुत झलकियां हकीकत में रचती बसती है ।
दीप्ति नवल किशोर मेरे दिल में दीपक कलश स्वस्तिक कुंभ राशि में 
पच्चीस जनवरी दोहजार पच्चीस की सुबह स्वागत में ,,
सुंदरता को परखना तन मन को निखारना स्वयं को पढ़कर अभ्यास से 
मन को लिखने वाले आत्ममंथन को आनंद कहते हैं।।
््कवि शैलेंद्र आनंद ्
25 जनवरी। 2025

©Shailendra Anand देशभक्ति और देश संविधान में न्याय में देश में अवाम में खुशहाली आती है  भक्ति  भाव से पुजा करने वाले अच्छे लगते 
 देश भक्ति में संनिहित है वि

gaTTubaba

#skylining आंख के सामने कोई आंख में हैं और कोई आइने के बाहर कोई आइने में और कोई समझदार को समझा दो कोई

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आंख के सामने कोई
आंख में हैं और कोई

आइने के बाहर कोई
आइने में और कोई 

समझदार को 
समझा दो कोई 

बेवकूफ उसके जैसा 
नहीं हैं और कोई

©gaTTubaba #skylining आंख के सामने कोई
आंख में हैं और कोई

आइने के बाहर कोई
आइने में और कोई 

समझदार को 
समझा दो कोई

Sonu Gami

#happy_diwali हवा में शीतलता हवा का है आभार खुश है चित्त और खुश है अंतर मन आनंद स्वरूप परमात्मा का है धन्यवाद बिना मांगे ही दिया सबकुछ धन्

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White हवा में शीतलता हवा का है आभार 
खुश है चित्त और खुश है अंतर मन 
आनंद स्वरूप परमात्मा का है धन्यवाद
बिना मांगे ही दिया सबकुछ
धन्यवाद है धन्यवाद परमात्मा का आभार

©Sonu Gami #happy_diwali हवा में शीतलता हवा का है आभार 
खुश है चित्त और खुश है अंतर मन 
आनंद स्वरूप परमात्मा का है धन्यवाद
बिना मांगे ही दिया सबकुछ
धन्

Kulvant Kumar

ll संघर्ष और तजुर्बा हर इंसान के जीवन में नहीं आता ll

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White ll संघर्ष और तजुर्बा हर इंसान के जीवन में नहीं आता ll

©Kulvant Kumar ll संघर्ष और तजुर्बा हर इंसान के जीवन में नहीं आता ll

Jagbandhu Mandal

खुशियों में खुश रहना और गम में भी खुशी ढूंढना #Sad_Status मोटिवेशनल कोट्स हिंदी

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White खुशियों में खुश रहना और गम में भी खुशी ढूंढना

©Jagbandhu Mandal खुशियों में खुश रहना और गम में भी खुशी ढूंढना 
#Sad_Status  
मोटिवेशनल कोट्स हिंदी

Ajay Tanwar Mehrana

अंतर बीच हमारे poetry on love

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मानने और जानने में फरक होता है ,
अंधविश्वास भी एक नरक होता है !
हमारे बीच बस अंतर है इतना कि -
आप हमें मानते हैं हम तुम्हे जानते है !

पहचानने और चाहने में फरक होता है
एक तरफा प्यार भी नरक होता है ,
हमारी चाहत में बस अंतर है इतना कि
हम तुम्हें चाहते बस आप पहचानते हैं !
.

©Ajay Tanwar Mehrana अंतर बीच हमारे  poetry on love
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