Nojoto: Largest Storytelling Platform

New दमण नीचे पैरी जूती Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about दमण नीचे पैरी जूती from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, दमण नीचे पैरी जूती.

BROKENBOY

#UskeHaath सारी दुनिया से लड़ सकता हूं , बस एक तुझसे ना लड़ पाऊंगा, तेरे साथ की गई लड़ाई में , जीतने से अच्छा मैं हार जाऊंगा, डर लगता है त

read more
सारी दुनिया से लड़ सकता हूं ,
बस एक तुझसे ना लड़ पाऊंगा,
तेरे साथ की गई लड़ाई में ,
जीतने से अच्छा मैं हार जाऊंगा,
डर लगता है तुझे खोने से,
तेरे दूर होने से,
मेरे लबों पर बैठी कविता तू है,
तुम ही मेरे जख्मों की दवा भी ,
तेरे ही दिल के कोने में मिले मुझे बंदगी ,
भले देता रह सजा ही, 
जिस ख्याल से यह कलम चले
वो किस्सा तूं ही है,
जिसके बिना मेरी कहानी और मैं अधूरा हूं,
वो हिस्सा तू ही है,
दूरियों की मजबूरियों के नीचे हम दोनों की चीखें दबी है,
तुझे खोने से बेहतर है हांरूगा हर जंग में,
यह कहकर मैं गलत और तू सही है,

©BROKENBOY #UskeHaath 

सारी दुनिया से लड़ सकता हूं ,
बस एक तुझसे ना लड़ पाऊंगा,
तेरे साथ की गई लड़ाई में ,
जीतने से अच्छा मैं हार जाऊंगा,
डर लगता है त

संस्कृत लेखिका तरुणा शर्मा तरु

स्वलिखित शायरी शीर्षक रिश्तों का शीशमहल विधा शायरीनुमा भाव वास्तविक रिश्तों का शीशमहल कब मकान में बदल गया पता न चला, भावुकता कब ईंट पत

read more

नवनीत ठाकुर

#हर लफ़्ज़ थमा है दर्द के नीचे, जुबां को फलक भर नहीं आती। सन्नाटे चीखते हैं दिल के अंदर, पर दुनिया को सहर नहीं आती। दिल की गुंजाईश है बेहिस

read more
White हर लफ़्ज़ थमा है दर्द के नीचे,
जुबां को फलक भर नहीं आती।
सन्नाटे चीखते हैं दिल के अंदर,
पर दुनिया को सहर नहीं आती।

दिल की गुंजाईश है बेहिसाब,
पर फिज़ा तक असर नहीं जाती।
ख्वाब जलते हैं रात की आग में,
सुबह उनकी खबर नहीं आती।

खुद से भी गुमशुदा हैं ऐसे,
जैसे राह कोई नजर नहीं आती।
आईने भी सवाल करते हैं अब,
पर उनकी सूरत उभर नहीं आती।

©नवनीत ठाकुर #हर लफ़्ज़ थमा है दर्द के नीचे,
जुबां को फलक भर नहीं आती।
सन्नाटे चीखते हैं दिल के अंदर,
पर दुनिया को सहर नहीं आती।

दिल की गुंजाईश है बेहिस

नवनीत ठाकुर

#दरवाज़ों पर नाम बदलते रहेंगे सदा, आज मेरा है, कल तेरा फ़साना होगा। मिट्टी का हर शख़्स यहां मुसाफ़िर पुराना होगा, हर सफर की मंज़िल यही ठिकान

read more
दरवाज़ों पर नाम बदलते रहेंगे सदा,
आज मेरा है, कल तेरा फ़साना होगा।
मिट्टी का हर शख़्स यहां मुसाफ़िर पुराना होगा,
हर सफर की मंज़िल यही ठिकाना होगा।।

वक़्त वक्त की बात है,
जो बुलंद था, वो भी गिराना होगा।
फलक के नीचे सबका मुक़द्दर एक सा,
हर शख़्स को आख़िर मिट जाना होगा।

जिनके कदमों से ज़माना कांपता था कभी,
उनका निशां भी धूल में मिल जाना होगा।
हर खुशी, हर ग़म, बस लम्हों की बात है,
इस खेल में हर किरदार बदल जाना होगा।

©नवनीत ठाकुर #दरवाज़ों पर नाम बदलते रहेंगे सदा,
आज मेरा है, कल तेरा फ़साना होगा।
मिट्टी का हर शख़्स यहां मुसाफ़िर पुराना होगा,
हर सफर की मंज़िल यही ठिकान

Sarfaraj idrishi

पुलवामा में 400 किलो RDX कहां से आया ये आज तक पता नहीं लगा पाए लेकिन 500 सालों से बनी हुई मस्जिदों के नीचे मंदिर है ये जरुर पता लगा लिए Isla

read more
पुलवामा में 400 किलो RDX कहां से आया
 ये आज तक पता नहीं लगा पाए 

लेकिन 500 सालों से बनी हुई मस्जिदों के नीचे मंदिर है
 ये जरुर पता लगा लिए 🤔

©Sarfaraj idrishi पुलवामा में 400 किलो RDX कहां से आया ये आज तक पता नहीं लगा पाए लेकिन 500 सालों से बनी हुई मस्जिदों के नीचे मंदिर है ये जरुर पता लगा लिए Isla

Kumar Raviraj

Join करने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें https://gee-max.com/signup/GM589784 Helpline Nos.: 82106 57119 I 9534602471

read more

gudiya

#NatureLove पृथ्वी पृथ्वी तुम घूमती हो तो घूमती चली जाती हो अपने केंद्र पर घूमने के साथ ही एक और केंद्र के चारों ओर घूमते हुए लगातार

read more
पृथ्वी 
पृथ्वी तुम घूमती हो 
तो घूमती चली जाती हो 

अपने केंद्र पर घूमने के साथ ही 
एक और केंद्र के चारों ओर घूमते हुए लगातार 

क्या तुम्हें चक्कर नहीं आते 
अपने आधे हिस्से में अंधेरा 
और आधे में उजाला लिए 
रात को दिन और दिन को रात करते 
कभी-कभी कांपती हो 
तो लगता है नष्ट कर दोगी अपना सारा घर बार 
अपनी गृहस्थी के पेड़ पर्वत शहर नदी गांव टीले
सभी कुछ को नष्ट कर दोगी 

पृथ्वी क्या तुम कोई स्त्री हो 
तुम्हारी सतह पर कितना जल है
तुम्हारी सतह के नीचे भी जल ही है
लेकिन तुम्हारे गर्भ में
गर्भ के केंद्र में तो अग्नि है 
सिर्फ अग्नि 

पृथ्वी क्या तुम कोई स्त्री हो 

कितने ताप कितने दबाव और कितनी आद्रता
अपने कोयलों को हीरो में बदल देती हो 
किन प्रक्रियाओं से गुजर कर 
कितने चुपचाप 
रतन से ज्यादा रतन के रहस्य से 
भरा है तुम्हारा ह्रदय 

पृथ्वी क्या तुम कोई स्त्री हो 

तुम घूमती हो 
तो घूमती चली जाती हो

-नरेश सक्सेना

©gudiya #NatureLove 
पृथ्वी 
पृथ्वी तुम घूमती हो 
तो घूमती चली जाती हो 

अपने केंद्र पर घूमने के साथ ही 
एक और केंद्र के चारों ओर घूमते हुए लगातार

gudiya

#NatureQuotes #मातृभूमि #nojotohindi nojotophoto #nojoyopoetry आज इस्लाम जब मैं भेजता खड़ा हूं आसमान और धरती के बीच

read more
Nature Quotes आज इस्लाम जब मैं भेजता खड़ा हूं आसमान और धरती के बीच 
तब तब अचानक मुझे लगता है यही तो तुम हो मेरी मां मेरी मातृभूमि 

धान के पौधों ने तुम्हें इतना ढक दिया है कि मुझे रास्ता तक नहीं सुझता 
और मैं मेले में कोई बच्चे सा दौड़ता हूं तुम्हारी ओर 
जैसे वह समुद्र जो दौड़ता आ रहा है छाती के सारे बटन खोले हाहाता 


और उठती हैं शंख ध्वनि कंधराओं के अंधकार को हिलोडती 
यह बकरियां जो पहली बूंद गिरते ही भाग और छप गई पेड़ की ओट में 

सिंधु घाटी का वह सेंड चौड़े पत्ते वाला जो भीगा जा रहा है पूरी सड़क छेके 
वे मजदूर जो सुख रहे हैं बारिश मिट्टी के ढीले की तरह

 घर के आंगन में वह  नवोढ़ा भीगती नाचती और 
काले पंखों के नीचे कौवों के सफेद रोए तक भीगते 
और इलायची के छोटे-छोटे दाने इतने प्यार से गुथंम गुत्था यह सब तुम ही तो हो 

कई दिनों से भूखा प्यासा तुम्हें ही तो ढूंढ रहा था चारों तरफ
 आज जब भी की मुट्ठी भर आज अनाज भी भी दुर्लभहै 
तब चारों तरफ क्यों इतनी बाप फैल रही है गरम रोटी की 
लगता है मेरी मां आ रही है नकाशी दार रुमाल से ढकी तश्तरी में 

खुबानीनिया अखरोट मखाने और काजू भरे
 लगता है मेरी मां आ रही है हाथ में गर्म दूध का गिलास लिए 
यह सारे बच्चे तुम्हारी रसोई की चौखट पर कब से खड़े हैंमां 
धरती का रंग हरा होता है फिर सुनहला फिर धूसर 
छप्परों से इतना धुआं उठता है और गिर जाता है 
पर वहीं के वहीं हैं घर से निकले यह बच्चेतुम्हारी देहरी पर 
सर टेक सो रहे हैं मां यह बच्चे कालाहांडी के 
यह आंध्र के किसानों के बच्चे यह पलामू के पटन नरोदा पटिया के 

यह यदि यह यतीमअनाथ यह बंदहुआ 
उनके माथे पर हाथ फेर दो मां 
इनके भीगी के सवार दो अपने श्यामलहाथों से 
तुम कितनी तुम किसकी मन हो मेरी मातृभूमि 
मेरे थके माथे पर हाथ फेरती तुम ही तो हो मुझे प्यार से तख्ती और मैं भेज रहा हूं 
नाच रही धरती नाच आसमान मेरी कल पर नाच नाच मैं खड़ा रहा भेजता बीचो-बीच।
-अरुण कमल

©gudiya #NatureQuotes 
#मातृभूमि #Nojoto #nojotoquote #nojotohindi #nojotophoto #nojoyopoetry 
आज इस्लाम जब मैं भेजता खड़ा हूं आसमान और धरती के बीच

Vinod Mishra

"स्वार्थ में ऊपर उठने की तो सीमा है परन्तु स्वार्थ में नीचे गिरने की कोई सीमा नहीं है." #विनोद #मिश्र #मोटिवेशन ✍️

read more

Mukesh Poonia

#sad_quotes नीचे #गिरना #सदैव #पतन नहीं होता #नदी #पर्वतो से गिरकर #सागर बन जाती है अच्छे विचारों आज का विचार सुप्रभात हिंदी छोटे सुविचार न

read more
White नीचे गिरना सदैव पतन नहीं होता
नदी पर्वतो से गिरकर सागर बन जाती है


















.

©Mukesh Poonia #sad_quotes नीचे #गिरना #सदैव #पतन नहीं होता #नदी #पर्वतो से गिरकर #सागर बन जाती है  अच्छे विचारों आज का विचार सुप्रभात हिंदी छोटे सुविचार न
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile