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Rajkumar pal
आपके संस्कार से पता चलता है की आपकी परवरिश कैसे हुई हैं...®️ ✔️ ©Rajkumar pal आपके #संस्कार से पता चलता है की आपकी #परवरिश कैसे हुई हैं..®️ शायरी मोटिवेशनल
Anjali Singhal
"दर्द देकर अगर कोई पूछे, कैसी तबीयत है आपकी! नम आँखों से हम भी कह देंगे, बस दुआ है आपकी!!" ©Anjali Singhal #HeartBreak "दर्द देकर अगर कोई पूछे, कैसी तबीयत है आपकी! नम आँखों से हम भी कह देंगे, बस दुआ है आपकी!!"
#HeartBreak "दर्द देकर अगर कोई पूछे, कैसी तबीयत है आपकी! नम आँखों से हम भी कह देंगे, बस दुआ है आपकी!!"
read more@priya
वीणा की धुन से हो हर मन पावन, ज्ञान से चमके हर छात्र का जीवन। मां सरस्वती की आए ऐसी कृपा, बने हर सपना साकार और अपना। ©@priya वीणा की धुन से हो हर मन पावन, ज्ञान से चमके हर छात्र का जीवन। मां सरस्वती की आए ऐसी कृपा, बने हर सपना साकार और अपना।#puja
वीणा की धुन से हो हर मन पावन, ज्ञान से चमके हर छात्र का जीवन। मां सरस्वती की आए ऐसी कृपा, बने हर सपना साकार और अपना।#puja
read moreKiran Chaudhary
सारे सपने धरे के धरे रह गए मेरे, जब हकीकत से मेरा सामना हुआ।। ©Kiran Chaudhary सारे सपने धरे के धरे रह गए मेरे, जब हकीकत से मेरा सामना हुआ।।
सारे सपने धरे के धरे रह गए मेरे, जब हकीकत से मेरा सामना हुआ।।
read moreRadhe Radhe
White मेरे बनवाली तुझसे अथाह प्रित है बतलाऊ कैसे तुमने मुख दिया बोलने को पर शब्द नहीं दिए अनंत प्रेम को समझने का जय श्री राधे ©Radhe Radhe मेरा कान्हा
मेरा कान्हा
read moreShailendra Anand
रचना दिनांक 14 जनवरी 2025 वार मंगलवार समय सुबह ग्यारह बजे ्भावचित्र ् ्निज विचार ् ्शीर्षक ् छाया चित्र में जल ही जीवन में समुद्र में जलसृष्टि में , अलग पहचान और सोच का आयना नज़रिया सहज महज़ भण्डार है,, जहां चाह वहां राह दिखाने वाले मंगलमय रत्नों से खनिज पदार्थ से सजाया गया है।। ्् समन्दर में बहते हुए जल में प्रवाहित होने वाले तरंग में लहरों , में समुद्री नमक और तेल चित्रावलली ललितकलाचित्रणशैलीकलासाहित्य से, मनोररम सौंदर्य और जींव जगत के सुक्ष्म से सुक्ष्म पादप प्रजातियां पाई जाती है । जो जीवाणु और अनेक देशों में समुद्री तट पर स्थित पनडुब्बी और जहाज में पर्यटक में , मानसिक सम्प्रेषण शांति वार्ता से अन्य देशों में सामंजस्य स्थापित कर नव स्वपन कीओर ले जा रहे, मकर संक्रांति पर्व हर्षोल्लास पूर्वक विचार कर मनाया जा रहा है।। हिन्दूस्तान में आदिकाल भक्तिकाल में मानसिक हलचल अंतर्गत आई अभिव्यक्ति अनुवाद जनसंख्या में वृद्धि और कमी विषय नहीं है,, विषय विश्व में आप और हम के बीच हिन्दूस्तान की संस्कृति सभ्यता और इतिहास चाहे, स्वामी विवेकानंद जी शिकागो में 13। 1वर्ष पुर्व अपने उद्बोधन में अपनी संस्कृति और सभ्यता इतिहास विद्वता से सारे विश्व में अपना दर्शन और प्रेम का आयना नज़रिया सहज महज़ प्रेम को अभिव्यक्त करने वाले शुन्य पर आधारित ईश्वर सत्य की आवृत्ति प्रवृत्ति निरन्तर प्रगति में देश सर्वोपरि है।। माना कि हिन्दूस्तान में कई राजा,सम़ाट सतयुग से कलयुग तक देवता और असुर के मध्य संग़ाम हुआ है ्तब धर्म और अधर्म पाप और पुण्य के बीच सतयुग त्रेता द्वापर युग परिवर्तन में सहस्त्रों वर्षों तक अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक समुदाय का विवरण शास्त्र पुराण कथा साहित्य कथन सच्चाई में उपलब्ध है।।्् रहा सवाल कलयुग में कल कारखानों में ,श्रम और रोजगार में सर्वहारा वर्ग में दलित आदिवासी जीवन में वन जंगल पहाड़ धरती जल जीवन में विचरण करने वाले लोगों में अशिक्षा अंधश्रद्धा मंहगाई खात जात है जैसी मुल समस्या पर ध्यान देना चाहिए।। ््नाकि आम आदमी में मानसिक रूप से जीवन व्यतीत करते हैं आनेवाली पीढ़ी को राह दिखाने वाले खुशियों का आयना नज़रिया बदला जा सकता है,, यही सही मौका मिला है आपकी पोस्ट पढ़ने के बाद लिखने का बाकि आप समझदार है।। ,, ना हिन्दू बनेगा ना मुसलमान बनेगा, इन्सान की औलाद है इंसान बनेगा,।। देश में संविधान है तो देश आगे बढ़ेगा,, विवाद है तर्क वितर्क तथ्य तर्क तथ्यों पर आधारित अदालत में न्याय पाओ मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम ने पहले इन्सान बनाया है।। यही यथार्थ सत्य है इन्सान से प्रेम करने वाले अच्छे ख्यालात रहे,, यही सही और सटीक उत्तर भारत प्रजातांत्रिक देश में अवाम में खुशहाली और उसके परिणाम में सत्य कोण पूर्व मुख में सुर्य विराजमान हैं।। ््कवि शैलेंद्र आनंद ©Shailendra Anand मकर संक्रांति पर्व और विचार भक्ति से सजाया गया जिसे हम ईश कृपा प्राप्त होती है। कवि शैलेंद्र आनंद
मकर संक्रांति पर्व और विचार भक्ति से सजाया गया जिसे हम ईश कृपा प्राप्त होती है। कवि शैलेंद्र आनंद
read more- Arun Aarya
भय मेरा , निर्भय मेरा , जीवन मेरी , निर्णय मेरा..! - अरुन आर्या ©- Arun Aarya #निर्णय मेरा
#निर्णय मेरा
read moreMohan Sardarshahari
बहुत हुए बीते जमाने में पिछले दो दिनों में शरीक एक दोस्त के घर जाकर लगा जिंदगी बदलती है तारीख । शहर के कोलाहल से दूर एक बड़ा मनोरम सा घर बाग-बगीचे,पेड़, झूले और फ़व्वारे स्वागत को आतुर। अन्दर बड़ा सा विशाल कक्ष जिसकी सुविधाएं अति मोहक इस में बना गुरु का आसन कर देता सबका धार्मिक रुख। ना कोई दिखावा ना अंहकार बाशिंदे करते एक दूजे से प्यार मिलकर उनसे यों लगता जैसे यही है प्राकृतिक सा सदाचार। घर से सब खुश होकर जायें कहते हैं यही है हमारा उपहार साधारण होकर भी कितना खास निकला मेरा यार जमीनी सरदार।। ©Mohan Sardarshahari मेरा यार
मेरा यार
read morepriyanka pilibanga
White मेरे पापा लिखते मेरा मुकद्दर, अगर मेरे पापा लिखते। ना दौलत, ना शोहरत, की कमी लिखते। जहां जहां गम लिखें है, वहां वहां वो सुख लिखते। मेरा मुकद्दर, अगर मेरे पापा लिखते। धुधली सी खुशियों को वह साफ़ साफ़ लिखते। मेरी ज़िन्दगी में दुःख नाम के, शब्द ही ना होते। मेरा मुक़द्दर, अगर मेरे पापा लिखते। ©Priyanka Poetry मेरे पापा लिखते
मेरे पापा लिखते
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