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VEER NIRVEL
दर्द कितना है ये खुलाशा नहीं करते कुछ लोग ख़ुद का तमाशा नहीं करते... #Chai_Lover ©VEER NIRVEL दर्द कितना है ये खुलाशा नहीं करते कुछ लोग ख़ुद का तमाशा नहीं करते... #Chai_Lover
दर्द कितना है ये खुलाशा नहीं करते कुछ लोग ख़ुद का तमाशा नहीं करते... #Chai_Lover
read moreअनिल कसेर "उजाला"
मोहब्बत का यही फ़साना है, होता मुश्किल साथ निभाना है। जो पल मिला है जी ले उजाला, वक़्त का होता नहीं ठिकाना है। ©अनिल कसेर "उजाला" वक़्त का होता नहीं ठिकाना है।
वक़्त का होता नहीं ठिकाना है।
read moreneelu
White चक्रव्यूह चाहे चिंताओं का हो चक्रव्यूह चाहे विचारों का हो चक्रव्यूह चाहे किसी भी...बात का है अभिमन्यु की तरह चक्रव्यूह को तोड़ने का स1हस दिखाइए ©neelu #sad_quotes #बात का है
#sad_quotes #बात का है
read morePraveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी घट गयी ग्रोथ ,सदमे में रुपया है मेन्युफेक्चरिंग रसातल में गया डिमांडो पर महंगाई का कहर है हलाल जनता को कर गब्बर टेक्स का असर है थप थपाते पीठ बजट से अपनी आमजन के लिये ना कोई प्रबन्ध है सर चढ़ा के कम्पनियो को स्वाद अर्थव्यवस्था का बिगड़ रहा है आमजन की अनदेखी का खामियाजा देश को भुगतना पड़ रहा है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #Likho डिमांडो पर महंगाई का कहर है
#Likho डिमांडो पर महंगाई का कहर है
read moreनवनीत ठाकुर
White क्या कहें, ये दौर कितना बदल गया, हर इंसान अपने ही साए से जल गया। इज्जत अब बस नामों तक रह गई है, असलियत झूठ की चादर में ढह गई है। जो सपने कभी जमीर ने सजाए थे, अब दौलत की ठोकर से मिटाए गए हैं। हर ख्वाब जो आँखों में पलता था, उसकी कीमत सिक्कों में लिखी गई है। मगर ये सिलसिला ज्यादा नहीं चलेगा, हर झूठ का नकाब एक दिन गिरेगा। ईमान की चिंगारी फिर शोला बनेगी, और सच्चाई हर अंधेरे को जलेगी। ©नवनीत ठाकुर #ये दौर कितना बदल गया है
#ये दौर कितना बदल गया है
read moreਸੀਰਿਯਸ jatt
"बताओ कितना बुरा हाल है, जिसको प्यार की ज़रूरत होती है, उसको मिलता नहीं जिसको मिलता है उन मादरचोद लोगो को क़दर नही! "
read morePraveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी घुला जहर हवाओ में दिल दिल्ली का प्रदूषित है थम रही है सांसे इसकी धुंधलापन और जलन आँखों में है लाखो बहाने सरकारों पर है हर साल का वो ही रोना है चालान और जुर्माने बढ़ा देना ही शासन प्रशासन का आपदा को अवसर बनाना है टूट रहे है दिल दिल्ली वालों के रोग मुफ्त में बट रहे है दर्द अंग अंग में एलर्जी से शरीर कट रहे है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #InspireThroughWriting दिल दिल्ली का प्रदूषित है
#InspireThroughWriting दिल दिल्ली का प्रदूषित है
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