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# दहलीज़ पर कविता"

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White  दहलीज़ पर कविता"

बहुत पछताए ,घर की 
लांघ के "दहलीज़"हम लड़कपन में,

बड़ा भरोसा था जिनके वादे पे,
मौसम की तरह रंग बदल गए कुछ दिन में।

अनुजकुमार हेयय क्षत्रिय

© # दहलीज़ पर कविता"

Shailendra Anand

#GoodNight मोटिवेशनल कविता इन हिंदी मोटिवेशनल कोट्स फॉर स्टूडेंट्स मोटिवेशनल कोट्स इन हिंदी फॉर सक्सेस कवि शैलेंद्र आनंद

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White रचना दिनांक  22 जनवरी  2025,,
वार   बुधवार
समय  सुबह  छह  बजे
््भावचित्र ्
     ्््निज विचार ्
्््छाया चित्र में नीले अम्बर में एक सुन्दर छबि सुकुमार दृश्य विचार दृष्टिकोण में 
एक मानस को पढ़कर अभ्यास से संघर्षरत पुस्तक में 
रखी गई तस्वीर में नजर आते दिखाई दे रहा है ्््
शिक्षा दीक्षा संस्कार शिक्षण मानस में नजर आएंगे कथा और
कथानक में साहित्य और संस्कृति से कला और दर्शन में ,
एक सुन्दर सा जीवन फूलों से भी नाजुक सा जीवन सफल हो।
 जो भी व्यक्ति को राह दिखाने वाले इस संदेश में,,
 मन की सुन्दरता से ही आनंद दे सकता है, लेकिन इस बार
मैंने अपने आप में एक मनो दर्शन भावचित्र में उकेरते हुए,
 मन का स्व आन्दोलन से चेतना आ रही है।।
 प्रेम शब्द ही जिंदगी है। 
ऊं कार से  द्वन्द्वात्मकता रचित शब्द सूर में,,
 एकाकार हो प्यारा सा एकात्मकता समरुपता ऐकेश्वरवाद से सजाया गया  जिसे हम अनुसरण करें।।
 अंनत आख्यान संहिता दर्शन मन दर्पण प्रेम दर्शन करने वाले अच्छे लगते है ,
्भावचित्र ्
     ्निज विचार ्
          ्शीर्षक ्
     ्् ,,माया जींव अंश है ईश कृपा विधान से
        कर्म भूमि पर जातक कर्म विधान है
            मृत्यु      ् लोक में भ़मण करें
        दो शब्द से   ् लाचार है ््
,घर,आंगन, माया,गोचर,लग्न,
जेहि सब कुछ भाग्य सुफल मनोरथ,
 सिद्ध पूर्ण योग साधना प्रधान है ।1।
तपबल , ,बाहूबल साध्य साधक,
साधना प्रकृति से प्रेम करना ही जिंदगी है।2।
परम ब़म्ह कर्ममंत्र यंत्र देवत्व कलाओं से परिपूर्ण किर्ति से ,,
पूर्ण लोक योगसमाधि मोक्ष कारकं।3।
 दिव्य चक्षु से खुल गई ब़म्हाण्डभ़कूटि साध्य साधक साधना में ,
,गुरुणा ,करुणा, मंत्रणा ,,
सिद्ध मंत्र शक्ति ,दिव्यता ,कोटीश्यं नमन ।4।
दो शब्द है प्रेम ,भाव,जग,मग,माया,
सूर,नर,नाद,राग,लय, 
मैं स्वर सरस्वती पूत्र हूं।5। 
आनंद है मेरा काज है,,
 ऐं ध्वनि शंखनाद नाद से।6।
प्रेम शब्द से निकला जींव म्हारो,,
 प्राणतत्व ही पंचतत्व से बना।7।
 यह जग मग माया मोह ््मद का संसार है,,
अजीब गरीब और महान है,
 जो धरती पर साकार है ,,
और परलोक में निर्राकार है ।8।
      ्कवि शैलेंद्र आनंद ्
22 जनवरी 2025

©Shailendra Anand #GoodNight  मोटिवेशनल कविता इन हिंदी मोटिवेशनल कोट्स फॉर स्टूडेंट्स मोटिवेशनल कोट्स इन हिंदी फॉर सक्सेस
कवि शैलेंद्र आनंद

Kavi Himanshu Pandey

आनंद... #beingoriginal Hindi

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वक़्त आया है सुनहरा वर्षों बाद, प्यारे, खुशियाँ मनाओ, 
अभी ज़ख्मों को दे दो तिलांजलि, प्यारे, खुशियाँ मनाओ! 
..... Er. Himanshu Pandey

©Kavi Himanshu Pandey आनंद... #beingoriginal #NojotoHindi

Shailendra Anand

#love_shayari मोटिवेशनल कविता इन हिंदी Extraterrestrial life Entrance examination मोटिवेशनल कोट्स फॉर स्टूडेंट्स कवि शैलेंद्र आनंद

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White रचना दिनांक,25  12 2024,
वार,, बुधवार
समय सुबह पांच बजे
्भावचित्र ्
््निज विचार ्
््शीर्षक ््
््श्रद्धा से याद करते हैं
ईसा मसीह को क़िसमस, है
जन्म दिवसोत्सव ््
्मां मरियम जकारिया से सजाया है ईसा से मानव जीवन पर शांति और,
 अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने वाले ही समाज में सभ्यता को राह दिखाने वाले प्रभु यीशु ने ,,
स्वैच्छिक रूप से जीवन व्यतीत करने की शिक्षा दीक्षा देने वाले ज्ञान दर्शन का सृजन से हवा में उड़ रही रोग निवारण शक्ति पूंज से तमाम लोग की अदृश्य शक्ति दिव्यता से अपनी रूह से रूह में खोकर दर असल जिंदगी में मानवीय मूल्यों पर आधारित सेवा मानव धर्म का सार ही सुन्दर दर्शन करने वाले।। इंसान को पढ़कर अभ्यास से संघर्षरत अपनी जीवन यात्रा में संघर्ष रत हो कर अन्याय के खिलाफ अपने प्राण त्याग कर देने वाले ईसा मसीह ने पहले इन्सान को इन्सान बनाया है,,
सच तो सच ईमान से जन्मा आत्म मंथन ,चिन्तन मनन विचार दर्शन,
सकल जगत व्यक्त आस्था प्रकट विमर्श से जन्मा आत्म मंथन चिन्तन वार्ता से है ,,।।
जो धरती पर साकार लोक में अमृत कलश जो मानवता पर कल्याण किया गया है ,,
ईश प्रेयर करते हुए प्रोटेस्टेंट और कैथोलिक ईसाई पादरी चर्च में प्रेयर करते हुए,
 जीवन मुल्यो का सार आदर्श जन जीवन में उनके मुल्यो का सार सेवा मानव धर्म कर्म है।।
जिन्होंने अपने विचार के लिए सम्पूर्ण विश्व में एकमात्र उपाय से,
 शोषण अन्याय दूंष्चक़ से किसी भी इन्सानी हक को छीनने वाले को,
 मानवता के खिलाफ आचरण करने वाले इस पैगाम के लिए खिलाफ संघर्षरत रहे।।
यही सही और सटीक कल्पना ही जिंदगी में ,
ईसा मसीह ने ईश्वर सत्य और असत्य के लिए एक आदर्श स्थान पर जिंदगी को बेहतर तरीके से,
 जीवन व्यतीत करने वाले अच्छे ख्यालात रहे ।।
यही शुभकामना संदेश क़िसमस पर्व हर्षोल्लास से मनाया जाय 2024,
््््कवि््शैलेन्द़ आनंद ्
25  दिसम्बर 2024,

©Shailendra Anand #love_shayari  मोटिवेशनल कविता इन हिंदी Extraterrestrial life Entrance examination मोटिवेशनल कोट्स फॉर स्टूडेंट्स
       कवि शैलेंद्र आनंद

Eshwari

#मरण एक आनंद

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White प्राण गेल्यावरही "नेत्र" चार तास जिवंत असतात
 या चार तासात आपल्या माणसांची वागणूक पाहून 
प्राणशून्य  देहाला "मरण" म्हणजे 
खुप  मोठं गिफ्ट वाटत असेल.....

            ईश्वरी

©Eshwari #मरण एक आनंद

Shailendra Anand

#Sad_Status success मोटिवेशनल कोट्स मोटिवेशनल कविता इन हिंदी मोटिवेशनल कोट्स फॉर स्टूडेंट्स कवि शैलेंद्र आनंद

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White रचना दिनांक,22,1,दिसंबर 2024
वार   रविवार 
समय सुबह पांच बजे
्््शीर्षक ््
्््अल्फाज़ ए शायरा ््
       ् निज विचार ्
         ् भावचित्र ्
            ््शीर्षक ््
््,,मैं अक्सर तुम्हारे प्रेम को,,
अपने शब्दों में पिरो लेती हूं ््
आयना साफ़ कर देख रही हूं,,
 तुम उठाओ कलम मेरी अभिव्यक्ति से,।1।
 वो पाठकनामा से अपनी रूह में,,
एक नई प्रेम कहानी लिखना है।।2।
 जो घर आंगन में आंखें खोल कर देखें तो,,
 दुनिया कहेगी मैं जिंदगी की,
 नई वीरांगना प्रेम रस की शब्द कुमारी।।3।।
 इस दिल की, जो नवपीढियो में ,,
एक अलख जगाने वाली वो लफ्जो से ,
शौर्य साहस से लडने वाली अग्नि परीक्षा हूं।4
।अपने विचार कर्म प्रेम शब्द की शब्दावली में ,
अमर प्रेम की शाश्वत सत्यता की शब्दमाला बन जाऊंगी।।5।।
 और तेरे ख्यालों में खोया हुआ आनंद मस्ती ,
छाई हुई मैं फिर खुशियों को लेकर आऊंगी।।6।। 
                ्््कवि शैलेंद्र आनंद ्््

©Shailendra Anand #Sad_Status  success मोटिवेशनल कोट्स मोटिवेशनल कविता इन हिंदी मोटिवेशनल कोट्स फॉर स्टूडेंट्स
  कवि शैलेंद्र आनंद

Shailendra Anand

#traveling शायरी मोटिवेशनल मोटिवेशनल कविता इन हिंदी मोटिवेशनल कोट्स फॉर स्टूडेंट्स कवि शैलेंद्र आनंद

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Unsplash रचना दिनांक 16,,12,,,2024
वार,, सोमवार
समय सुबह छह बजे
्निज विचार ्
्भाव चित्र ्
्शीर्षक ्
्््््चरित्र और नैतिकता में मानसिक रूप और आकार प्रकार निराकार साकार रूप में एक स्वर में प्रेम गान शून्य का आयना नज़रिया सहज महज़ प्रेम और बिछोह में ,
संस्कार परिवार और क्षैत्रपाल चरित्र का स्वरूप ही जिंदगी का आदेश आनंद ही शुन्य है ्््
्््््््
नगर महानगर महलों में रहने वाले शहरों में बसने वाले अत्याआधुनिकता के दौरान,,
 कही न कहीं हम दिलों से मन से स्वार्थ से ऊपर सोच भी नहीं पाते है,,
यह कहना मुश्किल है कौन कितना जवाबदेही है और कौन किसके साथ है आत्मप्रेम आत्मसात आत्माएं सदैव रोती है बड़ी मुश्किल विडम्बनाएं होती है जो धरती पर एक दूसरे से अलग अलग गुणों से भरपूर तरीको से जन्मा विचार सच में ही अन्याय और अत्याचार की पराकाष्ठा को स्पर्श करने को परखना तन मन से नहीं बल्कि आत्मिक सुख और आनंद से सवाल जवाब अपने आप से गुफ्तगू करते हुए मैंने मेरे अपने बचपन से सवाल जवाब और न्याय और अन्याय और अपने चरित्र का आकलन किया गया ईश्वर साक्षी है।।
मैं कहां गुनाहगार हूं।।
कंपनी आत्मपीड़ा अपने कर्म कर्तव्य में असफल रहा हूं मैं जिंदगी सबसे असफल हर क्षण हर रिश्ते के प्रति जागरूक नहीं रहा हूं,,
इसे मेरी मज़बूरी हालात की कमजोरियां उजागर हो या फिर मेरे नसीब का खैला है।।
जो आज इन्सान की कोख में जन्म मृत्यु का नासूर बन गया एक सवाल बन गया आज मैं हर रिश्ते में तब्दील हो गया सिर्फ सिर्फ शून्य हूं।।
मैं मानता हूं मेरा प्रारंभ भी इन्सानी मानस रंजन से हिन्दूस्तानी रुप में शुन्य है, 
और मेरा अंतिम सांस तक चलायमान प्राणतत्व सेवैदोक्तमंत्र से,
 भी वह स्वर पुकार नाद प्रेम शब्द आनंद भी ,,
इन्सानी मानस कर्म भूमि पर जातक मृतक प्रथमंअमुकंप्रेतस्य,
 पिण्डदानंतीनशौडषी विधानं से जन्मा विचार भी शुन्य ही आनंद है।।
मेरे मित्र मेरे लिए मेरे प्रत्येक रिश्ते की बारिकियों में हर पल हर सवाल उठाने वाले मेरे लिए वह अपने नजरिए से बिल्कुल सही रहे होंगे,,
 लेकिन यह अंततः सही हो यह भी मन का ख्याली पुलाव हो सकता है,
 लेकिन इस बात पर जिंदगी के उतार चढ़ाव पर ख्यालात जो लिखा गया है,
 मेरे जैसे असंख्य लोगों में यह परिस्थिति रही होगी क्योंकि धड़कनों में गुंथी हुई।।
 घटनाओं से भरा हुआ यह जीवन चला चली मैला है लेकिन मृत्युलोक में कर्मलीला कर्मशील ,
नायक ने अपना लेखाजौखा चित्रगुप्त जी के समक्ष प्रस्तुत उपस्थिति जनमानस में अपना अभिमत शेष जीवन का यह अवशेष लिखा है अब तक का रचनात्मक कार्यों में रचनाकार अपनी स्वयं की आत्म कथा साहित्य कथन सच्चाई लिख कर देख रहा हूं खुद से खूद सवाल उठाने और सच्चाई का आयना आप सभी धर्मों के लोग और जनमानस में एकात्मकता समरुपता और मुमकिन प्रयास करें जनसेवा से जरुरी है आत्मकर्म जो कभी दुखी और सुखी नहीं बना सकता है।।
यह कहना कि किसी को किसी के व्दारा चरित्र प्रमाण पत्र देना जल्दबाजी हो सकता है,
 लेकिन सच्चाई नही हो सकती है।।
्््््कवि शैलेंद्र आनंद ््
16,, दिसंबर 2024

©Shailendra Anand #traveling  शायरी मोटिवेशनल मोटिवेशनल कविता इन हिंदी मोटिवेशनल कोट्स फॉर स्टूडेंट्स
कवि शैलेंद्र आनंद

Shailendra Anand

#leafbook मोटिवेशनल कविता इन हिंदी मोटिवेशनल कोट्स फॉर स्टूडेंट्स कवि शैलेंद्र आनंद

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Unsplash रचना दिनांक 15,, दिसंबर 2024
वार रविवार
समय सुबह चार बजे
्निज विचार ्
्भाव चित्र ्
््चरित्र और नैतिकता और रिश्ते के दम तोड़ती सांसें तेज चीख निकल गई तस्वीर ही बदल गई रिश्ते की गहराईयों से जन्मा विचार सच है ््
््रचना संवरचनाकी धर्मी नाडी निर्माण खुदाई कार्य से जुड़े हुए ,
,,जीवन में एक जीवंत भुमिका निभाई जाना चाहिए ,,
वह अदभुत अनुकरणीय उदाहरण ग्यारटी चरित्र पल अनमोल विचार प्रवाह प्यार प्रेम शब्द घटनाओं से अवगत होकर दम तोड़ती सांसें तेज होने पर जिंदगी में चीख निकल पड़ी बन गई ।।
व्यक्तित्व पर कटाक्ष करते हुए जीवन में कई  रिश्ते बोध बोने साबित हो जाते है,,
इन दोनों को परखना तन मन से धन संपत्ति में वृद्धि दम तोड़ती धृष्ट़राष्ट़ प्रवृत्ति का स्वरूप का जिम्मेदार कौन,,
 एक बाप या जिसके कारण वह व्यवहार किया गया,,
 वह अपने कर्म से जीवन व्यतीत करने में जो व्यवहार किया गया है।।
उसके लिए वह कहां तक जिम्मेदार है ््,,
यह कहना नाइन्साफी होगी क्योंकि यह मनोभाव की उत्पत्ति हुई तर्कसंगत नहीं है,,
 क्योंकि उसके जिम्मेदार वह रिश्ता जो सदेव रिश्ते के साथ शोषण करता रहा,
 और उन दोनों रिश्ते को खोखला बनाता रहा है।।
और उम्मीद करता है वह अपनी पद गरिमा शिष्टाचार सिखाता है ,सच्चा पाठ पढाता है,,
वह दीर्घकालिक प्रभाव से बुनियादी ढांचे पर आधारित ख्यालात पर खुद अंदाजा लगाय के ,
मैं स्वयं इस व्यूह से पांडव से अपनी रूह में खोकर सपनो में खो कर प्यार करने वाले ,
अच्छे ख्यालात से अपनी रीति नीति नियत परिधि समय कुटनीति से ,
मान अपमान का जहरीले फफोले छाले ठीक हरे मटर के भांति संसार जगत में ,
जीव जीवन में आपका अपना खुद का आयना नजरिया साक्षात्कार है।।।
। दुसरे पर उंगलियां उठाने वाले को यह जरुर ध्यान रखना चाहिए एक उंगली उठाते वाले तीन उंगलियां स्वयं की ओर खडी भविष्य की सच्चाई ओर देखती गहरी सच्चाई है।। 
कहने का आशय यह है कि आपके व्यवहार से जन्मा विचार ही अमृत कोष है,
 या फिर विष का प्याला पी जानेवाली सड़क छाप शब्दावली समय समय पर चित्त उत्तेजना और आक्रामकता घटी दबाव बनाया जाय,
 तो मस्तिष्क में मानसिक सम्प्रेषण तनाव से,
 युक्त कर्म अपना आपा खो कर अपनी मर्यादा तोडता पंगु नज़र आ रहा है,,
चरित्रवान व्यक्ति चरित्र पल अनमोल विचार प्रवाह प्यार करने वाले से सवाल जवाब बन गया है,,
यह कहना मुश्किल है क्योंकि दुनिया सुनती हैं आनेवाली पीढ़ी को संस्कारवान बनाना चाहते हो
 पहले इन्सान खुद अपने को सुधारने का प्रयास करें।।
यही सही चरित्र पल की चीख निकल पड़ी यह पसंद है आपकी अपनी ्््
्््््कवि शैलेंद्र आनंद ्
15, दिसंबर। 2024,













के रचनाकार

©Shailendra Anand #leafbook  मोटिवेशनल कविता इन हिंदी मोटिवेशनल कोट्स फॉर स्टूडेंट्स
कवि शैलेंद्र आनंद

Writer Mamta Ambedkar

#Romantic मोटिवेशनल कविता इन हिंदी मोटिवेशनल कोट्स समस्याओं पर

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White इंसान दो जगह हमेशा  हार जाता है

इंसान दो जगह हमेशा हार जाता है,
जहाँ दिल का रिश्ता गहरा हो जाता है।

एक वो जगह, जहाँ प्यार बसा होता है,
दूसरी, जहाँ परिवार का साया होता है।

प्यार में हार, मगर जीत सी लगती है,
आँखों में आँसू, पर खुशी छलकती है।

दिल देता है सब कुछ बिना हिसाब के,
चाहत की ये डोर, कभी न टूटने वाले ख्वाब के।

परिवार में हार, समर्पण कहलाता है,
हर त्याग में स्नेह छिपा नज़र आता है।

अपनों की खुशी में अपनी खुशी पाता है,
हर मुश्किल में साथ, बस वही साथ निभाता है।

दोनों हारें हैं, पर दिल से स्वीकार हैं,
प्यार और परिवार, जीवन के आधार हैं।

इन्हीं में बसी है जीवन की मिठास,
इन्हीं के बिना अधूरी है हर सांस।

इसलिए इंसान यहाँ हारने से डरता नहीं,
क्योंकि ये हार ही असली जीत कही जाती है।

©Writer Mamta Ambedkar #Romantic  मोटिवेशनल कविता इन हिंदी मोटिवेशनल कोट्स समस्याओं पर

Shailendra Anand

मोटिवेशनल कोट्स समस्याओं पर कवि शैलेंद्र आनंद

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रचना दिनांक,1, दिसंबर 2024,,
वार  रविवार
समय सुबह पांच बजे
्््भावचित्र ््
््निज विचार ््
््शीर्षक ््
्््आंतकवाद क्या है और वह किस अंन्दाज में फलता फूलता है,,
उस पर देश और दुनिया भर में एक अंकूश बहुत जरूरी प्रयास होना ,
मानव सभ्यता संस्कृति के लिए सम्पूर्ण विश्व में सबसे अधिक प्रभावित करती है 
निजविचार  ्््््् 
प्रिय मित्र,,
सादर वन्दे,
आंतकवाद किसे कहते हैं ््
आतंक से आत्ममंथन तक सामान्य रूप से जोअपराध  अपराधी के चाल चरित्र से जो चौकस रहते मुस्तैद होकर लक्ष्य विद्रोह ,खौफ, भय, दहशत, मानव जीवन में जिसने भी फैलाया उसका तात्कालिक मकसद अराजकता और दमनकारी और अपने धर्म और नीति नियत पर अक़ामकता से घात प्रतिघात संघर्ष का रुप धारण जिस किसी का विरोध करने वाले राजसत्ता विरोध ही जनमानस में खतरा बन जाना ही आतंकवाद कहते हैं ।।
जो उस अपराध में डुबता है वह आतंकवादी कहलाता है ।।
अपराधी सिर्फ अपराधी होता है।।
माना कि एक वर्ग विशेष समुह के लोग अधिकांश देश भक्त होते हैं।।
ठीक विपरीत एक वर्ग विशेष समुह समाज का के लोग विश्व में अधिकांश साम्यवादी विचारधारा आक़ोश खौफ दहशत के साथ और समर्पित होकर अपने 
कर्म लक्ष्य पर मर मिट जाता है।। यही जस्बा विद्रोह बन जाता है।।
वही आगे चलकर अफगानिस्तान में शासक वर्ग बनकर राष्ट्र संघ द्वारा आयोजित देश का अंग बन जाता है।।्््
््््््निजविचार ्््
्््
 यह प्रक्रियाओं से जन्मा विचार सच में एक त्रासदी है ्

््कवि शैलेंद्र आनंद ््
1, दिसंबर 2024






कवि शैलेंद्र आनंद,,
1,, दिसंबर 2024,,

©Shailendra Anand  मोटिवेशनल कोट्स समस्याओं पर
      कवि शैलेंद्र आनंद
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