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Urmeela Raikwar (parihar)
White देखों ना तुम्हारे प्रेम ने मुझे कहा ला दिया, ना आगे जा सकती, ना वापस आ सकती. wrote by Urmee ki Diary ©Urmeela Raikwar (parihar) #sad_qoute देखो ना?
#sad_qoute देखो ना?
read moreamar gupta
White मैं तो तेरे प्रेम मे डुबा हुआ हूँ , मेरी तो अब बुद्धि भी काम नही करती हैं ... तू समझदार है ना, तू ही बता ना मुझे क्या करना है ? अगर मैं और मेरा साथ तुझे अब पसंद नही तो, आजाद कर दे ना मुझे अपनी आंखो से , क्यू तुने मुझे उनमे उलझाये रखा है ।।। ©amar gupta #आजाद कर दे ना...
#आजाद कर दे ना...
read moreUrmeela Raikwar (parihar)
White रोशनी भी कम होने लगी, पर देख अब आस और बड़ने लगी, ये रोशनी फिर आएगी, तुम भी लौट आओगे ना? wrote by Urmee ki Diary ©Urmeela Raikwar (parihar) #sad_quotes लौट आओगे ना?
#sad_quotes लौट आओगे ना?
read moreUrmeela Raikwar (parihar)
White तुम ना सही अब खुद को ही सुन लेती हूँ wrote by Urmee ki Diary ©Urmeela Raikwar (parihar) #good_night तुम ना सही
#good_night तुम ना सही
read moreAdv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)
White हर दिल में छुपा कोई राज़ है न साहिब सबके जीने का अपना अंदाज है न साहिब..! हुकूमतें आई हैं तो जायेंगी भी एक दिन किसके सर रहा हर वक़्त ताज है न साहिब..! अच्छा बुरा वक़्त नहीं इंसान हुआ करते हैं वही तो कल था वही तो आज है न साहिब..! बदल जाना कोई बुरी बात भी तो नहीं सुबह आफ़ताब रात में महताब है न साहिब..! एक की ख़ुशी दूसरे का ग़म ही तो कहा जाये एक को माने तो दूजा नाराज है न साहिब..! इतनी बड़ी ज़िंदगी कहीं तो फिसला होगा इंसानी दामन में कहीं तो दाग़ है न साहिब..! बदलेगी दुनिया और भी जाने क्या होगा किसे फ़िक्र कि अभी तो आगाज है न साहिब..! ग़ुमाँ किस किस का किया जाये हैरत बड़ी है जब ज़िंदगी ही अपनी दगाबाज है न साहिब..! ©अज्ञात #है ना साहिब
#है ना साहिब
read moreRAVI PRAKASH
White कमाल है ना.... " आंखे तालाब नहीं फिर भी भर आती है, दिल कांच नहीं फिर भी टूट जाता है, और इंसान मौसम नहीं फिर भी बदल जाता है .... ©RAVI PRAKASH #sad_quotes कमाल है ना....
#sad_quotes कमाल है ना....
read moreRAMLALIT NIRALA
White बचपन की याद कभी हस के कभी रोके समय बितावत रहै चार दोस्त के साथ खेत खलिहान पोखरे मे नहावत रहै ऊ नहर के पानी बचपन के रवानी ना भुल पाईब कबो माई त कबो दादी हमरा के खोजे आवत रहै बचपन के खेल खोखो बसईया कबडी गुल्ली डंडा लुकाछिपी लखनी के लाख गोड कबो ऊपर त कबो नीचे आवत रहै अबत खेल जवानी के पलपल चिंता सतावत रहै अब त बचपन के बतीया जवानी में याद आवत रहै ©RAMLALIT NIRALA बचपन के याद आओ मील कर ताजा करे
बचपन के याद आओ मील कर ताजा करे
read moreRadhe Radhe
White पढ़ाई के अंतिम दिनों में मोहब्बत हमें भी हुई थी पहली मुलाकात टकरार में हुई थी जिम्मेदारी तले ऐसे दबे कि इंज्हार ना कर सके समझदारी का भूत चढ़ा कि आज तक बता ना सके। ©Radhe Radhe बता भी ना सके
बता भी ना सके
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