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Deepak Kumar 'Deep'
एक शायर की नजर में पाँच किस्म के शेर होते हैं _ एक वो जो जंगल में रहते हैं अपनी बादशाहत साबित करने के लिए शिकार करके अपनी दहशत फैलते हैं, दूसरे हैं कागजी शेर जो घर बैठे लिख तो सकते हैं पर अपनी बात नहीं रख सकते तीसरे वो जो घर में तो शेर हैं, मुश्किल वक़्त में ढ़ेर हो जाते हैं चौथे वो जो आपके घरों में खा कर पीठ पीछे आपकी ही बातें करते है पाँचवें वो जो रहते तो शांत हैं पर जरूरत पड़ने पर दहाड़ते भी हैं और अपनी ताकत का लोहा भी मनवाते हैं ©Deepak Kumar 'Deep' #panch sher
Deepak Kumar 'Deep'
एक शायर की नजर में पाँच किस्म के शेर होते हैं _ एक वो जो जंगल में रहते हैं अपनी बादशाहत साबित करने के लिए शिकार करके अपनी दहशत फैलते हैं, दूसरे हैं कागजी शेर जो घर बैठे लिख तो सकते हैं पर अपनी बात नहीं रख सकते तीसरे वो जो घर में तो शेर हैं, मुश्किल वक़्त में ढ़ेर हो जाते हैं चौथे वो जो आपके घरों में खा कर पीठ पीछे आपकी ही बातें करते है पाँचवें वो जो रहते तो शांत हैं पर जरूरत पड़ने पर दहाड़ते भी हैं और अपनी ताकत का लोहा भी मनवाते हैं ©Deepak Kumar 'Deep' #panch sher
Deepak Kumar 'Deep'
एक शायर की नजर में चार किस्म के शेर होते हैं _ एक वो जो जंगल में रहते हैं अपनी बादशाहत साबित करने के लिए शिकार करके अपनी दहशत फैलते हैं, दूसरे हैं कागजी शेर जो घर बैठे लिख तो सकते हैं पर अपनी बात नहीं रख सकते तीसरे वो जो घर में तो शेर हैं, मुश्किल वक़्त में ढ़ेर हो जाते हैं चौथे वो जो रहते तो शांत हैं पर जरूरत पड़ने पर दहाड़ते भी हैं और अपनी ताकत का लोहा भी मनवाते हैं ©Deepak Kumar 'Deep' #sher
Deepak Kumar 'Deep'
एक शायर की नजर में चार किस्म के शेर होते हैं _ एक वो जो जंगल में रहते हैं अपनी बादशाहत साबित करने के लिए शिकार करके अपनी दहशत फैलते हैं, दूसरे हैं कागजी शेर जो घर बैठे लिख तो सकते हैं पर अपनी बात नहीं रख सकते तीसरे वो जो घर में तो शेर हैं, मुश्किल वक़्त में ढ़ेर हो जाते हैं चौथे वो जो रहते तो शांत हैं पर जरूरत पड़ने पर दहाड़ते भी हैं और अपनी ताकत का लोहा भी मनवाते हैं ©Deepak Kumar 'Deep' #sher
Izrail
शेर खुद अपनी ताकत से राजा कहलाता है, जंगल में कभी चुनाव नही होते... ©Izrail #sher
Mr Nikku
Uske hathon mein Jo khanjar hai vah jyada tej hai aur FIR Bachpan se Hi uska nishana tej hai jab kabhi use paar jaane Ka khyal aata mujhe koi aahista se kahta tha ki dariya Tej Aaj Milana tha bichhad jaane Ki niyat se hamen Aaj Bhi vah der se pahuncha hai Kitna tej hai apna sab kuchh har Ke Laut aaye ho na mere pass main tumhen kahta Bhi rahata tha Ki duniya tej ha ©Mr Nikku tehzeeb hafi