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Pravin Mishra
White yaha taklif bhi hai our shor bhi mujhme himmat bhi hai hun kamjor bhi aise toh tum mujhe kho dogi tumhe mai bhi chahiye? our fir koi our bhi..... *___💔💔🖤❤🔥 ©Pravin Mishra #love_shayari pyari मोहब्बत के लिए...
#love_shayari pyari मोहब्बत के लिए...
read moreAbhi
Unsplash ये सातों जन्म का साथ है इसे हम नहीं तोड़ेंगे तूने भलाई छोड़ दिया हो हमें हम तुझे नहीं छोड़ेंगे। ©Abhi #lovelife शायरी मोहब्बत के लिए
#lovelife शायरी मोहब्बत के लिए
read morePraveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी अंधो को भी सुबह का एहसास हो अंतिम छोर तक हर्षोउल्लास हो गैर बराबरी शिक्षा से मिटे सबको जीने का एक सा अधिकार हो हुनर पनपे सभी प्रतिभा का सम्मान हो मगर गला काट कर, मर्यादा भंग दायरे के बहार प्रशासन के सब अंग अनैतिकता के दिखते सियासती रंग नही बचा अब जनता पर जीने का ढंग मायूसी से चेहरे बिगड़ रहे है रोजगार व्यापार मेहनत का फल नही दे रहे है अराजकता की पीके भंग लूट पाट के दिखते सत्ताओ के ढंग प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #love_shayari मायूसी से चेहरे के रंग बिगड़ रहे है
#love_shayari मायूसी से चेहरे के रंग बिगड़ रहे है
read moreRahul Varsatiy Parmar
सुबह के 5 बज चुके है तो जमाने ए बंदिश खैर एक खयाल एक गजल देखिए रातों की नींद से (अदावत/ दुश्मनी) हो गई है हमे भी ज़माने के रिवाजों से (कदूरत/ नफरत) हो गई है ज़माने- ए- बंदिश में कैद है (आबरू/ इज्जत) ) हमारी अब खुद को ही खामोश कर रही है खामोशी हमारी (मशगूल-ए- महफिल /मिलना जुलना) नही है रही अब फितरत हमारी मशरूफ-ए-बेरुखी जिंदगी खुद से हमारी हिदायत-ए -दिल है की मुखातिब हो ज़माने से क्यों हया-ए- आबरू खौफ से गुजरे जिंदगी हमारी (मशरूफ/व्यस्त,) (बेरुखी/नाराजगी,)( हिदायत/ सलाह ,) (मुखातिब/ सामना,) (हया ए आबरू/ शर्म) ,(खौफ/ डर) इस गजल का सीधा सा मतलब है 4 लोगो क्या कहेंगे इसे बेफिकर होकर जियो निर्मला पुत्र सिद्धांत परमार ©Rahul Varsatiy Parmar #foryoupapa जिंदगी खुद के लिए जियो समाज के लिए नही #
#foryoupapa जिंदगी खुद के लिए जियो समाज के लिए नही #
read moreनवनीत ठाकुर
जो राह में मिला था साथ कभी, वक्त के हाथों फिसल गया। दर्द छुपाने की कोशिश में, चेहरे पर निशां बना।। जो वक़्त की धारा में खो गए, वो लम्हे बस एक ख़्वाब बने। दिल में छुपा है दर्द पुराना, वो शब्दों में ढल कर अब जुबान बने।। ©नवनीत ठाकुर #चेहरे पर निशान बने
#चेहरे पर निशान बने
read moreहिमांशु Kulshreshtha
हर चेहरे के पीछे एक और चेहरा हो गया है क्या दौर आ गया है दोस्तों.... जब कोई छिपा रहा है दर्द अपना तो कोई अपनी फ़ितरत छिपा रहा है ©हिमांशु Kulshreshtha हर चेहरे के पीछे..
हर चेहरे के पीछे..
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