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Arpit Gupta
White जिस धर्म में मेहनत करने वालों को अछूत माना जाता है और मुफ्त में खाने वालों को श्रेष्ठ माना जाता उसे धर्म में कभी भी एकता नहीं हो सकती अज्ञात' तर्कशील' अड्डा' ©Arpit Gupta मुझे आज का सुविचार है
मुझे आज का सुविचार है
read moreshayrana baba
एक् मुह्बब्त् मे लाचार् लडका अपना अन्तिम् सन्स्कार् करवा बैठा ©shayrana baba आशिकी का हारा
आशिकी का हारा #SAD
read moreअमित कुमार
White स्वाभिमान से भी ज्यादा जो पैसों को गले लगायेगा वो अधम जीते जी हीं नर्क में खुद को ले जायेगा। ऐसे भी कर्म का कीमत लगाया जा सकता है पर किसी के भरोसे का कीमत भला कौन लगायेगा।। ©अमित कुमार आज का दौड़
आज का दौड़ #शायरी
read moreKuldeep kushwaha
White हंसते हुए चैहरे पर आजाती है अचानक बेखैयाली । मोहब्बत के शहर में हर किसी का गुजारा थोड़ई है।। ©Kuldeep kushwaha आशिकी
आशिकी #शायरी
read moreAnju
भाई हो या बहन कोई इस कलयुग में शामिल नहीं होता वो इइंसानियत ही निभा दे वही भाई और बहन का साथ कहाँ जाता है। ©Anju सच आज का
सच आज का #Motivational
read moreSharif Shaikh
White मै हुं आशिक, मेरा हर अंदाज है निराला. जिन हादसो से, लोग डरते है. ऊन्ही हादसोने, मुझे है पाला. ©Sharif Shaikh #love_shayari आशिकी
#love_shayari आशिकी #शायरी
read moreSharvan Kumar
White 🙏वह काम भी किया जिसकाम में नींद भूख और प्यास किसी काम में इतना को जो की नींद भूख प्यास पता ही ना चले 🙏 ©Sharvan Kumar #Free आज का मोटिवेशनल सुविचार
#Free आज का मोटिवेशनल सुविचार #Motivational
read moreK L MAHOBIA
सुन तिहारे रोज़ झांसे में नहीं आएंगे। मत पुकारों लोग फांसे में नहीं आएंगे। नार रखते और होंगे द्यूत क्रीड़ा खेलने, हम बिसातों और पांसे में नहीं आएंगे। गम बुरा है रोग का छुपता नहीं छुपाने से, दिल बुझा रम जान रासे में नहीं आएंगे। उड़ गई रंगत बुझा चहरा तिरी चाहत में, इश्क में मर कर दिलासे में नहीं आएंगे। ओढ़ चादर सो गया वो आप गुमनामी में। छुप गया फिर हम जगाने नहीं आएंगे। ✍️के एल महोबिया ©K L MAHOBIA #आशिकी में :- के एल महोबिया
K L MAHOBIA
मेरी महकती सांसों में तुझको बसा लूंगा। कितना भी बचो खुद से मैं अपना बना लूंगा। मुझसे छुपा ओ कितना मैं तुझको चुरा लूंगा। तेरी महक उड़ती नभ में अपना खुदा लूंगा। देखो तड़प मेरी सपनों में आ मिलो खुद ही तेरी कसम से मैं खुद से सपना भुना लूंगा। तोड़ेंगे कसम फिर वो हम आके मिले दिल से मेरी धडकनों में फिर मैं तुझको सज़ा लूंगा। मौके की नजाकत को तुम समझो अभी जाने तेरी महक खुशबू को इक सपना बना लूंगा। वैसे सबक देना तुमको चढ़ता नशा दिन का मेरे सनम तुमको दिल से अपना दुआ लूंगा। तेरी चमक होगी महफ़िल में फिर नज़ारे की तेरी महक को दिल में ले नगमा सज़ा लूंगा। के एल महोबिया ©K L MAHOBIA #आशिकी :- के एल महोबिया