Nojoto: Largest Storytelling Platform

New गोवर्धन घी प्राइस Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about गोवर्धन घी प्राइस from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, गोवर्धन घी प्राइस.

    LatestPopularVideo

MAHENDRA SINGH PRAKHAR

चौपाई छन्द :- जीवन की सच्चाई देखी । जब करके अच्छाई देखी ।। राम कहाँ हम बन पायेंगे । साथ न तेरे चल पायेंगे ।। भरा पेट क्या भरत राज में । रहते #कविता

read more
चौपाई छन्द :-
जीवन की सच्चाई देखी । जब करके अच्छाई देखी ।।
राम कहाँ हम बन पायेंगे । साथ न तेरे चल पायेंगे ।।
भरा पेट क्या भरत राज में । रहते हम भी उस समाज में ।।
हजम नहीं वह घी कर पाते । छीन निवाले जो है खाते ।।
मंदिर-मंदिर करके रोये । पाये तो सीढ़ी पे सोये ।।
चुनकर उनको तुम रखवाला । कर बैठे अपना मुँह काला ।
मार ठहाका जो हैं हँसते । काटें में मछली हैं फँसते ।।
देख खुशी ऐसे हर्षाने , स्वयं न छवि अपनी पहचाने ।।
अच्छी सीख अवध ने दी है । भूलूं न मैं भीख में दी है ।।
शीश नवाता अवध भूमि को ।  करना चाहूँ नमन भूमि को ।।
पुनः लौट जो अवसर आये । तट सरयू दर्शन हम पाये ।।
हनुमत खड़े रहे बन प्रहरी । हर इच्छा जो हरि की ठहरी ।।
मैं मानूँ सब हरि की माया । हर काया में उनकी छाया ।।
मिला प्रसाद हमें प्रभु दर से । पुनः शुरूआत उसी घर से ।।
भूल क्षमा हो रघुवर मेरे । दूर करो ये आज अँधेरे ।।
तुम ही हो इस जग के स्वामी । माने तुमको अन्तरयामी ।।
राम कहाँ कुछ उनके लगते । जो मन चाहे बकते रहते ।।
हमने रघुवर को सब माना । महल बने था दिल में ठाना ।।
महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR चौपाई छन्द :-
जीवन की सच्चाई देखी । जब करके अच्छाई देखी ।।
राम कहाँ हम बन पायेंगे । साथ न तेरे चल पायेंगे ।।
भरा पेट क्या भरत राज में । रहते

healthdoj

तेल और घी की चिकनाहट वाली चीज खाने के बाद कभी भी...? . . . #Trending #trendingreels #healthcoach #Health #Healthy Share With Ur Friends Fol #hunarbaaz

read more

Shivkumar

Sundar Mohan Marndi

गोवर्धन पर्वत की कहानी🔱🕉 #short #treanding #viral #motivate #Krishna #Motivational

read more

bhim ka लाडला official

गोबर में कितना भी घी शक्कर मिला लो वह हलवा नहीं बन सकता, अंध भक्तों को कितना भी समझओ वह इंसान नहीं बन सकता..😂🤣 #कॉमेडी

read more

MAHENDRA SINGH PRAKHAR

ग़ज़ल :- घर में ही पुन्य कमाने के लिए रहता हूँ । माँ के मैं पाँव दबाने के लिए रहता हूँ ।। दुश्मनी दिल से मिटाने के लिए रहता हूँ । धूल में फूल #शायरी

read more
ग़ज़ल :-
घर में ही पुन्य कमाने के लिए रहता हूँ ।
माँ के मैं पाँव दबाने के लिए रहता हूँ ।।

दुश्मनी दिल से मिटाने के लिए रहता हूँ ।
धूल में फूल खिलाने के लिए रहता हूँ ।।

शहर में मैं नही जाता कमाने को पैसे ।
हाथ बापू का  बटाने के लिए रहता हूँ ।।

जानता हूँ दूरियों से खत्म होगें रिश्ते ।
मैं उन्हें आज बचाने के लिए रहता हूँ ।।

हर जगह जल रहे देखो आस्था के दीपक ।
मैं उन्हीं में घी बढ़ाने के लिए रहता हूँ ।।

कितने कमजोर हुए हैं आजकल के रिश्ते ।
उनको आईना दिखाने के लिए रहता हूँ ।।

कुछ न मिलता है प्रखर आज यहाँ पे हमको ।
फिर भी इनको मैं हँसाने के लिए रहता हूँ ।
११/०३/२०२४    -    महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :-
घर में ही पुन्य कमाने के लिए रहता हूँ ।
माँ के मैं पाँव दबाने के लिए रहता हूँ ।।

दुश्मनी दिल से मिटाने के लिए रहता हूँ ।
धूल में फूल
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile