Nojoto: Largest Storytelling Platform

New ईश्वरः सर्वभूतानां हृद्देशेऽर्जुन तिष्ठति Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about ईश्वरः सर्वभूतानां हृद्देशेऽर्जुन तिष्ठति from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, ईश्वरः सर्वभूतानां हृद्देशेऽर्जुन तिष्ठति.

    PopularLatestVideo

Shravan Goud

सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम्। उज्जयिन्यां महाकालमोङ्कारममलेश्वरम्॥ परल्यां वैद्यनाथं च डाकिन्यां भीमशङ्करम्। सेतुबन्धे तु रा

read more
सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम्।
उज्जयिन्यां महाकालमोङ्कारममलेश्वरम्॥
परल्यां वैद्यनाथं च डाकिन्यां भीमशङ्करम्।
सेतुबन्धे तु रामेशं नागेशं दारुकावने॥
वाराणस्यां तु विश्वेशं त्र्यम्बकं गौतमीतटे।
हिमालये तु केदारं घुश्मेशं च शिवालये॥
एतानि ज्योतिर्लिङ्गानि सायं प्रातः पठेन्नरः।
सप्तजन्मकृतं पापं स्मरणेन विनश्यति॥
एतेशां दर्शनादेव पातकं नैव तिष्ठति।
कर्मक्षयो भवेत्तस्य यस्य तुष्टो महेश्वराः॥:🙏 सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम्।
उज्जयिन्यां महाकालमोङ्कारममलेश्वरम्॥
परल्यां वैद्यनाथं च डाकिन्यां भीमशङ्करम्।
सेतुबन्धे तु रा

Shravan Goud

आभार,: गुगल कालहस्तेश्वर तिरुपति 🙏🙏 सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम्। उज्जयिन्यां महाकालमोङ्कारममलेश्वरम्॥ परल्यां वैद्यनाथं च ड

read more
ॐ नमः शिवाय 🙏🙏 आभार,: गुगल कालहस्तेश्वर तिरुपति 🙏🙏
सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम्।
उज्जयिन्यां महाकालमोङ्कारममलेश्वरम्॥
परल्यां वैद्यनाथं च ड

Pnkj Dixit

ॐ सुप्रभात 💐 पिताचार्य: सुह्रन्माता भार्यापुत्र: पुरोहित: । नाSदण्डअ्योनाम राज्ञोSस्ति य: स्वधर्मे न तिष्ठति ।। वह पिता ,आचार्य , मित्र

read more
#OpenPoetry ॐ सुप्रभात 💐
  
पिताचार्य: सुह्रन्माता भार्यापुत्र: पुरोहित: ।
नाSदण्डअ्योनाम राज्ञोSस्ति य: स्वधर्मे न तिष्ठति ।।

वह पिता ,आचार्य , मित्र ,माता, पत्नि ,पुत्र व पुरोहित 
आदि जो अपने धर्म पर स्थिर नहीं रह पाते , 
वे सभी दंड पाने योग्य है ।
।।
🚩ॐ वन्दे वेद प्रकाशम्🚩
🚩जय वैदिक सनातन धर्म संस्कृति 🚩
🚩जय श्री राम 🚩 ॐ सुप्रभात 💐
  
पिताचार्य: सुह्रन्माता भार्यापुत्र: पुरोहित: ।
नाSदण्डअ्योनाम राज्ञोSस्ति य: स्वधर्मे न तिष्ठति ।।

वह पिता ,आचार्य , मित्र

Anchal Tiwari

ईश्वरः पाषाणे लभ्यते किन्तु मानवः मनुष्ये न लभ्यते। वयं ईश्वरं वदामः यत् भवता निर्मिते जगति भवतः किमपि किमर्थं न प्राप्नुमः।परन्तु किं वयं स #Thoughts #yqbaba #mahadev #yqdidi #Bholenath #Sanskrit #nojohindi #anchuuquotess #anchaltiwaripoetry #miraculousthoughts

read more
ईश्वरः पाषाणे लभ्यते किन्तु मानवः मनुष्ये न लभ्यते। वयं ईश्वरं वदामः यत् भवता निर्मिते जगति भवतः किमपि किमर्थं न प्राप्नुमः।परन्तु किं वयं स्वयमेव तेषां सदृशाः भवितुम् अर्हति।
पत्थर में ईश्वर मिल सकता है लेकिन मनुष्य में मनुष्य नहीं मिलता । हम ईश्वर से कहते हैं कि आप की बनाई इस दुनिया मे कोई आप सा क्यों नही मिलता, परंतु क्या हम खुद उनके जैसा बन पाते हैं।
हर हर महादेव ❤️

©Anchal Tiwari ईश्वरः पाषाणे लभ्यते किन्तु मानवः मनुष्ये न लभ्यते। वयं ईश्वरं वदामः यत् भवता निर्मिते जगति भवतः किमपि किमर्थं न प्राप्नुमः।परन्तु किं वयं स

Digg

भगवान शिव के द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक "रामेश्वरम्" है..... . . जिसकी स्थापना श्री राम ने रामसेतु बनाने से पहले की थी ! जब हनुमान जी न #God #Shiva #spiritual #Stories #कहानी #nojotostory #nojato #shivaki

read more
रामेश्वरम् .... भगवान शिव के द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक "रामेश्वरम्" है.....
.
.
जिसकी स्थापना श्री राम ने रामसेतु बनाने से पहले की थी !
जब हनुमान जी न

Vikas Sharma Shivaaya'

सनातन परंपरा में सप्ताह का प्रत्येक दिन किसी न किसी देवता या ग्रह से जुड़ हुआ है. बुधवार का दिन बुध ग्रह से संबंधित है. बुध बुद्धि के कारक म #समाज

read more
सनातन परंपरा में सप्ताह का प्रत्येक दिन किसी न किसी देवता या ग्रह से जुड़ हुआ है. बुधवार का दिन बुध ग्रह से संबंधित है. बुध बुद्धि के कारक माने जाते हैं. बुध सौरमंडल का सबसे छोटा ग्रह है. सूर्य से निकटता के कारण इनका प्रकाश प्रखर है. ग्रहों की परिषद में बुध को युवराज कहा गया है. बुधवार को विशेष रूप से गणपति का और लक्ष्मी जी का वार भी माना गया है. 

बुध(Mercury )प्रार्थना मंत्र ?
उत्पात रूपी जगतां चंद्रपुत्रो महाद्युतिः।
सूर्य प्रिय करो विद्वान पीडां दहतु में बुधः।।

गणेश गायत्री मंत्र: -
ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो बुदि्ध प्रचोदयात।।
एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।
महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।
गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।

विष्णु सहस्रनाम (एक हजार नाम) आज 67 से 77  नाम 

67 ज्येष्ठः सबसे अधिक वृद्ध या या बड़ा
68 श्रेष्ठः सबसे प्रशंसनीय
69 प्रजापतिः ईश्वररूप से सब प्रजाओं के पति
70 हिरण्यगर्भः ब्रह्माण्डरूप अंडे के भीतर व्याप्त होने वाले
71 भूगर्भः पृश्वी जिनके गर्भ में स्थित है
72 माधवः माँ अर्थात लक्ष्मी के धव अर्थात पति
73 मधुसूदनः मधु नामक दैत्य को मारने वाले
74 ईश्वरः सर्वशक्तिमान
75 विक्रमः शूरवीर
76 धन्वी धनुष धारण करने वाला
77 मेधावी बहुत से ग्रंथों को धारण करने के सामर्थ्य वाला

🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय🌹

©Vikas Sharma Shivaaya' सनातन परंपरा में सप्ताह का प्रत्येक दिन किसी न किसी देवता या ग्रह से जुड़ हुआ है. बुधवार का दिन बुध ग्रह से संबंधित है. बुध बुद्धि के कारक म

Vikas Sharma Shivaaya'

सूर्य गायत्री मंत्र: सूर्य देव इस संसार के सभी प्राणियों के जीवन के श्रोत हैं. सूर्य देव के ही कारण इस संसार में जीवन का चक्र संभव हो सका है #समाज

read more
सूर्य गायत्री मंत्र:
सूर्य देव इस संसार के सभी प्राणियों के जीवन के श्रोत हैं. सूर्य देव के ही कारण इस संसार में जीवन का चक्र संभव हो सका है.

-ॐ आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्न: सूर्य: प्रचोदयात |

-ओम भास्कराय विधमहे दिवा कराया धीमहि तन्नो सूर्य प्रचोदयात |

-ओम आस्वादवजया विधमहे पासा हस्ताय धीमहि तन्नो सूर्य प्रचोदयात |
समस्त प्रकार के रोगों से मुक्ति प्रदान करने की शक्ति इस मंत्र में हैं. 

 भैरव गायत्री मंत्र:
-ऊँ शिवगणाय विद्महे। गौरीसुताय धीमहि तन्नो भैरव प्रचोदयात।।

विष्णु सहस्रनाम:(एक हजार नाम) आज 23 से 44 नाम 
23 केशवः जिसके केश सुन्दर हों
24 पुरुषोत्तमः पुरुषों में उत्तम
25 सर्वः सर्वदा सब कुछ जानने वाला
26 शर्वः विनाशकारी या पवित्र
27 शिवः सदा शुद्ध
28 स्थाणुः स्थिर सत्य
29 भूतादिः पंच तत्वों के आधार
30 निधिरव्ययः अविनाशी निधि
31 सम्भवः अपनी इच्छा से उत्पन्न होने वाले
32 भावनः समस्त भोक्ताओं के फलों को उत्पन्न करने वाले
33 भर्ता समस्त संसार का पालन करने वाले
34 प्रभवः पंच महाभूतों को उत्पन्न करने वाले
35 प्रभुः सर्वशक्तिमान भगवान्
36 ईश्वरः जो बिना किसी के सहायता के कुछ भी कर पाए
37 स्वयम्भूः जो सबके ऊपर है और स्वयं होते हैं
38 शम्भुः भक्तों के लिए सुख की भावना की उत्पत्ति करने वाले हैं
39 आदित्यः अदिति के पुत्र (वामन)
40 पुष्कराक्षः जिनके नेत्र पुष्कर (कमल) समान हैं
41 महास्वनः अति महान स्वर या घोष वाले
42 अनादि-निधनः जिनका आदि और निधन दोनों ही नहीं हैं
43 धाता शेषनाग के रूप में विश्व को धारण करने वाले
44 विधाता कर्म और उसके फलों की रचना करने वाले

🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय🌹

©Vikas Sharma Shivaaya' सूर्य गायत्री मंत्र:
सूर्य देव इस संसार के सभी प्राणियों के जीवन के श्रोत हैं. सूर्य देव के ही कारण इस संसार में जीवन का चक्र संभव हो सका है
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile