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ADITYA PAWAR
जीवनात संघर्ष काय असतो. हे शेतकऱ्याच्या मुलांना सांगाण्याची गरज पडत नाही कारण तो त्यांच्या रक्तातच असतो ....👳👳 #संघर्ष..... संघर्षमय जीवन
Mahesh Kumar
जिन्दगी को संघर्षमय ,बनाना ही होगा । जीवन में अनुशासन को ,अपनाना ही होगा । पाना चाहते हो यदि जीवन की, हर इक मंजिल को। तो हर हालात में संघर्ष करके, तुमको दिखाना ही होगा । जीवन को संघर्षमय बनाना ही होगा ।
Richa Mishra
# नया वर्ष संघर्ष , चुनौती प्रत्याकषर्ण ... भावनात्मक जोश में गुज़र जाते हैं ... " वो लम्हें " जिन्हें हम ___ बचपन की यादों में कभी " बंद संदूकों " में संजोया करते थे !! # नया वर्ष का आगमन !! # 2021 😊😊 # पुरातन यादें !! # संघर्षमय गाथा!!
Richa Mishra
# नया वर्ष संघर्ष , चुनौती प्रत्याकषर्ण ... भावनात्मक जोश में गुज़र जाते हैं ... " वो लम्हें " जिन्हें हम ___ बचपन की यादों में कभी " बंद संदूकों " में संजोया करते थे !! # नया वर्ष का आगमन !! # 2021 😊😊 # पुरातन यादें !! # संघर्षमय गाथा!!
Kishan Gupta
किचन की रानी, तू पसीने से लतपत, पंखा बना, मुझे घुमाये जा रही हो,, चाय कब तक यूँ ही, फीकी पिलाओगी, इलायची के इंतजार में, अदरक पीसे जा रही हो। ~किशन गुप्ता #कविता #कविता #
Awanish Singh
दीप हूँ जलता रहूँगा । मैं प्रलय की आँधियों से, अंत तक लड़ता रहूँगा ।। पार जाऊँगा मेरा साहस, कभी हारा नहीं है। जो मिटा अस्तित्व दे, ऐसी कोई धारा नहीं है ।। कौन रोकेगा स्वयं तूफान, थककर रुक गये हैं । हर लहर मेरा किनारा, ध्येय तक बढ़ता रहूँगा।। दीप हूँ जलता रहूँगा । मैं प्रलय की आँधियों से, अंत तक लड़ता रहूँगा ।। तोड़ दी अवरोध की सारी, शिलाएँ एक क्षण में । मैं धरा का प्यार मुझको, स्नेह देते सब डगर में।। शीत वर्षा और आतप कर, न पाये क्षीण गति को। बिजलियों की कौंध में भी, पंथ गढ़ता ही रहूँगा।। दीप हूँ जलता रहूँगा । मैं प्रलय की आँधियों से, अंत तक लड़ता रहूँगा ।। ©Awanish Singh (AK Sir) #कविता #कविता
Balu Khaire
भीगी हुई आँखोका मंजर न मिलेगा, घर छोडकर मत जाओ कही घर ना मिलेगा। फिर याद बहुत आएगी जुल्फो की शाम, जब धूप मे साया कोई सर न मिलेगा। आंसू को काभि ओस का कतरा न समझना, ऐसा तुम्हे चाहत का समुदर ना मिलेगा। इस ख्वाब के माहोल मे बे-ख्वाब है आँखे, जब निंद बहुत आएगी बिस्तर ना मिलेगा। ये सोचलो आखरी साया है मोहब्बत, इस दरसे उठोगे तो कोई दर ना मिलेगा ©Balu Khaire कविता कविता #lonely
vijaysinh
writing quotes in hindi मन पीढ़ा से बैचेन हो जाता है, तब जा के क़लम कागज स्याही रोता है। क़लम खुद का नहीं,औरों का दुख रोता हैं। हर पन्ने पर क्रांति की बीज बोता है। दुनिया में सब से ज्यादा दुखी क़लम हैं, हर वक़्त खून के आंसू रोता है, खून रूपांतर चंद लकीरों में होता है। अब लोक उसे अल्फ़ाज़ समजते हैं पर वह अल्फ़ाज़ नहीं लब होते हैं जो क़लम के दिलसे निकले होते है। #कविता #क़लम कविता