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shamawritesBebaak_शमीम अख्तर

#ramnavmi *जम्हूरियत में फसादे चिंगारी नहीं चलती *अवाम में ऐसी सरकारे नहीं चलती१ *जनतंत्र*जनता सुलतान सल्तनत में *उल्फत का पैगाम दीजिए, इसम #Live #writersofindia #nojotohindi #ShsmawritesBebaak

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अदनासा-

MAHENDRA SINGH PRAKHAR

गीत :- आ गया नवरात्रि का त्यौहार है । देख लो माँ का सजा दरबार है ।। आ गया नवरात्रि का त्यौहार है ... #कविता

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गीत :-
आ गया नवरात्रि का त्यौहार है ।
देख लो माँ का सजा दरबार है ।।
आ गया नवरात्रि का त्यौहार है ...

लोग माँ की कर रहे हैं अर्चना ।
सुन रही हैं मातु सबकी वंदना ।।
और हठ बैठे किए कुछ भक्त हैं ।
मातु पे सुत का सदा अधिकार है ।
आ गया नवरात्रि का त्यौहार है.....

मातु सेवा में लगा दी पीढियाँ ।
चढ़ रहे हम भक्त सारे सीढियाँ ।।
उन पहाड़ों पे करे माँ वास है ।
सुन रही वो भक्त की दरकार है ।
आ गया नवरात्रि का त्यौहार है....

गीत गाकर आज बंदनवार कर ।
मातु का अब भोग भी तैयार कर ।।
आ गई हैं कर सवारी सिंह की ।
अब उन्हीं की हर तरफ जयकार है ।।
आ गया नवरात्रि का त्यौहार है....

मोह माया छोड़ माँ के द्वार चल ।
फिर न मौका ही मिलेगा सोच कल ।।
भूल तेरी आज हो जाये क्षमा ।
कष्ट से होते वही उद्धार है ।
आ गया नवरात्रि का त्यौहार है ।।

आ गया नवरात्रि का त्यौहार है ।
देख लो माँ का सजा दरबार है ।।
१०/०४/२०२४    -    महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR गीत :-

आ गया नवरात्रि का त्यौहार है ।

देख लो माँ का सजा दरबार है ।।

आ गया नवरात्रि का त्यौहार है ...

Ravindra Singh

#navratri हे माँ भवानी हे माता रानी , हे माँ भवानी तूने समझा मुझे, दिल की बात मेरी जानी । मुझको बुलाया तेरे दर पर , दिया आशीर्वाद तेरा बे #Bhakti

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हे माँ भवानी

हे माता रानी , हे माँ भवानी 
तूने समझा मुझे, दिल की बात मेरी जानी ।

मुझको बुलाया तेरे दर पर ,
दिया आशीर्वाद तेरा बेटा समझ कर ।

उठाया ज़मीन से ,इस लायक़ बनाया ,
ज़रूरतें हुई पूरी, माँ तूने रास्ता दिखाया ।

टूट गया था एक रोज़ मैं माँ ,
थे दरवाज़े सभी के, मेरे लिये बंद यहाँ ।

एक तू ही थी जो मेरे साथ खड़ी थी ,
थामी मेरी अंगुली जब मेरी कठिन घड़ी थी ।

तेरा उपकार माँ मैं सदैव याद रखूँगा ,
तेरे बुलाने पर तेरे दरबार आऊँगा ,मैंने है ठानी ।

हे माता रानी , हे माँ भवानी 
तूने समझा, दिल की बात मेरी जानी ।

©Ravindra Singh #navratri हे माँ भवानी

हे माता रानी , हे माँ भवानी 
तूने समझा मुझे, दिल की बात मेरी जानी ।

मुझको बुलाया तेरे दर पर ,
दिया आशीर्वाद तेरा बे

Ravindra Singh

#navratri माँ दुर्गा माँ तूने राह दिखाई है , तू ही मंज़िल तक पहुँचाना । मेरा तुझ पर अटूट विश्वास है , तू मेरी नैया पार लगाना । #Bhakti

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माँ दुर्गा

माँ तूने राह दिखाई है ,
तू ही मंज़िल तक पहुँचाना ।

मेरा तुझ पर अटूट विश्वास है ,
तू मेरी नैया पार लगाना ।

हो भूल तो अपने हाथों से दंडित करना मुझे ,
न करना ख़ुद से दूर कभी, क़सम है मेरी तुझे ।

हर चीज़ सह सकता हूँ ,
पर तेरा रूठना नहीं ।

मेरे लिये तू कोई मूर्ति नहीं ,
मेरी जीती जागती माँ है ।

तू सुनती है मेरी हर बात ,
तू मेरा सारा ज़हान है ।

तेरे दरबार में बातें करते हुए तुझ से ,
जैसे मैं सुकून के समंदर में चला जाता हूँ ।

तू भी नहीं ऊबती मेरी बातों से ,
तो मैं भी घंटों तुझसे बातें बतलाता हूँ ।

तू बेशक मुख से नहीं देती उत्तर ,
हर प्रश्न का उत्तर तेरे अहसास से मैंने जाना ।

माँ तूने राह दिखाई है ,
तू ही मंज़िल तक पहुँचाना ।

मेरा तुझ पर अटूट विश्वास है ,
तू मेरी नैया पार लगाना ।

©Ravindra Singh #navratri माँ दुर्गा

माँ तूने राह दिखाई है ,
तू ही मंज़िल तक पहुँचाना ।

मेरा तुझ पर अटूट विश्वास है ,
तू मेरी नैया पार लगाना ।

Mahadev Son

मेरी माँ का दरबार... मम देवालय #Bhakti

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MAHENDRA SINGH PRAKHAR

गीत :- द्वार माँ के आ गया हूँ आज सुनकर वंदना । दीप मन में जल गये हैं मातु की कर साधना ।। #कविता

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गीत :-
द्वार माँ के आ गया हूँ आज सुनकर वंदना ।
दीप मन में जल गये हैं मातु की कर साधना ।।

ज्ञान की देवी तुम्हीं हो दिख रहा संसार में ।
शीश सबके झुक रहे है आज तो दरबार में ।।
हो कृपा सब पर यहाँ सब कर रहें.हैं अर्चना ।
द्वार माँ के आ गया हूँ.....

हाथ पुस्तक और वीणा मातु तू है धारती ।
ज्ञान देकर आप जन को माँ सदा ही तारती ।।
दूर हो जाता तिमिर जब भक्त करता कामना ।
द्वार माँ के आ गया हूँ ...

माघ तिथि की पंचमी को मातु जन्मोत्सव हुआ ।
है खुशी की ये लहर सब भक्त करते हैं दुआ ।।
मातु छवि मन मे बसाकर कर रहे हम कल्पना ।
द्वार माँ के आ गया हूँ ...।

द्वार माँ के आ गया हूँ आज सुनकर वंदना ।
दीप मन में जल गये हैं मातु की कर साधना ।।

१४/०२/२०२४      -   महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR 

गीत :-


द्वार माँ के आ गया हूँ आज सुनकर वंदना ।

दीप मन में जल गये हैं मातु की कर साधना ।।
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